गूगल मैप्स सर्वे टीम पर चोर समझकर ग्रामीणों का हमला, पुलिस ने संभाला मोर्चा
कानपुर देहात के बिरहर महोलिया गांव में गूगल मैप्स की सर्वे टीम पर चोर समझकर ग्रामीणों ने हमला किया, लेकिन पुलिस ने स्थिति संभाली और कोई बड़ी चोट नहीं हुई। वैध परमिट होने के बावजूद गलतफहमी के कारण यह घटना हुई।

कानपुर देहात के बिरहर महोलिया गांव में गुरुवार की देर रात एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने तकनीक और ग्रामीण जीवन के बीच की खाई को उजागर कर दिया। गूगल मैप्स की एक सर्वे टीम, जो गांव की गलियों को मैप करने का काम कर रही थी, को स्थानीय लोगों ने चोर समझकर घेर लिया और उनके वाहन पर हमला कर दिया। हाल के दिनों में इलाके में हुई चोरियों ने ग्रामीणों को सतर्क कर रखा था, और गूगल की कैमरा-युक्त गाड़ी को देखकर उनका शक और गहरा गया। हालांकि, पुलिस के समय पर हस्तक्षेप ने स्थिति को और बिगड़ने से बचा लिया, और सौभाग्य से इस घटना में कोई बड़ी चोट नहीं आई।
28 अगस्त की रात, गूगल मैप्स की एक सर्वे टीम, जो टेक महिंद्रा के लिए आउटसोर्स की गई थी, बिरहर महोलिया गांव में सड़कों की तस्वीरें ले रही थी। उनकी गाड़ी पर लगे कैमरे और रात के समय उनकी मौजूदगी ने ग्रामीणों को संदेहास्पद लगा। हाल के हफ्तों में गांव में कई चोरियों की घटनाएं हो चुकी थीं, जिसके चलते लोग रात में आने वाली अनजान गाड़ियों पर नजर रख रहे थे। जैसे ही ग्रामीणों ने गूगल की गाड़ी को देखा, उन्होंने इसे चोरों की गाड़ी समझ लिया और वाहन को रोक लिया।
बातचीत के दौरान माहौल गरमा गया, और कुछ ग्रामीणों ने टीम के साथ मारपीट शुरू कर दी। गाड़ी पर लगे कैमरे को देखकर कुछ लोगों को लगा कि यह चोरी के लिए इलाके की रेकी करने का कोई उपकरण है। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई, जब भीड़ ने गाड़ी को घेर लिया और टीम के सदस्यों पर हमला कर दिया।
पुलिस का हस्तक्षेप और स्थिति पर काबू
जैसे ही घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और गूगल मैप्स की टीम को थाने ले जाकर पूछताछ की। जांच में पता चला कि टीम के पास केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी वैध परमिट थे, और वे गूगल मैप्स के लिए सड़कों का डेटा एकत्र कर रहे थे। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया कि यह कोई आपराधिक गतिविधि नहीं थी, बल्कि एक तकनीकी सर्वे का हिस्सा था।
कानपुर पुलिस ने अपने बयान में कहा, "स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और पाया कि गूगल मैप्स की टीम सर्वे का काम कर रही थी। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, और ग्रामीणों को शांत कर घर भेज दिया गया है। कोई कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है।"
ग्रामीणों की चिंता और गलतफहमी का कारण
बिरहर महोलिया गांव के निवासियों का कहना है कि हाल के दिनों में इलाके में चोरियों की घटनाएं बढ़ गई हैं। रात में अनजान गाड़ियों का आना-जाना उनके लिए चिंता का विषय बन गया है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमारे गांव में कई बार चोर रात में गाड़ी लेकर आते हैं। जब हमने कैमरे वाली गाड़ी देखी, तो हमें लगा कि कोई रेकी कर रहा है। हमें पहले से कोई जानकारी नहीं थी कि यह गूगल की टीम है।"
गूगल मैप्स की टीम ने स्थानीय पुलिस या ग्राम पंचायत को अपने सर्वे के बारे में पहले से सूचित नहीं किया था, जिसके कारण यह गलतफहमी पैदा हुई।