धौलपुर में बाढ़ का संकट गहराया: पार्वती बांध के 6 गेट खोले, नदियां उफान पर.

धौलपुर में भारी बारिश और पार्वती बांध के 6 गेट खोलने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बांध से 9831 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे पार्वती और चंबल नदी का जलस्तर बढ़ा। जिले के कई बांध ओवरफ्लो हैं, 50-60 गांवों पर बाढ़ का संकट है। खेतों में फसलें बर्बाद हो रही हैं, और प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है।

Aug 1, 2025 - 14:29
धौलपुर में बाढ़ का संकट गहराया: पार्वती बांध के 6 गेट खोले, नदियां उफान पर.

राजस्थान के धौलपुर जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। जिले के सबसे बड़े पार्वती बांध के 6 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे पार्वती नदी में 9831 क्यूसेक पानी की रिलीज हो रही है। यह इस सावन महीने में तीसरी बार है जब बांध के गेट खोलने पड़े हैं। बारिश के कारण जिले के कई बांध और जलाशय अपनी भराव क्षमता को पार कर चुके हैं, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

बांध का जलस्तर और पानी की रिलीज

पार्वती बांध की भराव क्षमता 223.41 मीटर है, और हाल ही में करौली और धौलपुर के डांग क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण बांध का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बांध के गेज को नियंत्रित करने के लिए 6 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। इससे पार्वती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते नदी के किनारे बसे करीब 50 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा, उर्मिला सागर बांध भी ओवरफ्लो हो चुका है, जिसके कारण प्रशासन को धौलपुर-करौली हाईवे को खनपुरा के पास काटकर पानी डाइवर्ट करना पड़ा। जिले में चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान 130.79 मीटर से ऊपर 133.40 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर, और राजाखेड़ा उपखंड के लगभग 60 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।

बारिश का कहर और प्रशासन की तैयारी

धौलपुर में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में जलभराव की स्थिति है। खेतों में खड़ी खरीफ की फसलें जैसे बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, और मक्का जलभराव के कारण बर्बादी के कगार पर हैं। अनुमान है कि बसेड़ी, धौलपुर, और सैंपऊ उपखंड में करीब 2000 एकड़ फसल प्रभावित हुई है। जिला प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है। जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने नदी के निचले और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। प्रशासन ने निचले इलाकों के गांवों को खाली करने की सलाह दी है और राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें तैनात की गई हैं। पुलिस और स्थानीय प्रशासन गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए जागरूक कर रहा है।

पिछले अनुभव और चुनौतियां

यह पहली बार नहीं है जब धौलपुर में पार्वती बांध के कारण बाढ़ का संकट पैदा हुआ है। वर्ष 2021 में भी करौली और धौलपुर में भारी बारिश के कारण बांध लबालब भर गया था, और 18 गेट खोलकर पानी रिलीज करना पड़ा था। उस दौरान बसेड़ी, बाड़ी, सैंपऊ, और धौलपुर उपखंड के करीब 50 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इस बार भी स्थिति गंभीर होती जा रही है, और मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

स्थानीय लोगों की परेशानी

बांध से पानी छोड़े जाने के कारण पार्वती नदी की रपटों पर 6 फीट तक पानी की चादर चढ़ गई है, जिससे सैंपऊ-बाड़ी मार्ग, कौलारी-मालोनी मार्ग, और सखवारा-मनियां मार्ग बंद हो गए हैं। इससे करीब 40 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटने का खतरा है। ग्रामीण इलाकों में पानी घरों और आबादियों में घुस रहा है, जिससे कच्चे-पक्के मकान ढहने की घटनाएं सामने आ रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश और बाढ़ ने उनकी आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसान रामेश्वर सिंह ने बताया, "हमारी फसलें पानी में डूब गई हैं, और अब बांध का पानी गांवों में घुस रहा है। प्रशासन को समय रहते कदम उठाने चाहिए।"

धौलपुर में बारिश और बांधों से पानी की रिलीज ने एक बार फिर बाढ़ का संकट खड़ा कर दिया है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है, लेकिन लगातार बारिश और नदियों के उफान ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज करने की जरूरत है, ताकि जनहानि और संपत्ति के नुकसान को कम किया जा सके।