जबरन धर्मांतरण का मामला: पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया, कागजात और साहित्य बरामद
बीकानेर के नयाशहर में जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया, पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया और धर्म विशेष से जुड़े कागजात बरामद किए। हिंदू संगठनों ने विरोध जताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

राजस्थान के बीकानेर शहर के नयाशहर थाना क्षेत्र में रविवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जहां एक घर में कथित तौर पर जबरन धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही थीं। नयाशहर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके से करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने घर से धर्म विशेष से जुड़े कागजात, पुस्तकें, ग्रंथ, फोटो और कुछ हस्तलिखित पर्चियां भी बरामद की हैं।
जानकारी के अनुसार, नयाशहर थाने के पास कब्रिस्तान वाली गली में स्थित एक मकान में रविवार सुबह बड़ी संख्या में बाहरी लोग एकत्र हुए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे, जो वहां प्रार्थना सभा में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान कुछ हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों को इस गतिविधि की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने इसे जबरन धर्मांतरण का मामला बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
हंगामे की सूचना मिलते ही नयाशहर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने घर में मौजूद करीब 10 लोगों को हिरासत में लेकर थाने लाया, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। मौके से बरामद सामग्री में धर्म विशेष से संबंधित प्रचार सामग्री, हस्तलिखित नोट्स और अन्य दस्तावेज शामिल हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
हिंदू संगठनों का आरोप
हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों, जिनमें शैलेष गुप्ता, कैलाश भार्गव, विजय उपाध्याय, हरिकिशन और जितेंद्र गहलोत शामिल हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि इस घर में न केवल धर्म विशेष का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था, बल्कि लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। संगठनों ने पुलिस से इस मामले की गहन जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
नयाशहर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बरामद कागजात और साहित्य की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वाकई में जबरन धर्मांतरण की कोई गतिविधि चल रही थी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। कई लोग इस मामले को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इस तरह की गतिविधियां शहर के बीचों-बीच कैसे चल रही थीं। कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह के मामले सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए प्रशासन को इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।