GST में क्रांतिकारी बदलाव: 5% और 18% स्लैब बरकरार, 12% और 28% खत्म, रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती.

भारत में जीएसटी व्यवस्था में बड़ा सुधार! मंत्रियों के समूह (GoM) ने 5% और 18% टैक्स स्लैब को बरकरार रखते हुए 12% और 28% स्लैब खत्म करने का प्रस्ताव मंजूर किया। लग्जरी सामान पर 40% का नया स्लैब आएगा। इससे रोजमर्रा की चीजें जैसे टूथपेस्ट, साबुन, दवाएं, मोबाइल, और रेडीमेड कपड़े सस्ते होंगे। पीएम मोदी के "नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म" का वादा पूरा होने की राह पर! अब जीएसटी काउंसिल का अंतिम फैसला बाकी।

Aug 21, 2025 - 18:01
GST में क्रांतिकारी बदलाव: 5% और 18% स्लैब बरकरार, 12% और 28% खत्म, रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती.

नई दिल्ली: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में जल्द ही बड़ा बदलाव होने वाला है। जीएसटी काउंसिल के तहत गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) को घटाकर केवल दो स्लैब (5% और 18%) करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, लग्जरी और महंगी वस्तुओं के लिए एक विशेष 40% टैक्स स्लैब लागू किया जाएगा। इस सुधार से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है।

क्या है GST का नया प्रस्ताव?

GoM ने सुझाव दिया है कि 12% और 28% टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। अब केवल 5% और 18% के दो स्लैब लागू होंगे। इसके अलावा, कुछ लग्जरी और महंगी वस्तुओं, जैसे कि प्रीमियम कारें और अन्य लक्जरी आइटम्स, को 40% के विशेष स्लैब में रखा जाएगा। GoM के संयोजक और बिहार के मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को समूह ने समर्थन दिया है, हालांकि कुछ राज्यों ने इस पर असहमति भी जताई है। अब यह प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया है, जो जल्द ही इस पर फैसला लेगी।

प्रधानमंत्री का वादा: टैक्स सिस्टम होगा सरल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में जीएसटी में "नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म" का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार का लक्ष्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना, टैक्स दरों को कम करना और आम जनता को महंगाई से राहत देना है। यह नया प्रस्ताव उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

कौन-सी चीजें होंगी सस्ती?

इस बदलाव से कई रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी। नीचे कुछ प्रमुख उत्पादों की सूची दी गई है, जो सस्ते होने की संभावना है:12% से 5% टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुएं:

खाद्य और घरेलू वस्तुएं: सूखे मेवे, प्रोसेस्ड फूड, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, ब्रांडेड नमकीन, स्नैक्स 

दैनिक उपयोग की वस्तुएं: टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, साबुन, हेयर ऑयल

दवाएं: सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं

इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण: कुछ मोबाइल और कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर

अन्य वस्तुएं: बिना बिजली वाले वॉटर फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर

रेडीमेड वस्त्र और फुटवियर: 1000 रुपये से अधिक के रेडीमेड कपड़े, 500 से 1000 रुपये के बीच के जूते

अन्य उत्पाद: वैक्सीन, टीबी/एचआईवी डायग्नोस्टिक किट्स, साइकिल, स्टील और एल्युमिनियम के बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग मटेरियल, सोलर वॉटर हीटर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन 

28% से 18% टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुएं:

निर्माण सामग्री: सीमेंट, रेडी मिक्स कंक्रीट 

इलेक्ट्रॉनिक सामान: टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, डिशवॉशर

पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स: ब्यूटी प्रोडक्ट्स, रेज़र, मैनिक्योर किट, डेंटल फ्लॉस

अन्य सामान: प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, कॉफी सिरप, प्लास्टिक और रबर उत्पाद, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, एल्युमिनियम फॉयल 

GoM क्या है और इसका क्या काम है?

मंत्रियों का समूह (GoM) जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित एक विशेष समिति है, जो टैक्स से जुड़े जटिल मुद्दों पर गहन अध्ययन करती है और सुझाव देती है। यह समूह टैक्स दरों में बदलाव, टैक्स चोरी रोकने और राजस्व विश्लेषण जैसे मामलों पर काम करता है। इस GoM में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों के मंत्री शामिल हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल ही लेती है।

आम जनता को क्या होगा फायदा?

सस्ती होंगी जरूरी चीजें: 12% और 28% स्लैब के खत्म होने से कई रोजमर्रा की वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे मध्यम और निम्न-आय वर्ग को राहत मिलेगी। 

टैक्स सिस्टम होगा सरल: दो स्लैब की व्यवस्था से टैक्स ढांचा आसान और पारदर्शी होगा, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को समझने में आसानी होगी।

महंगाई पर लगेगी लगाम: रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कमी से महंगाई पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। 

GoM का यह प्रस्ताव अब GST काउंसिल के सामने रखा जाएगा, जो अंतिम फैसला लेगी। कुछ राज्यों ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है, इसलिए काउंसिल की बैठक में इस पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह जीएसटी व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा, जो आम जनता के लिए राहतकारी साबित हो सकता है।