घटना का पूरा विवरण
जयपुर के भारतेन्दु नगर, खातीपुरा क्षेत्र में रहने वाली 27 वर्षीय विनोद, जो मूल रूप से धोद (सीकर) की रहने वाली थीं, 29 सितंबर 2025 को अपने घर में फंदे से लटकी हुई पाई गईं। परिजनों ने दोपहर करीब 3:30 बजे शव की खोज की। विनोद की शादी जनवरी 2018 में सुशील (धोद, सीकर निवासी, जो आर्मी का दावा करता था लेकिन सिविल डिफेंस में था) से हुई थी। शादी के छह महीने बाद से दहेज की मांग शुरू हो गई, जिसमें ससुराल पक्ष द्वारा गाली-गलौच, मारपीट और लगातार प्रताड़ना दी जाती थी। परिवार ने शुरुआत में 3-4 लाख रुपये दिए, बाद में जमीन बेचकर 18 लाख रुपये भी दिए, लेकिन टॉर्चर जारी रहा। इसके अलावा, सुशील बेटे की चाहत में दबाव बनाता था और दूसरी शादी की धमकी देता था। विनोद की एक बेटी की बीमारी के दौरान इलाज न करवाने से उसकी मौत हो चुकी थी। हाल ही में 19-20 सितंबर को 30 हजार रुपये लाने के लिए विनोद को पीहर भेजा गया था, लेकिन रविवार को वह जयपुर लौटीं। पुलिस के अनुसार, सुशील काम पर गया था और बच्चियां स्कूल में थीं, उसके बाद यह घटना हुई।
परिवार के बयान और आरोप
मृतका के भाई सचिन ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें ससुराल पक्ष पर हत्या का सीधा आरोप लगाया गया है। उन्होंने बताया कि दहेज के लिए लंबे समय से प्रताड़ना सहती रहीं विनोद आखिरकार टूट गईं। परिवार का कहना है कि यह सुसाइड नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है, क्योंकि सुसाइड नोट कहीं नहीं मिला। परिजनों ने ससुराल वालों पर लगातार मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
वैशाली नगर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर FSL (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम की मदद से सबूत जुटाए। शव को कांवटिया हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने IPC की हत्या संबंधी धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और सुशील समेत ससुराल पक्ष के सदस्यों के खिलाफ जांच तेज कर दी है। SHO राजेश सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में दहेज प्रताड़ना के स्पष्ट संकेत मिले हैं, और पूरी घटना की गहन जांच की जा रही है। प्रशासन ने परिवार को सहायता का आश्वासन दिया है।
दहेज प्रताड़ना पर जागरूकता
राजस्थान में दहेज संबंधी मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा की गंभीर समस्या को उजागर करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शादी से पहले ही दहेज न देने का संकल्प लें और किसी भी प्रताड़ना की स्थिति में तुरंत पुलिस या महिला हेल्पलाइन से संपर्क करें। इस घटना ने एक बार फिर दहेज उन्मूलन अभियान की आवश्यकता पर बल दिया है