केंद्र सरकार की एग्री स्टैक योजना: किसानों के लिए यूनिक फार्मर आईडी बनवाना अनिवार्य
केंद्र सरकार की एग्री स्टैक योजना के तहत सभी किसानों को 31 जुलाई, 2025 तक 11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी बनवाना अनिवार्य है, वरना सरकारी योजनाओं जैसे किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, और कृषि ऋण का लाभ बंद हो सकता है। पंजीकरण के लिए ग्राम पंचायत शिविरों या ई-मित्र केंद्रों पर संपर्क करें।

केंद्र सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी एग्री स्टैक योजना के तहत देश के सभी किसानों के लिए 11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी बनवाना अनिवार्य कर दिया है। यह डिजिटल पहचान किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ पहुंचाने में मदद करेगी। लेकिन, समय सीमा के भीतर पंजीकरण न कराने वाले किसानों को कई महत्वपूर्ण योजनाओं से वंचित होने का खतरा है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
समय सीमा और पंजीकरण की अनिवार्यता
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 31 जुलाई, 2025 तक सभी किसानों को अपनी यूनिक फार्मर आईडी बनवानी होगी। जो किसान इस समय सीमा तक पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। यह कदम किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने और उनकी सुविधा को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। लेकिन, समय पर कदम न उठाने वाले किसानों के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है।
किन योजनाओं पर होगा असर?
यदि किसान निर्धारित समय तक यूनिक आईडी नहीं बनवाते, तो उन्हें निम्नलिखित योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा:
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: इस योजना के तहत किसानों को केंद्र सरकार से सालाना 6000 रुपये और कई राज्यों में अतिरिक्त 2000 रुपये की सहायता मिलती है। पंजीकरण न होने पर यह राशि बंद हो जाएगी।
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फसल बीमा योजना: फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने वाली इस योजना का लाभ भी प्रभावित होगा।
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कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड: सस्ते ब्याज दरों पर ऋण और क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होगी।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): MSP पर फसल बिक्री और सरकारी खरीद केंद्रों से जुड़ाव में भी दिक्कतें आएंगी।
यूनिक फार्मर आईडी कैसे बनवाएं?
किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाया है। आप निम्नलिखित तरीकों से अपनी यूनिक आईडी बनवा सकते हैं:
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ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर: ग्राम पंचायतों में लग रहे विशेष शिविरों में जाकर पंजीकरण करवाएं।
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स्थानीय अधिकारियों से संपर्क: ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक या पटवारी से संपर्क करें।
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ई-मित्र केंद्र: नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।
इन सभी स्थानों पर किसानों को अपने आधार कार्ड, खेत के दस्तावेज, और अन्य जरूरी कागजात साथ लाने होंगे।
हनुमानगढ़ जिले में पंजीकरण की स्थिति
हनुमानगढ़ जिले में इस योजना को तेजी से लागू किया जा रहा है। जिले के ट председатель, नोहर, भादरा, संगरिया और हनुमानगढ़ ब्लॉक के विभिन्न गांवों में पंजीकरण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। खास तौर पर भादरा क्षेत्र के गांवों में 25 जुलाई, 2025 तक ये शिविर लगातार चलेंगे। इन शिविरों में किसानों को पंजीकरण के लिए सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।
जिला प्रशासन की अपील
हनुमानगढ़ जिला प्रशासन ने सभी किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी यूनिक फार्मर आईडी बनवा लें। प्रशासन ने कहा, “यह डिजिटल पहचान आपके लिए एक सुनहरा अवसर है, जो आपको सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से दिलाएगी। समय रहते पंजीकरण करवाएं ताकि आपका हक आप तक पहुंचता रहे।”
किसानों से अनुरोध है कि किसी भी समस्या या जानकारी के लिए अपने नजदीकी ग्राम पंचायत के शिविर में अधिकारियों से संपर्क करें।
क्यों जरूरी है यूनिक फार्मर आईडी?
यूनिक फार्मर आईडी न केवल किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ेगी, बल्कि उनकी पहचान को डिजिटल रूप से सशक्त भी बनाएगी। यह एक तरह का डिजिटल पासपोर्ट है, जो किसानों को सरकारी सुविधाओं तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। इससे योजनाओं में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।