जयपुर हादसा: डंपर ड्राइवर की बेरुखी, 13 जिंदगियां लीलने के बाद भी कोई पछतावा नहीं
जयपुर के हड़माड़ा रोड पर नशे में धुत डंपर ड्राइवर कल्याण मीणा ने 13 लोगों को कुचल दिया; हादसे से 10 मिनट पहले शराब पी थी, चेहरे पर कोई पछतावा नहीं, पुलिस को याद नहीं बताता, FSL को शराब के अलावा अन्य नशे की आशंका।
जयपुर, 5 नवंबर 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक भयानक सड़क हादसे ने पूरे शहर को सदमे में डाल दिया है। एक अनियंत्रित डंपर ने भीड़भाड़ वाली सड़क पर 13 निर्दोष लोगों को कुचल दिया, जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे। हादसे का शिकार ड्राइवर कल्याण मीणा पर न सिर्फ लापरवाही का आरोप है, बल्कि उसकी बेरुखी और शातिराना हरकतों ने जांच एजेंसियों को हैरान कर दिया है। आरोपी को घटना की कोई याद नहीं है और वह बार-बार अनजान बनने की कोशिश कर रहा है। फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट में शराब के अलावा अन्य नशीले पदार्थों की आशंका भी जताई गई है। यह घटना न सिर्फ सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की कमी को भी उजागर करती है।
हादसे का विवरण: मौत का तांडव घटना जयपुर के व्यस्त हड़माड़ा रोड इलाके में बीते सोमवार शाम करीब 6 बजे घटी। कल्याण मीणा नामक ड्राइवर एक भारी-भरकम डंपर चला रहा था, जो निर्माण सामग्री से लदा हुआ था। अचानक डंपर की स्पीड बेकाबू हो गई और वह पैदल यात्रियों की भीड़ में घुस गया। आंखों देखी और सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, डंपर ने करीब 200 मीटर तक लोगों को रौंदा, जिससे मौके पर ही 13 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 5 महिलाएं, 4 बच्चे और 4 बुजुर्ग शामिल हैं। घायलों की संख्या 20 से अधिक बताई जा रही है, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।पुलिस ने बताया कि हादसा इतना भयावह था कि सड़क पर खून की नदियां बहने लगीं। राहगीरों ने चीख-पुकार मचाई, लेकिन डंपर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। आखिरकार, डंपर एक दीवार से टकराकर रुका। स्थानीय लोग और ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और SMS अस्पताल में शवों और घायलों को पहुंचाया गया।
ड्राइवर की बेरुखी: कोई शिकन नहीं, कोई पछतावा नहीं सबसे चौंकाने वाली बात तो आरोपी ड्राइवर कल्याण मीणा के रवैये से सामने आई। हिरासत में लेने के बाद भी उसके चेहरे पर कोई उदासी या अपराधबोध नहीं दिखा। पुलिस पूछताछ में वह बार-बार यही दोहरा रहा है, "मुझे याद नहीं क्या किया।"ड्राइवर बहुत शातिर है। वह जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश कर रहा है। घटना के बाद भी वह शांत बैठा रहा, जैसे कुछ हुआ ही न हो। कोई आंसू नहीं, कोई माफी की गुजारिश नहीं।"कल्याण मीणा (उम्र 32 वर्ष) मूल रूप से टोंक जिले का निवासी है और जयपुर में एक निर्माण कंपनी के लिए काम करता है। उसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है, लेकिन पुलिस को शक है कि वह अक्सर नशे के आदी रहा है। हादसे से महज 10 मिनट पहले, मीणा ने हड़माड़ा रोड पर स्थित एक सरकारी शराब ठेके पर शराब पी थी। ठेके के मालिक ने पुलिस को बताया कि मीणा ने वहां दो पैग लिए थे और जाते समय लड़खड़ा रहा था। FSL की प्रारंभिक रिपोर्ट में उसके ब्लड सैंपल में शराब की भारी मात्रा पाई गई है, जो सीमा से कहीं अधिक है।
FSL रिपोर्ट: शराब के अलावा अन्य नशे की आशंका फॉरेंसिक जांच ने मामले को और गहरा मोड़ दिया है। FSL एक्सपर्ट्स ने बताया कि मीणा के ब्लड और यूरिन सैंपल में शराब के अलावा अन्य नशीले पदार्थों (जैसे गांजा या ड्रग्स) के सुराग मिले हैं। एक विशेषज्ञ ने कहा, "शराब अकेले इतनी बेकाबू ड्राइविंग का कारण नहीं बन सकती। हम गहन टेस्ट कर रहे हैं। अगर अन्य नशे की पुष्टि हुई, तो मामला IPC की धारा 304A (लापरवाही से मौत) से आगे बढ़कर हत्या का केस बन सकता है।" रिपोर्ट के अंतिम नतीजे 48 घंटों में आने की उम्मीद है।पुलिस ने मीणा के मोबाइल फोन और वाहन के ब्लैक बॉक्स की भी जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि डंपर की ब्रेक फेल नहीं हुई थी, बल्कि ड्राइवर की लापरवाही ही मुख्य कारण थी। मीणा ने दावा किया कि "वाहन खराब हो गया था," लेकिन तकनीकी जांच में यह झूठ साबित हो रहा है।
पीड़ित परिवारों का दर्द: न्याय की गुहार हादसे ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। मरने वालों में शामिल महिला मां ने रोते हुए कहा, "मेरी बहू बाजार से सब्जी लेने जा रही थी। कौन सा बाप इतना नशा करके सड़क पर उतरेगा? हमें न्याय चाहिए।" एक बच्चे के पिता ने बताया, "मेरा 8 साल का बेटा स्कूल से लौट रहा था। ड्राइवर को फांसी होनी चाहिए।" जयपुर कलेक्टर ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि और घायलों को 50 हजार रुपये की घोषणा की है।राजस्थान हाईकोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस को 7 दिनों में स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "ऐसे अपराधियों को सख्त सजा दी जाएगी। सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।"
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच; जयपुर पुलिस ने कल्याण मीणा के खिलाफ IPC की धारा 304A, 337, 338 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मीणा के साथी ड्राइवरों से भी पूछताछ की जा रही है, जो बताते हैं कि वह अक्सर नशे में वाहन चलाता था। निर्माण कंपनी पर भी लापरवाही का आरोप लग सकता है, क्योंकि डंपर का बीमा और फिटनेस सर्टिफिकेट चेक नहीं किया गया था।ट्रैफिक पुलिस ने हड़माड़ा रोड पर विशेष चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है, जहां शराब ठेकों के आसपास नशेड़ियों पर नजर रखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा राजस्थान में बढ़ते सड़क हादसों की कड़ी है, जहां 2025 में अब तक 2,500 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।