जेल में फिल्मी अंदाज़ में फरारी, दो कैदी पाइप से चढ़कर भागे ऊंची दीवार फांदकर
सेंट्रल जेल से शनिवार तड़के 3:30 बजे दो कैदी, नवल किशोर महावर और अनस कुमार, पाइप के सहारे 27-40 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार; पुलिस ने तलाश तेज कर दी।

राजस्थान की राजधानी जयपुर की हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल से शनिवार तड़के दो कैदियों के फरार होने की सनसनीखेज घटना ने जेल प्रशासन और पुलिस विभाग को हिलाकर रख दिया है। फरार कैदियों की पहचान नवल किशोर महावर और अनस कुमार के रूप में हुई है, जो चोरी के मामलों में सजा काट रहे थे। दोनों ने जेल की 27 से 40 फीट ऊंची दीवार को पानी के पाइप के सहारे फांदकर फरारी कर ली। इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बैरिकेड्स को पार कर उस कक्ष तक पहुंचे
जानकारी के अनुसार, यह घटना शनिवार सुबह करीब 3:30 बजे घटी। जेल प्रशासन की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, अनस कुमार और नवल किशोर महावर ने जेल परिसर में मौजूद बाथरूम के पास लगे पानी के पाइप का इस्तेमाल कर दीवार पर चढ़ाई की। दोनों कैदी बैरक नंबर 13 में बंद थे और उन्होंने तीन बैरिकेड्स को पार कर उस कक्ष तक पहुंचे, जहां कैदियों की मुलाकात उनके परिचितों से होती है। वहां से उन्होंने पानी का ग्रीन पाइप दीवार के ऊपर फेंका और इसके सहारे 27 से 40 फीट ऊंची दीवार को पार कर फरार हो गए।
सीसीटीवी फुटेज में कैदियों की संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दी हैं, लेकिन अंधेरे के कारण पूरी स्पष्टता नहीं है। जेल के एक अधिकारी ने बताया, "कैदियों ने पाइप को सीढ़ी की तरह इस्तेमाल किया। यह तरीका किसी बॉलीवुड फिल्म जैसा है। हमारी निगरानी में चूक हो गई।" सुबह कैदियों की गिनती के दौरान उनकी अनुपस्थिति का पता चला, जिसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
कौन हैं अनस और नवल?
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अनस कुमार: 28 वर्षीय अनस कुमार उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद का निवासी है। वह चोरी और घर में घुसपैठ के तीन मामलों में सजा काट रहा था। अनस को 15 सितंबर 2025 को सांगानेर थाने से जयपुर सेंट्रल जेल लाया गया था। वह जयपुर के मालपुरा गेट, सेक्टर 35 में रहता था।
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नवल किशोर महावर: करौली जिले का निवासी नवल किशोर चोरी के एक अन्य मामले में 17 सितंबर 2025 को मालपुरा गेट थाने से जेल लाया गया था। दोनों कैदी अंडर ट्रायल थे और हाल ही में जेल में दाखिल हुए थे।
जेल प्रशासन पर सवाल, FSL जांच शुरू
इस घटना ने जयपुर सेंट्रल जेल की कथित "हाई सिक्योरिटी" व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी ऊंची दीवार फांदने के लिए कैदियों को पहले से योजना और तैयारी की जरूरत थी। यह भी आशंका जताई जा रही है कि जेल कर्मचारियों की लापरवाही ने इस फरारी को संभव बनाया।
एसीपी नारायण कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "हमने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम मौके पर जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है।" जेल डीजी गोविंद गुप्ता ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। जेल एडीजी रुपिंदर सिंह ने बताया कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की तलाशी तेज, नाकाबंदी शुरू
घटना की सूचना मिलते ही जयपुर पुलिस ने पूरे शहर में नाकाबंदी शुरू कर दी है। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं, जो फरार कैदियों की तलाश में जुटी हैं। स्थानीय थानों को अलर्ट कर दिया गया है और जनता से अपील की गई है कि यदि उन्हें कैदियों के बारे में कोई जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
यह पहली बार नहीं है जब जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। हाल ही में, 8 सितंबर 2025 को एक तलाशी अभियान के दौरान जेल की वार्ड नंबर 6, 9 और 11 में चार मोबाइल फोन, डेटा केबल और अन्य निषिद्ध सामग्री बरामद की गई थी। इसके अलावा, मई 2025 में एक बड़ा खुलासा हुआ था, जिसमें कैदियों के जेल से बाहर होटलों में मौज-मस्ती करने और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का मामला सामने आया था। इन घटनाओं ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।