13 अगस्त 2025 को शाम करीब 5:00 बजे, राजस्थान के भरतपुर शहर के मथुरा गेट थाना क्षेत्र में सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) कार्यालय के पीछे स्थित एक नर्सिंग छात्रावास की रसोई में भीषण आग लग गई। यह हादसा उस समय हुआ जब रसोई में छात्रावास के लिए भोजन तैयार किया जा रहा था। आग का कारण गैस सिलेंडर में रिसाव बताया गया, जिसके चलते लपटें तेजी से फैल गईं। इस घटना ने पूरे छात्रावास में हड़कंप मचा दिया, क्योंकि उस समय वहां करीब 100 छात्र और कर्मचारी मौजूद थे। आग की लपटों और धुएं ने स्थिति को और भयावह बना दिया, जिससे तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी।
अफरा-तफरी और त्वरित कार्रवाई
आग लगने की सूचना मिलते ही छात्रावास में अफरा-तफरी मच गई। छात्रों और कर्मचारियों में डर और घबराहट का माहौल था, क्योंकि आग तेजी से फैल रही थी। इस संकट की घड़ी में रेक्सो गार्ड पदम सिंह ने असाधारण साहस का परिचय दिया। उन्होंने तुरंत एक गीला कपड़ा लिया और रिसते हुए गैस सिलेंडर को ढककर आग को फैलने से रोकने का प्रयास किया। उनकी इस त्वरित कार्रवाई में कुछ कर्मचारियों और छात्रों ने भी सहयोग किया, जिन्होंने पास उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर आग को नियंत्रित करने में मदद की। स्थानीय लोगों ने तुरंत मथुरा गेट पुलिस और दमकल विभाग को सूचित किया। दमकल की गाड़ियां और पुलिस दल कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंचे और पेशेवर तरीके से आग को पूरी तरह बुझाने में सफल रहे। इस सामूहिक प्रयास ने स्थिति को और बिगड़ने से बचा लिया।
परिणाम और सुरक्षा का सबक
गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि या गंभीर चोट नहीं हुई। समय पर की गई कार्रवाई और समन्वित प्रयासों के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। यह घटना न केवल भरतपुर, बल्कि सभी शैक्षणिक और सामूहिक आवासीय संस्थानों के लिए एक चेतावनी है। छात्रावास जैसे स्थानों, जहां बड़ी संख्या में लोग एक साथ रहते हैं, वहां अग्नि सुरक्षा उपायों, जैसे अग्निशामक यंत्र, आपातकालीन निकास मार्ग और नियमित गैस उपकरणों की जांच, का होना अनिवार्य है। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि आपात स्थिति में त्वरित निर्णय और साहस कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि रिसाव के सटीक कारण का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।