शिक्षा के मंदिर में बच्चियों की चीखें: 'बैड टच', ज़बरन सफाई और पेड़ कटाई के आरोपों से उबाल, प्रिंसिपल पर गंभीर सवाल
हाथों में बैनर लिए वे 'प्रिंसिपल हाय-हाय', 'दोषी शिक्षक को सजा दो' जैसे नारे लगा रहे थे। वीडियो फुटेज में दिखा कि छात्राएं भावुक होकर प्रिंसिपल के व्यवहार पर सवाल उठा रही हैं। एक छात्रा ने कहा, "जब हम शिकायत करते हैं तो प्रिंसिपल कहती हैं कि यह सर का प्यार करने का तरीका है। यह कौन सा प्यार है?"

राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा बीड़ सरकारी स्कूल में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। स्कूल गेट पर धरना दे रहे छात्र-छात्राओं ने प्रिंसिपल और कुछ शिक्षकों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। आरोपों में छात्रों के साथ दुर्व्यवहार, 'बैड टच' (अनुचित स्पर्श), सफाई का बोझ लादना और स्कूल परिसर में अवैध पेड़ कटाई शामिल हैं। स्थानीय पार्षदों और अभिभावकों के समर्थन से प्रदर्शन और तेज हो गया है, जबकि शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल का तबादला कर दिया है। लेकिन छात्र कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।
प्रदर्शन की शुरुआत: छात्रों का गुस्सा क्यों फूटा?
सोमवार सुबह से ही मुरलीपुरा बीड़ सरकारी स्कूल (सीकर रोड, खेतान हॉस्पिटल के पास) के बाहर हंगामा मच गया। सैकड़ों छात्र-छात्राएं स्कूल यूनिफॉर्म में सड़क पर उतर आए और स्कूल गेट पर धरना शुरू कर दिया। हाथों में बैनर लिए वे 'प्रिंसिपल हाय-हाय', 'दोषी शिक्षक को सजा दो' जैसे नारे लगा रहे थे। वीडियो फुटेज में दिखा कि छात्राएं भावुक होकर प्रिंसिपल के व्यवहार पर सवाल उठा रही हैं। एक छात्रा ने कहा, "जब हम शिकायत करते हैं तो प्रिंसिपल कहती हैं कि यह सर का प्यार करने का तरीका है। यह कौन सा प्यार है?"
प्रदर्शन की चिंगारी तब भड़की जब छात्राओं ने एक शिक्षक पर 'बैड टच' का आरोप लगाया। छात्रों का कहना है कि यह घटना लंबे समय से चल रही है, लेकिन प्रिंसिपल रचना दूधवाल ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, छात्रों को स्कूल की सफाई का काम थोपा जाता है, जो शिक्षा के अधिकार के खिलाफ है। एक अन्य आरोप अवैध पेड़ कटाई का है, जिससे स्कूल का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ गया।
'बैड टच' से लेकर सफाई का बोझ, क्या कहते हैं छात्र?
छात्रों के मुताबिक, एक पुरुष शिक्षक छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार करता है, जिसमें गंदी नजरें और स्पर्श शामिल हैं। शिकायत पर प्रिंसिपल का जवाब होता है- "यह उनका प्यार जताने का तरीका है।" इससे छात्राएं डर के साये में जी रही हैं। एक छात्रा ने बताया, "हम पढ़ने आते हैं, लेकिन यहां असुरक्षा का माहौल है। पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।"
सफाई के आरोप भी उतने ही गंभीर हैं। छात्रों को क्लासरूम और परिसर साफ करने के लिए मजबूर किया जाता है, जबकि स्कूल में सफाईकर्मी तैनात हैं। इसके साथ ही, स्कूल परिसर में बिना अनुमति के पेड़ काटे गए, जिससे छाया और ऑक्सीजन की कमी हो गई। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ये कटाई अवैध थी और छात्रों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। छात्रों ने कहा कि प्रिंसिपल पढ़ाई में भी बाधा डालती हैं और बिना वजह सजा देती हैं।
आरोप | विवरण | प्रभाव |
---|---|---|
बैड टच | शिक्षक द्वारा छात्राओं के साथ अनुचित स्पर्श और नजरें | छात्राओं में डर और असुरक्षा का माहौल |
सफाई का बोझ | छात्रों को मजबूरी में सफाई करवाना | शिक्षा समय की बर्बादी, शोषण |
अवैध पेड़ कटाई | स्कूल परिसर में बिना मंजूरी पेड़ काटना | पर्यावरण क्षति, गर्मी बढ़ना |
दुर्व्यवहार | शिकायत पर धमकी और सजा | पढ़ाई में बाधा, मानसिक तनाव |
पार्षद और अभिभावक मैदान में, मंत्री को टैग
प्रदर्शन में स्थानीय पार्षद प्रदीप तिवारी भी शामिल हो गए। उन्होंने दोषी स्टाफ के तत्काल निलंबन की मांग की और कहा, "बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। शिक्षा विभाग को सख्त कदम उठाने चाहिए।" अभिभावक भी स्कूल पहुंचे और छात्रों का साथ दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से मामला गरमा गया। कई यूजर्स ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को टैग कर न्याय की गुहार लगाई।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स ने इसे "बेटियों की सुरक्षा का सवाल" बताते हुए ट्रेंड कराया। एक पोस्ट में लिखा, "अगर जयपुर के सरकारी स्कूल का यह हाल है, तो बाकी का क्या?"
प्रिंसिपल का तबादला, लेकिन छात्र संतुष्ट नहीं
शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई की। प्रिंसिपल रचना दूधवाल का तबादला जयपुर से दौसा कर दिया गया। पुलिस भी मौके पर तैनात रही ताकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। हालांकि, छात्रों का कहना है कि तबादला काफी नहीं; दोषी शिक्षक का निलंबन और जांच जरूरी है। विभाग ने जांच समिति गठित करने का आश्वासन दिया है।