जोधपुर में बैंक प्रबंधक के आवास पर CBI का छापा.
जोधपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक विवेक कछवाहा के मंडोर स्थित आवास पर CBI ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की। DIG राजवीर सिंह के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में प्रॉपर्टी दस्तावेज, शेयर बाजार निवेश और बैंक खातों की जांच की गई। कछवाहा को फरवरी 2025 में KCC के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। जांच जारी है, और भ्रष्टाचार के इस मामले ने शहर में सनसनी मचा दी है।

जोधपुर, 9 जुलाई 2025: राजस्थान के जोधपुर शहर में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक विशेष टीम ने बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक विवेक कछवाहा के मंडोर स्थित आवास पर सुबह-सुबह छापेमारी की। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोपों के तहत की गई, जिसने शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। CBI की यह सनसनीखेज कार्रवाई DIG राजवीर सिंह के नेतृत्व में हुई, जिसमें कछवाहा के घर से प्रॉपर्टी दस्तावेज, शेयर बाजार में निवेश से जुड़े कागजात और बैंक खातों की गहन तलाशी ली गई।
कैसे शुरू हुई यह हाई-प्रोफाइल जांच?
CBI को लंबे समय से विवेक कछवाहा पर शक था। सूत्रों के अनुसार, कछवाहा की जीवनशैली और संपत्ति उनके ज्ञात आय स्रोतों से कहीं अधिक थी। जांच एजेंसी को संदेह था कि कछवाहा ने भ्रштाचार और अवैध तरीकों से अकूत संपत्ति अर्जित की है। इस छापेमारी में CBI ने उनके मंडोर स्थित शानदार आवास को खंगाला, जहां महंगे सामान, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और शेयर बाजार में भारी-भरकम निवेश से जुड़े कागजात बरामद किए गए। इसके अलावा, कछवाहा के बैंक खातों की भी बारीकी से जांच की जा रही है ताकि धन के स्रोत का पता लगाया जा सके।
पहले भी घूसखोरी में लपेटे में आ चुके हैं कछवाहा
यह कोई पहला मौका नहीं है जब विवेक कछवाहा CBI के रडार पर आए हैं। फरवरी 2025 में CBI ने उन्हें एक अन्य मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उस समय कछवाहा पर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी करने के बदले रिश्वत लेने का आरोप था। सूत्रों के मुताबिक, कछवाहा ने KCC के लिए आवेदकों से मोटी रकम वसूल की थी, जिसके बाद CBI ने जाल बिछाकर उन्हें धर दबोचा था। इस गिरफ्तारी ने कछवाहा की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए थे, और अब आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
कछवाहा की घूसखोरी का पुराना इतिहास
फरवरी में हुई गिरफ्तारी ने कछवाहा की भ्रष्ट कार्यशैली को उजागर किया था। उस समय CBI को सूचना मिली थी कि कछवाहा KCC जारी करने के नाम पर किसानों और आवेदकों से मोटी रकम वसूल रहे थे। CBI ने एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत कछवाहा को रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। इस घटना ने बैंक ऑफ बड़ौदा की साख पर भी सवाल उठाए थे, क्योंकि एक शाखा प्रबंधक के स्तर पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार सामने आना बैंक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है।
CBI की यह कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है। कछवाहा के खिलाफ और सबूत जुटाए जा रहे हैं। उनके बैंक खातों, संपत्तियों और शेयर बाजार में निवेश की जांच के बाद CBI यह तय करेगी कि अगला कदम क्या होगा। अगर कछवाहा के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, यह मामला बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए भी एक बड़ा झटका है, क्योंकि पहले भी इस बैंक के कई शाखा प्रबंधकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं।
CBI की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। DIG राजवीर सिंह के नेतृत्व में यह ऑपरेशन न केवल कछवाहा के खिलाफ सबूत जुटाने में अहम साबित हो सकता है, बल्कि यह अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी है। CBI ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो।