बढ़ती गर्मी बनी जानलेवा: 72 घंटों में 29 ब्रेन हैमरेज के मरीज, AC से धूप में जाने से सावधान
भीषण गर्मी के कारण पिछले 72 घंटों में ब्रेन हैमरेज के 29 मामले सामने आए हैं, जिनमें ज्यादातर 50-60 वर्ष के बीपी और शुगर के मरीज हैं। टाटा मेन हॉस्पिटल और ब्रह्मानंद हृदयालय में भर्ती इन मरीजों में 26 को एसी से धूप में जाने के 15 मिनट बाद समस्या हुई। डॉक्टरों ने तापमान के अचानक बदलाव से बचने की सलाह दी है। ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं: इस्कीमिक (खून का थक्का) और हेमरेजिक (नस फटना), जिनमें पहला घंटा इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। लक्षणों में सुन्नपन, बोलने में दिक्कत, धुंधला दिखना, और तेज सिरदर्द शामिल हैं। सावधानी और समय पर इलाज से जोखिम कम किया जा सकता है।

बढ़ती गर्मी के साथ ब्रेन हैमरेज के मामलों में खतरनाक उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले 72 घंटों में टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) और ब्रह्मानंद हृदयालय हॉस्पिटल (बीएनएच) में ब्रेन हैमरेज के 29 मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें से अधिकांश मरीज 50 से 60 साल की उम्र के हैं और उच्च रक्तचाप (बीपी) व मधुमेह (शुगर) से पीड़ित हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एसी से तुरंत धूप में जाने या धूप से एसी में आने से तापमान में अचानक बदलाव के कारण ब्रेन हैमरेज का जोखिम बढ़ रहा है।
इन 29 मरीजों में 17 की उम्र 50 साल के आसपास है, और 26 मरीज बीपी व शुगर से पीड़ित हैं। 26 मरीजों को एसी से बाहर निकलने के 15 मिनट बाद ब्रेन हैमरेज हुआ। तीन मरीज, जिनकी उम्र 70 साल के करीब है, AC का इस्तेमाल नहीं करते थे। फिजिशियन डॉ. बलराम झा ने बताया कि तापमान में अचानक बदलाव से रक्तचाप प्रभावित होता है, जिससे ब्रेन हैमरेज का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने सलाह दी कि गर्मी में AC से धूप में या धूप से AC में तुरंत न जाएं।
ह्मानंद हॉस्पिटल के न्यूरो फिजिशियन डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। पहला, इस्कीमिक स्ट्रोक, जिसमें मस्तिष्क की नसों में रक्त प्रवाह रुकने से खून का थक्का बनता है, जो 99% मामलों में ब्रेन हैमरेज का कारण बन सकता है। दूसरा, हेमरेजिक स्ट्रोक, जिसमें नसें फटने से रक्त प्रवाह तेज होता है, जिससे लकवा या मृत्यु का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के पहले घंटे में इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह मरीज की जान बचा सकता है।
ब्रेन हैमरेज के लक्षणों को पहचानना समय पर इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें:
-
शरीर के एक हिस्से (चेहरे, हाथ, या पैर) में सुन्नपन या कमजोरी।
-
बोलने या समझने में कठिनाई।
-
एक या दोनों आंखों में धुंधला दिखना या दृष्टि हानि।
-
तेज सिरदर्द, मतली, या उल्टी।
-
शरीर में अकड़न और दर्द का अनुभव न होना।
डॉक्टरों ने सलाह दी कि 50-60 साल के बीपी और शुगर के मरीज नियमित दवाइयां लें, पर्याप्त पानी पिएं, और तेज धूप से बचें। लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए।
समय पर इलाज से मरीज की स्थिति को स्थिर किया जा सकता है।"
जमशेदपुर में गर्मी के कारण ब्रेन हैमरेज के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोगों के लिए चेतावनी का काम किया है। खासकर बीपी और शुगर से पीड़ित 50-60 वर्ष के लोगों को तापमान के अचानक बदलाव से बचना होगा। समय पर लक्षणों की पहचान और तत्काल चिकित्सा सहायता से इस जानलेवा स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।