समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद का मामला: श्रीडूंगरगढ़ व बीकानेर खरीद केंद्रों पर हैंडलिंग व परिवहन कार्य की निविदा निरस्त

बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ और बीकानेर खरीद केंद्रों पर मूंगफली-मूंग की MSP खरीद के लिए जारी हैंडलिंग व परिवहन निविदाएं पारदर्शिता की कमी और अनियमितता के आरोपों के बाद सोमवार को सहकार भवन में हुई मीटिंग में सर्वसम्मति से रद्द कर दी गईं। नई पारदर्शी निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

Nov 25, 2025 - 12:45
समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद का मामला: श्रीडूंगरगढ़ व बीकानेर खरीद केंद्रों पर हैंडलिंग व परिवहन कार्य की निविदा निरस्त

बीकानेर, 25 नवंबर 2025: बीकानेर जिले में किसानों के लिए महत्वपूर्ण समर्थन मूल्य पर मूंगफली और मूंग की खरीद प्रक्रिया को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। जिले के श्रीडूंगरगढ़ और बीकानेर खरीद केंद्रों पर हैंडलिंग (सामान की लोडिंग-अनलोडिंग) तथा परिवहन कार्य के लिए जारी की गई निविदाओं (टेंडर) को अचानक निरस्त कर दिया गया है। यह निर्णय सहकार भवन में सोमवार को आयोजित निविदा समिति की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। पिछले कई दिनों से इन निविदाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे थे, जिसके चलते यह कदम उठाया गया।

निविदा प्रक्रिया का पृष्ठभूमि;  बीकानेर जिला सहकारिता विभाग के तहत किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और अन्य सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की जाती है। इस वर्ष मूंगफली और मूंग की फसल पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। श्रीडूंगरगढ़ और बीकानेर जैसे प्रमुख केंद्रों पर फसल की हैंडलिंग, स्टोरेज और परिवहन का कार्य निजी ठेकेदारों को सौंपा जाता है, जिसके लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई जाती है। हालांकि, हाल ही में जारी निविदाओं पर किसानों, सहकारी समितियों और स्थानीय व्यापारियों के बीच असंतोष व्याप्त था।

मुख्य शिकायतें इस प्रकार थीं:पारदर्शिता की कमी: निविदा दस्तावेजों में तकनीकी व वित्तीय पात्रता के मानदंडों को लेकर अस्पष्टता थी, जिससे छोटे ठेकेदारों को बाहर रखने का आरोप लग रहा था। 

अनुचित शर्तें: परिवहन और हैंडलिंग के लिए निर्धारित दरें बाजार मूल्य से कम होने के कारण ठेकेदारों में रुचि कम थी, जबकि किसानों को समय पर भुगतान और सुविधा प्रभावित हो रही थी।

भ्रष्टाचार के आरोप: कुछ स्रोतों के अनुसार, निविदा प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया जा रहा था, जहां बड़े व्यापारिक घरानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। पिछले सप्ताह किसान संगठनों ने जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें निविदा रद्द करने की मांग की गई थी।

इन मुद्दों के कारण निविदा समिति को हस्तक्षेप करना पड़ा। सोमवार की बैठक में समिति के सदस्यों ने सभी पक्षों की राय सुनी और निविदाओं को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का फैसला किया।बैठक में क्या हुआ?सहकार भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता जिला सहकारिता अधिकारी ने की।

 बैठक में निम्नलिखित प्रमुख सदस्य मौजूद थे:जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के प्रतिनिधि स्थानीय व्यापार संघ के सदस्य खरीद केंद्रों के प्रभारी अधिकारी,के दौरान निविदा दस्तावेजों की समीक्षा की गई। समिति ने पाया कि प्रक्रिया में कई तकनीकी खामियां थीं, जो निविदा कानूनों का उल्लंघन कर रही थीं।

सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के अनुसार:पुरानी निविदाओं को पूर्ण रूप से रद्द किया गया। नई निविदा प्रक्रिया 15 दिनों के अंदर शुरू करने का आदेश दिया गया, जिसमें अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निविदा जमा करने की सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि सभी इच्छुक ठेकेदार भाग ले सकें। दरों को बाजार मूल्य के अनुरूप संशोधित करने का प्रस्ताव पारित हुआ।

किसानों पर प्रभाव;  यह निर्णय किसानों के लिए दोहरी मार साबित हो सकता है। एक ओर, निविदा निरस्त होने से खरीद केंद्रों पर हैंडलिंग और परिवहन का कार्य प्रभावित हो सकता है, जिससे फसल की खरीद में देरी हो सकती है। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में मूंगफली की फसल तैयार होने के बावजूद किसान परेशान हैं, क्योंकि बिना उचित व्यवस्था के फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। दूसरी ओर, नई प्रक्रिया से अधिक निष्पक्षता सुनिश्चित होने की उम्मीद है, जो लंबे समय में किसानों को लाभ पहुंचाएगी।स्थानीय किसान नेता ने बताया, "हमारी मांग थी कि निविदा प्रक्रिया में किसानों की भागीदारी हो। अब नई निविदा में हमें भी सलाहकार भूमिका दी जाए।" इसी तरह, बीकानेर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम जिले की सहकारिता व्यवस्था को मजबूत करेगा।