तुर्किए के भारत विरोधी रुख पर इंडिगो की कड़ी कार्रवाई: तुर्किश एयरलाइंस से साझेदारी खत्म की
इंडिगो ने तुर्किश एयरलाइंस के साथ अपनी साझेदारी खत्म करने का फैसला लिया है, जो तुर्किए के पाकिस्तान समर्थन और भारत विरोधी रुख के कारण लिया गया। DGCA के निर्देश पर इंडिगो 31 अगस्त 2025 तक तुर्किश एयरलाइंस से डैम्प लीज पर लिए दो बोइंग 777-300ER विमानों का समझौता समाप्त कर देगा। यह कदम भारत-तुर्किए के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव का परिणाम है, जिसमें तुर्किए के कश्मीर पर बयान और पाकिस्तान को सैन्य सहायता शामिल है। इंडिगो अब अपने A320neo और A321neo विमानों के जरिए इस्तांबुल की उड़ानें जारी रखेगा और भविष्य में A321XLR व A350 विमानों के साथ आत्मनिर्भर बनेगा। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey जैसे अभियानों और अन्य क्षेत्रों में तुर्किए के साथ संबंध खत्म करने की मांग ने इस फैसले को और बल दिया।

भारत की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन इंडिगो ने तुर्किश एयरलाइंस के साथ अपनी साझेदारी खत्म करने का बड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय तुर्किए द्वारा पाकिस्तान के समर्थन और भारत के खिलाफ रुख अपनाने के बाद लिया गया है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इंडिगो 31 अगस्त 2025 तक तुर्किश एयरलाइंस के साथ अपने 'डैम्प लीज' समझौते को पूरी तरह समाप्त कर देगा। यह कदम भारत और तुर्किए के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच उठाया गया है, जो तुर्किए के पाकिस्तान समर्थन और कश्मीर मुद्दे पर उसके बयानों से और गहराया है।
हाल ही में तुर्किए ने भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, जिसके बाद भारत में तुर्किए के खिलाफ जनता और सरकार का गुस्सा बढ़ा। तुर्किए ने न केवल पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया, बल्कि कश्मीर मुद्दे पर भी भारत विरोधी बयान दिए। इसके जवाब में भारत ने तुर्किए से जुड़े कई व्यावसायिक संबंधों की समीक्षा शुरू की। इंडिगो और तुर्किश एयरलाइंस के बीच 2018 से चला आ रहा कोडशेयर समझौता और 2023 से लागू डैम्प लीज व्यवस्था अब इस तनाव की भेंट चढ़ गई है।
डैम्प लीज समझौता क्या है?
इंडिगो वर्तमान में तुर्किश एयरलाइंस से दो बोइंग 777-300ER विमान डैम्प लीज पर लेता है। डैम्प लीज एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें एक एयरलाइन दूसरी एयरलाइन से विमान, पायलट और को-पायलट किराए पर लेती है, लेकिन अपने केबिन क्रू (यात्रियों की सेवा के लिए कर्मचारी) का उपयोग करती है। इन विमानों का उपयोग इंडिगो दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल के लिए सीधी उड़ानों के लिए करता था। यह साझेदारी इंडिगो को यूरोप और अमेरिका जैसे लंबी दूरी के गंतव्यों तक किफायती उड़ानें प्रदान करने में मदद करती थी।
DGCA का रुख और इंडिगो की प्रतिक्रिया
यह लीज समझौता 31 मई 2025 को खत्म होने वाला था। इंडिगो ने इसे छह महीने तक बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन DGCA ने केवल तीन महीने की अंतिम मोहलत दी। DGCA ने स्पष्ट किया कि इंडिगो ने लिखित में आश्वासन दिया है कि वह 31 अगस्त तक यह समझौता खत्म कर देगा और आगे कोई विस्तार नहीं मांगेगा। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा, "हम आज पूरी तरह से सरकारी नियमों का पालन कर रहे हैं और आगे भी करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि एयरलाइन के पास वैकल्पिक योजनाएं हैं, जैसे कि अपने नैरो-बॉडी विमानों (एयरबस A320neo और A321neo) का उपयोग करके इस्तांबुल की उड़ानें जारी रखना।
भारत-तुर्किए तनाव का पृष्ठभूमि
तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने हाल ही में पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिए और कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ टिप्पणी की। इसके अलावा, तुर्किए द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की खबरों ने भारत में तुर्किए के खिलाफ जन आक्रोश को और बढ़ाया। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #OperationSindoor जैसे अभियानों ने तुर्किए से संबंधित कंपनियों और सेवाओं के बहिष्कार की मांग को तेज कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने तुर्किए की कई कंपनियों, जैसे कि सेलेबी एविएशन (ग्राउंड हैंडलिंग सेवा), के साथ संबंध खत्म किए और अब इंडिगो का यह कदम भी उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
इंडिगो के लिए क्या हैं चुनौतियां?
इंडिगो की तुर्किश एयरलाइंस के साथ साझेदारी ने उसे लंबी दूरी की उड़ानों में मजबूत स्थिति दी थी। इस समझौते के तहत इंडिगो 40 से अधिक यूरोपीय और अमेरिकी गंतव्यों के लिए कोडशेयर उड़ानें संचालित करता था। अब इस साझेदारी के खत्म होने से इंडिगो को अपनी अंतरराष्ट्रीय विस्तार योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है। हालांकि, इंडिगो ने 40 एयरबस A321XLR और 30 A350 विमानों का ऑर्डर दिया है, जो 2027 से डिलीवरी शुरू होंगे। ये विमान इंडिगो को भविष्य में लंबी दूरी की उड़ानों के लिए आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे।
जनता की प्रतिक्रिया और अन्य कदम
सोशल मीडिया पर लोगों ने इंडिगो से तुर्किश एयरलाइंस के साथ साझेदारी खत्म करने की मांग की थी। कई यूजर्स ने इसे राष्ट्रीय हित के खिलाफ बताया और तुर्किए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा, मेकमायट्रिप और ईजमायट्रिप जैसे ट्रैवल पोर्टल्स ने तुर्किए और अजरबैजान की यात्राओं की बुकिंग में कमी देखी है। भारतीय विश्वविद्यालयों, जैसे जेएनयू और जामिया मिलिया इस्लामिया, ने भी तुर्किए के संस्थानों के साथ सहयोग खत्म किया है।
इंडिगो का तुर्किश एयरलाइंस के साथ साझेदारी खत्म करना भारत-तुर्किए संबंधों में आए तनाव का स्पष्ट परिणाम है। यह कदम न केवल व्यावसायिक, बल्कि राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। हालांकि, इंडिगो ने आश्वासन दिया है कि वह अपने यात्रियों को बिना किसी रुकावट के सेवाएं देना जारी रखेगा। यह घटना भारत के कड़े रुख को दर्शाती है, जो उन देशों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से नहीं हिचक रहा, जो भारत के हितों के खिलाफ खड़े हैं।