कांवड़ यात्रा में करंट की त्रासदी: 2 की मौत, 30 से ज्यादा झुलसे, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप

कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे ट्रक के हाईटेंशन लाइन से टकराने से 2 श्रद्धालुओं की मौत, 30 से ज्यादा घायल; बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन।

Jul 23, 2025 - 13:42
कांवड़ यात्रा में करंट की त्रासदी: 2 की मौत, 30 से ज्यादा झुलसे, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप

राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में बुधवार सुबह एक दुखद हादसे ने पूरे बिचगांव गांव को हिलाकर रख दिया। कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे ट्रक के हाईटेंशन लाइन से टकराने से दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा कांवड़िए गंभीर रूप से झुलस गए। इस हादसे ने बिजली विभाग की लापरवाही को एक बार फिर उजागर किया, जिसके खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

हादसे का मंजर: करंट की चपेट में आए सैकड़ों श्रद्धालु

यह हादसा सुबह करीब 7:30 बजे बिचगांव गांव में हुआ, जब हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटे कांवड़िए गांव के शिव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए यात्रा निकाल रहे थे। जानकारी के अनुसार, यात्रा में शामिल डीजे ट्रक 11,000 केवी की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया, जिसके कारण ट्रक और आसपास की जमीन में करंट फैल गया। उस समय यात्रा में करीब 500 लोग शामिल थे, जिनमें से अधिकतर करंट की चपेट में आ गए।

हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें करंट फैलने के बाद कुछ महिला श्रद्धालु जमीन पर गिरती नजर आ रही हैं। मौके पर कुछ मिनटों के लिए भगदड़ मच गई, और चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया।

मृतकों और घायलों की स्थिति

हादसे में बिचगांव निवासी गोपाल (22) पुत्र लालाराम और सुरेश प्रजापत (40) पुत्र कजोड़ीराम की मौके पर ही मौत हो गई। 30 से ज्यादा घायल कांवड़ियों में से सात को गंभीर हालत में अलवर के सरकारी अस्पताल रेफर किया गया, जिनमें राधेश्याम, सीमा, राहुल सैनी, मदन प्रजापत, और नगर की रहने वाली रजनी शामिल हैं। इनमें से तीन की हालत अत्यंत नाजुक बताई जा रही है। शेष घायलों का इलाज लक्ष्मणगढ़ और गढ़ीसवाईराम के सरकारी अस्पतालों में चल रहा है।

घायलों के परिजनों ने बताया कि कांवड़िए पिछले रविवार को हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे और मंगलवार रात हरसाना में रुके थे। बुधवार सुबह करीब 150-200 लोग पैदल मंदिर की ओर जा रहे थे, जब यह हादसा हुआ। परिजनों का कहना है कि डीजे ट्रक के तारों से छूने के कारण करंट जमीन में फैल गया, जिसमें 15 से ज्यादा महिलाएं भी घायल हुई हैं।

ग्रामीणों का आक्रोश: बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप

हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने लक्ष्मणगढ़-मुंडावर रोड पर जाम लगा दिया और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली के ढीले तारों की शिकायत कई बार विभाग को की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनकी मांग है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

लक्ष्मणगढ़ की तहसीलदार ममता कुमारी ने बताया कि उन्हें ढीले तारों की शिकायत की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, "हादसे की सूचना मिलते ही हम मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। गढ़ीसवाईराम सीएचसी में 20 लोग भर्ती हैं, और मामले की जांच की जा रही है।"

प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया

हादसे की खबर फैलते ही अलवर के सरकारी अस्पताल में घायलों से मिलने के लिए कई बीजेपी नेता और सरकारी अधिकारी पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि घायलों का समुचित इलाज किया जाएगा और हादसे की विस्तृत जांच होगी। पुलिस और प्रशासन ने जाम हटवाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है।

कांवड़ यात्रा की परंपरा और त्रासदी

बिचगांव के लोग हर साल कांवड़ यात्रा का आयोजन करते हैं, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर गांव के शिव मंदिर में जल चढ़ाते हैं। इस बार भी तीन कांवड़ हरिद्वार से लाई गई थीं, लेकिन यह पवित्र यात्रा एक त्रासदी में बदल गई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली विभाग ने समय रहते ढीले तारों को ठीक किया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

Yashaswani Journalist at The Khatak .