जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 360 किलो विस्फोटक जब्त, 2 डॉक्टरों समेत 7 गिरफ्तार; आतंकी संगठनों से जुड़े तार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में 360 किलो विस्फोटक जब्त कर दो डॉक्टरों समेत 7 को गिरफ्तार किया, लश्कर और जैश से जुड़े तार मिले,
फरीदाबाद/जम्मू, 10 नवंबर 2025: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हरियाणा के फरीदाबाद जिले में 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की है। इस कार्रवाई में दो डॉक्टरों समेत सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो असॉल्ट राइफलें और दो पिस्टलें भी बरामद हुई हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी दो प्रमुख आतंकी संगठनों—लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)—के साथ जुड़े हुए थे। यह खुलासा कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंकी गतिविधियों के बीच एक महत्वपूर्ण झटका माना जा रहा है।
घटना का विवरण: फरीदाबाद में डॉक्टर के घर पर दबिश जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष इकाई ने गुप्त सूचना के आधार पर हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक डॉक्टर के आवास पर छापा मारा। यह कार्रवाई शनिवार देर रात को अंजाम दी गई, जब पुलिस को शक हुआ कि यहां से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए विस्फोटक और हथियार सप्लाई किए जा रहे थे। छापे के दौरान घर के विभिन्न कमरों से कुल 360 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए, जिनमें आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री शामिल थी। इसके अलावा, दो असॉल्ट राइफलें (जिनमें एक AK-47 सीरीज की बताई जा रही है), दो पिस्टलें और सैकड़ों कारतूस भी जब्त किए गए।गिरफ्तार सात व्यक्तियों में दो चिकित्सक प्रमुख हैं। मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील (उम्र करीब 28 वर्ष) है, जो मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के कॉइल गांव का निवासी है। शकील ने फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी से मेडिकल की डिग्री प्राप्त की थी और वर्तमान में फरीदाबाद में ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा था। पुलिस के अनुसार, शकील लंबे समय से LeT के नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और वह विस्फोटकों की खरीद-फरोख्त का मुख्य सूत्रधार था। उसके घर से मिले दस्तावेजों से पता चला कि वह कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल्स को हथियार और विस्फोटक सप्लाई कर रहा था।दूसरा गिरफ्तार डॉक्टर का नाम आदिल अहमद है, स्रोतों के मुताबिक यह भी कश्मीरी मूल का है और फरीदाबाद में ही रहता था। बाकी पांच आरोपी स्थानीय स्तर पर लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करने वाले थे, जिनमें से कुछ हरियाणा और उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को हथियारों का हब बना चुका था, जहां से सामग्री को कश्मीर ट्रांसपोर्ट किया जाता था।
सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद हिरासत में यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस की हालिया अभियानों की कड़ी है। मात्र तीन दिन पहले, 7 नवंबर 2025 को, पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक अन्य डॉक्टर, आदिल अहमद (उम्र 32 वर्ष) को गिरफ्तार किया था। आदिल मूल रूप से कश्मीर के अनंतनाग जिले का रहने वाला है। उसने अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी और वहां जूनियर डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था। 2024 में उसने अचानक नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सहारनपुर शिफ्ट हो गया, जहां वह एक प्राइवेट क्लिनिक चला रहा था।पुलिस जांच में पता चला कि आदिल JeM के एक ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) के रूप में काम कर रहा था। उसके पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ संदिग्ध दवाओं के स्टॉक बरामद हुए, जो आतंकी ट्रेनिंग कैंपों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं से मिलते-जुलते थे। आदिल पर आरोप है कि वह कश्मीर में युवाओं को भड़काने और फंडिंग इकट्ठा करने का काम कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके संपर्कों की जांच तेज कर दी, जिसके नतीजे में फरीदाबाद का यह नेटवर्क फंस गया।
आतंकी कनेक्शन और जांच का दायरा; जांच एजेंसियों ने बताया कि गिरफ्तार सभी सात आरोपी LeT और JeM के संयुक्त नेटवर्क का हिस्सा थे। ये संगठन कश्मीर घाटी में IED ब्लास्ट और टारगेटेड अटैक को अंजाम देने के लिए हथियार जुटा रहे थे। विशेष रूप से, मुजम्मिल शकील का नाम पुलवामा हमले (2019) के बाद सक्रिय हुए कुछ मॉड्यूल्स से जुड़ा पाया गया है। पुलिस को शक है कि यह गिरोह पाकिस्तान से निर्देश प्राप्त कर रहा था, और दिल्ली-एनसीआर को ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) ने एक बयान में कहा, "यह कार्रवाई कश्मीर में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण है। हम हाई-प्रोफाइल प्रोफेशनल्स जैसे डॉक्टरों को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल होने से रोकने के लिए सतर्क हैं।" एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को भी मामले में शामिल किया गया है, और गिरफ्तारों से पूछताछ जारी है। संभावना है कि इससे और गिरफ्तारियां होंगी।
पृष्ठभूमि: डॉक्टरों का आतंकवाद में शामिल होना—एक चिंताजनक ट्रेंड पिछले कुछ वर्षों में, कश्मीरी डॉक्टरों का आतंकी नेटवर्क में शामिल होना एक नया खतरा बनकर उभरा है। शिक्षा प्राप्त युवाओं का यह रुख सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक प्रलोभन और वैचारिक ब्रेनवॉशिंग के कारण ऐसे केस बढ़ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में 'ऑपरेशन ऑल आउट' के तहत ऐसे 50 से अधिक OGW को गिरफ्तार किया है।