बाड़मेर जिले को मिला राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर को प्रदान करेंगी ‘प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार’

राजस्थान का मरुस्थलीय जिला बाड़मेर ने जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ के तहत वर्षा जल संग्रहण और जन भागीदारी में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बाड़मेर को 2 करोड़ रुपये का ‘प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार’ प्रदान करेंगी। जिलाकलक्टर टीना डाबी पुरस्कार ग्रहण करेंगी।

Nov 18, 2025 - 12:39
बाड़मेर जिले को मिला राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर को प्रदान करेंगी ‘प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर को विज्ञान भवन में प्रदान करेंगी 2 करोड़ रुपये का प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार

नई दिल्ली/बाड़मेर, 15 नवंबर 2025 

राजस्थान के सबसे बड़े और सबसे शुष्क जिले बाड़मेर ने जल संरक्षण के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। जल श Arctic मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2025 में बाड़मेर जिले को “प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार” (JS-JB First Prize) से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में व्यक्तिगत रूप से प्रदान करेंगी। पुरस्कार के साथ बाड़मेर जिले को 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।पुरस्कार ग्रहण करने के लिए बाड़मेर की जिलाकलक्टर सुश्री टीना डाबी, IAS नई दिल्ली पहुंचेंगी।

कैच द रेन अभियान ने बदली बाड़मेर की तकदीर;  बाड़मेर जिला देश के सबसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में आता है। यहां औसत वार्षिक वर्षा मात्र 120-180 मिमी ही होती है और पहले 90 प्रतिशत से अधिक बारिश का पानी व्यर्थ बह जाता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “कैच द रेन – जहां पड़े, वहीं टांका” अभियान को बाड़मेर में जनआंदोलन का रूप दिया गया।जिलाकलक्टर टीना डाबी के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों में:हजारों पारंपरिक टांके, नये टांके, खडीन, तालाब, बावड़ियां, चेकडैम बनाए गए ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान कर अपने घरों-खेतों में टांके बनवाए ,छतों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य की गई ,स्कूलों, पंचायत भवनों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी बड़े स्तर पर संरचनाएं बनाई गईं

परिणामस्वरूप अब गांवों में मानसून के बाद 3 से 4 महीने तक मीठा वर्षा जल उपलब्ध रहता है, जिससे टैंकरों पर निर्भरता घटी, भूजल स्तर में औसतन 2-4 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई और पलायन की दर में भी कमी आई।

देश में पहला स्थान कैसे मिला?  जल शक्ति मंत्रालय के “जल संचय जन भागीदारी” (JS-JB) पोर्टल पर सभी जिलों के आंकड़े ऑनलाइन अपलोड होते हैं। स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सत्यापन के बाद अंक दिए जाते हैं। मूल्यांकन के प्रमुख मानदंड:निर्मित संरचनाओं की संख्या और गुणवत्ता  जन भागीदारी का प्रतिशत (श्रमदान, स्वैच्छिक योगदान) ,भूजल स्तर में सुधार के वैज्ञानिक आंकड़े ,अभियान की निरंतरता और नवाचारी प्रयोग ,बाड़मेर ने सभी 9 पैरामीटर पर देश में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए और प्रथम श्रेणी में चुना गया।

राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2025 : कुल 100 विजेता इस वर्ष कुल 100 श्रेणियों में पुरस्कार दिए जा रहे हैं:3 सर्वश्रेष्ठ राज्य  67 जिले (बाड़मेर प्रथम स्थान) ,6 नगर निगम ,1 शहरी स्थानीय निकाय ,सहयोगी मंत्रालय/एजेंसियां, उद्योग, एनजीओ, परोपकारी संस्थाएं और नोडल अधिकारी

जिलावासियों में खुशी का माहौल;  जिलाकलक्टर टीना डाबी ने कहा, “यह पुरस्कार बाड़मेर के हर उस ग्रामीण का है जिसने गर्मी में खुद पसीना बहाकर टांका खोदा, हर उस महिला का है जिसने पानी बचाने का संकल्प लिया और हर उस बच्चे का है जिसने स्कूल में जल संरक्षण की शपथ ली। यह बाड़मेर की सामूहिक जीत है।”