सर्च ऑपरेशन के दौरान हमला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम मंके क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान हिंदुकुली के पास पहले से बिछाए गए प्रेशर IED में विस्फोट हो गया, जिसमें दो जवान इसकी चपेट में आ गए। यह इलाका भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नक्सली नेताओं जैसे मिसिर बेसरा और अनमोल के दस्ते का गढ़ माना जाता है।
घायल जवानों की स्थिति
घायल जवानों को तुरंत जंगल से बाहर निकाला गया और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर रांची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि जवानों की हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका उपचार चल रहा है।
नक्सल विरोधी अभियान तेज
सारंडा जंगल में हाल के महीनों में नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आई है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने कई नक्सली ठिकानों को ध्वस्त किया है और विस्फोटक सामग्री बरामद की है। चाईबासा के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि मंके क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन को और तेज किया गया है ताकि अन्य संभावित IED और नक्सली गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियां
सारंडा और कोल्हान जंगल नक्सलियों का मजबूत गढ़ रहे हैं, जहां वे प्रेशर IED जैसे विस्फोटकों का इस्तेमाल कर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। पुलिस का मानना है कि यह IED पुराना हो सकता है, जो पहले से ही सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए बिछाया गया था। इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा बलों के सामने मौजूद खतरों को फिर से उजागर किया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद चाईबासा पुलिस, कोबरा बटालियन, और सीआरपीएफ की टीमें अतिरिक्त बल के साथ क्षेत्र में तैनात की गई हैं। पुलिस मुख्यालय रेंज डीआईजी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। स्थानीय निवासियों से भी जंगल में सतर्क रहने की अपील की गई है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।