ISI का खतरनाक जाल: ज्योति मल्होत्रा को कैसे फंसाया गया, शाकिर बना जट रंधावा, दानिश ने रची साजिश
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (33-34 वर्ष) को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में 16 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया। 2023 में दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन में दानिश (एहसान-उर-रहीम) से मिलीं, जिसने उन्हें पाकिस्तान यात्रा के लिए प्रेरित किया। वहां अली अहवान ने ज्योति को ISI एजेंट शाकिर (उर्फ जट रंधावा) और राणा शहबाज से मिलवाया। ज्योति ने व्हाट्सएप, स्नैपचैट, और टेलीग्राम के जरिए भारत की संवेदनशील जानकारी, जैसे सीमा क्षेत्रों और सैन्य गतिविधियों की डिटेल, ISI को दी। उनके व्लॉग्स में भारत विरोधी प्रोपेगैंडा और पाकिस्तान की तारीफ थी। इस मामले में 13 लोग गिरफ्तार हुए, जिनमें गुजाला, नौमान इलाही, और अरमान शामिल हैं। ISI ने आर्थिक तंगी वाले यूट्यूबर्स को टारगेट किया। ज्योति पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज है। जांच NIA, IB, और हरियाणा पुलिस कर रही है।

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो अपने ट्रैवल व्लॉग्स के लिए मशहूर थीं, अब एक बड़े जासूसी मामले में फंस गई हैं। उनकी गिरफ्तारी ने पूरे देश को चौंका दिया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) ने कथित तौर पर ज्योति को जासूसी के लिए इस्तेमाल किया। इस मामले में 13 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें ज्योति का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। आइए, इस रोमांचक और हैरान करने वाली कहानी को सरल शब्दों में समझते हैं।
ज्योति मल्होत्रा का परिचय: एक आम यूट्यूबर से जासूस तक
ज्योति मल्होत्रा, जिन्हें ज्योति रानी के नाम से भी जाना जाता है, हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं। उनकी उम्र 33-34 साल है और वह अपने यूट्यूब चैनल "Travel with Jo" के जरिए मशहूर हुईं। उनके यूट्यूब पर 3.77 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 1.33 लाख फॉलोअर्स हैं। वह खुद को "नोमैडिक लियो गर्ल" और "पुराने खयालों की मॉडर्न लड़की" कहती थीं। ज्योति बाइक राइडिंग और सोलो ट्रैवल की शौकीन थीं। उन्होंने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, भूटान, इंडोनेशिया, और चीन जैसे देशों की यात्राएं कीं। लेकिन उनकी पाकिस्तान यात्राओं ने उन्हें संदेह के घेरे में ला दिया।
ज्योति कैसे फंसी ISI के जाल में?
ज्योति की जासूसी की कहानी 2023 में शुरू हुई, जब वह दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा के लिए गई थीं। वहां उनकी मुलाकात एक पाकिस्तानी अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। दानिश ने ज्योति से दोस्ती की और उन्हें पाकिस्तान यात्रा के लिए प्रेरित किया। दानिश ने उनकी वीजा प्रक्रिया को आसान किया और उन्हें पाकिस्तान भेजा।
पाकिस्तान में ज्योति की मुलाकात अली अहवान (कुछ जगहों पर अली हसन) नाम के शख्स से हुई, जिसने उनकी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था की। अली ने ज्योति को ISI के अधिकारियों, शाकिर और राणा शहबाज से मिलवाया। ज्योति ने शाकिर का नंबर अपने फोन में "जट रंधावा" के नाम से सेव किया ताकि कोई शक न करे।
ज्योति ने कथित तौर पर व्हाट्सएप, स्नैपचैट, और टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए इन लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखा। उन्होंने भारत के संवेदनशील स्थानों और घटनाओं की जानकारी साझा की, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा थी।
शाकिर उर्फ जट रंधावा: ISI का मास्टरमाइंड
शाकिर, जिसे ज्योति ने "जट रंधावा" के नाम से जाना, लाहौर का रहने वाला है। जांच में पता चला कि वह ISI का एजेंट है और उसने पिछले एक साल में कई बार अपनी पहचान बदली। वह अलग-अलग प्रोफाइल बनाकर भारतीयों, खासकर उन यूट्यूबर्स को टारगेट करता था, जिन्हें पैसे की जरूरत थी। शाकिर ने ज्योति को जासूसी के लिए इस्तेमाल किया और संवेदनशील जानकारी हासिल की। जांच एजेंसियों को शक है कि वह ISI का एक बड़ा ऑपरेटिव है।
दानिश: जासूसी नेटवर्क का सूत्रधार
एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा डेस्क पर काम करता था, लेकिन उसका असली काम जासूसी था। वह भारतीयों को फंसाने और ISI के लिए जासूस तैयार करने में माहिर था। दानिश ने ज्योति को न केवल पाकिस्तान भेजा, बल्कि उसे ISI के अन्य एजेंट्स से भी मिलवाया। 13 मई 2025 को भारत ने दानिश को "पर्सोना नॉन ग्राटा" घोषित कर देश से निकाल दिया।
ISI का टारगेट: गरीब और परेशान यूट्यूबर्स
ISI ने जासूसी के लिए उन लोगों को निशाना बनाया, जो आर्थिक तंगी या भावनात्मक कमजोरी से जूझ रहे थे। ज्योति के अलावा, पंजाब की गुजाला (32 साल, विधवा) और अन्य लोग भी इस जाल में फंसे। गुजाला को दानिश ने शादी का झांसा देकर फंसाया और उसे पैसे भेजे।
ISI ने यूट्यूबर्स को खासतौर पर टारगेट किया क्योंकि उनकी पहुंच लाखों लोगों तक थी। ज्योति के व्लॉग्स में वह पाकिस्तान की तारीफ करती थीं और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने की कोशिश करती थीं। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद ज्योति ने एक वीडियो में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को दोषी ठहराया था, जो संदेहास्पद था।
ज्योति का कबूलनामा: चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस पूछताछ में ज्योति ने कई बड़े खुलासे किए:
- उन्होंने स्वीकारा कि वह दानिश, शाकिर, और राणा शहबाज के संपर्क में थीं।
- उन्होंने भारत की संवेदनशील जानकारी, जैसे सीमा क्षेत्रों की स्थिति, सैन्य गतिविधियां, और कमजोर स्थानों की जानकारी ISI को दी।
- उनके व्लॉग्स में भारत-पाकिस्तान सीमा, जैसे अटारी और थार रेगिस्तान, की विस्तृत जानकारी थी, जो ISI के लिए उपयोगी थी।
- ज्योति ने दानिश के साथ नजदीकी रिश्ता बनाया और उसके साथ बाली (इंडोनेशिया) की यात्रा भी की।
- वह 2023 में वaisakhi उत्सव और अन्य मौकों पर चार बार पाकिस्तान गईं।
13 लोग गिरफ्तार: जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़
ज्योति के अलावा, इस मामले में 12 अन्य लोग गिरफ्तार किए गए हैं। ये लोग पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश से हैं। कुछ प्रमुख नाम:
- गुजाला: पंजाब की 32 साल की विधवा, जिसे दानिश ने शादी का झांसा देकर फंसाया।
- नौमान इलाही: उत्तर प्रदेश का 24 साल का सिक्योरिटी गार्ड, जिसने ISI को जानकारी दी।
- देवेंद्र सिंह ढिल्लों: हरियाणा के कैथल का 25 साल का छात्र, जिसने पटियाला कैंटोनमेंट की तस्वीरें साझा कीं।
- अरमान: हरियाणा के नूंह का 26 साल का युवक, जिसने भारतीय सिम कार्ड्स ISI को दिए और डिफेंस एक्सपो 2025 की जानकारी साझा की।
ये सभी लोग दानिश के संपर्क में थे और ISI के लिए काम कर रहे थे। जांच में पता चला कि ISI ने इन लोगों को पैसे, शादी के वादे, और भावनात्मक लालच देकर फंसाया।
ज्योति की गतिविधियां: यूट्यूब बना हथियार
ज्योति का यूट्यूब चैनल "Travel with Jo" और इंस्टाग्राम अकाउंट (@travelwithjo1) उनकी जासूसी का मुख्य जरिया था। उनके वीडियोज में निम्नलिखित संदिग्ध गतिविधियां थीं:
- पाकिस्तान की तारीफ: ज्योति ने अपने व्लॉग्स में लाहौर को "पाकिस्तान का सांस्कृतिक दिल" बताया और वहां के मंदिरों, बाजारों, और रमजान फूड टूर को दिखाया।
- सीमा क्षेत्रों की रेकी: उनके अटारी और थार रेगिस्तान के वीडियोज में सैन्य तैनाती, बाड़बंदी, और कमजोर स्थानों की जानकारी थी।
- ISI के लिए प्रोपेगैंडा: ज्योति ने अपने वीडियोज में पाकिस्तान का सकारात्मक चित्रण किया और भारत के खिलाफ गलत नैरेटिव बनाया।
कानूनी कार्रवाई और जांच
ज्योति को 16 मई 2025 को हिसार पुलिस ने गिरफ्तार किया। उन पर निम्नलिखित धाराओं में केस दर्ज किया गया:
- ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923: धारा 3, 4, और 5 (जासूसी और गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप)।
- भारतीय न्याय संहिता (BNS): धारा 152 (राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप)।
ज्योति को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। उनकी डिजिटल डिवाइसेज और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस की जांच चल रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), और हरियाणा पुलिस संयुक्त रूप से इस मामले की जांच कर रही हैं।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर से कनेक्शन
यह पूरा मामला अप्रैल 2022 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सामने आया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इसके जवाब में "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस दौरान ज्योति और अन्य आरोपियों के ISI से संपर्क की बात सामने आई।
ज्योति के पिता का बयान
ज्योति के पिता, हरिस मल्होत्रा ने अपनी बेटी का बचाव करते हुए कहा कि वह केवल यूट्यूब वीडियोज के लिए पाकिस्तान गई थीं। उन्होंने कहा, "अगर उसने वहां दोस्त बनाए, तो क्या वह उनसे बात नहीं कर सकती? पुलिस ने हमारे पूरे परिवार के फोन जब्त कर लिए हैं।"
ज्योति को शर्मिंदगी?
ज्योति ने पूछताछ के दौरान कोई पछतावा नहीं दिखाया। एक अधिकारी के अनुसार, "वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थी और जांच में गुमराह करने की कोशिश करती थी।" हालांकि, उनके कबूल
ISI का मकसद और खतरा
ISI का मकसद था:
- भारतीय गुप्तचरों की पहचान करना।
- भारत के संवेदनशील स्थानों की जानकारी हासिल करना।
- सोशल मीडिया के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाना।
ज्योति जैसे प्रभावशाली यूट्यूबर्स को ISI ने इसलिए चुना क्योंकि वे लाखों लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकते थे। यह एक नया युद्ध का तरीका है, जिसमें सोशल मीडिया को हथियार बनाया जा रहा है।
इस मामले ने दिखाया कि कैसे सोशल मीडिया और प्रभावशाली लोग अनजाने में या लालच में आकर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। ज्योति की कहानी एक चेतावनी है कि हमें अपनी ऑनलाइन गतिविधियों और विदेशी संपर्कों के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
ज्योति मल्होत्रा का मामला एक चेतावनी है कि कैसे आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। यह कहानी न केवल जासूसी की साजिश को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे छोटे-छोटे लालच बड़े खतरों का कारण बन सकते हैं। जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं