बाड़मेर का Influencer या साइबर ठग? सस्ते iPhone के नाम पर लाखों की ठगी का पर्दाफाश
बाड़मेर की शिव पुलिस ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर उगराराम को गिरफ्तार किया, जो 'यूके iPhone' आईडी के जरिए सस्ते iPhone का झांसा देकर लाखों की ठगी कर चुका था। फर्जी प्री-बुकिंग रसीद और वीडियो बनाकर लोगों को ठगा, जिसके बाद पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू की।

बाड़मेर की शिव पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर उगराराम को गिरफ्तार किया है। उगराराम ने 'यूके iPhone' नाम से सोशल मीडिया आईडी बनाकर हजारों फॉलोवर्स को सस्ते में iPhone देने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की। आरोपी ने पहले बालोतरा और बाद में बाड़मेर के सिटी सेंटर में मोबाइल की दुकान चलाई थी, लेकिन कोरोना काल के बाद उसने ऑनलाइन ठगी का रास्ता अपनाया।
रसीद और फर्जी वीडियो से बनाया भरोसा
पुलिस के अनुसार, उगराराम सोशल मीडिया पर आकर्षक वीडियो अपलोड कर लोगों को iPhone प्री-बुकिंग के लिए 500 से 1000 रुपये जमा करने का लालच देता था। पैसे जमा होने पर वह ग्राहकों को प्री-बुकिंग की रसीद भेजता था ताकि उन्हें विश्वास हो जाए कि उनका iPhone बुक हो गया है। इसके बाद, वह डिलीवरी की तारीख को बार-बार आगे बढ़ाता और फर्जी कूपन खोलने के वीडियो बनाकर दावा करता कि कुछ लोगों को iPhone दिए गए हैं।
शिव थाने में दर्ज एक शिकायत के अनुसार, जियाणियों की बस्ती, रामदेरिया निवासी बंशीलाल पुत्र रेवताराम जाट ने बताया कि 16 सितंबर 2025 को उगराराम की 'यूके iPhone' आईडी पर एक वीडियो देखा। इसमें उगराराम ने 500 रुपये फोन-पे पर भेजकर iPhone प्री-बुकिंग की स्कीम में शामिल होने का लालच दिया। बंशीलाल ने 22 सितंबर को 500 रुपये भेजे, जिसके बाद उगराराम ने प्री-बुकिंग की रसीद भेजी। लेकिन जब बंशीलाल ने रसीद अन्य लोगों को दिखाई, तो पता चला कि उगराराम कई सालों से ऐसी ठगी कर रहा है।
लाखों फॉलोवर्स का दुरुपयोग, बार-बार नई स्कीम
उगराराम के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लाखों फॉलोवर्स हैं। उसकी एक पुरानी आईडी पर मिलियन में फॉलोवर्स थे, और उसने चार बार ऐसी फर्जी स्कीम चलाई। हर बार 1500 से 2000 लोग इस स्कीम में शामिल होते थे। आरोपी 500 से 1000 रुपये की रसीद काटकर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। पूछताछ में उगराराम ने बताया कि उसकी पिछली स्कीम में 1900 लोगों ने हिस्सा लिया था, जिनसे उसने 1000 रुपये प्रति व्यक्ति वसूले। उसने दावा किया कि कुछ लोगों को iPhone दिए गए और बाकियों को घड़ियां दी गईं, लेकिन पुलिस इसे फर्जी दावा मान रही है।
विदेश यात्रा और मोबाइल दुकान का इतिहास
उगराराम ने पूछताछ में बताया कि वह पानी जांच कंपनी में काम करता था, जिसके चलते वह कई बार दुबई गया। पुलिस उसके पासपोर्ट की जांच कर विदेश यात्रा की हिस्ट्री निकाल रही है। इससे पहले, उसकी बालोतरा में मोबाइल दुकान थी, जहां आग लगने के बाद उसने बाड़मेर के सिटी सेंटर में नई दुकान खोली। हालांकि, पिछले कुछ समय से वह दुकान भी बंद थी, और वह पूरी तरह ऑनलाइन ठगी में सक्रिय था।
कानूनी कार्रवाई और सख्त प्रावधान
शिव थानाधिकारी सत्यप्रकाश विश्नोई ने बताया कि ऐसी लॉटरी और प्री-बुकिंग स्कीम पूरी तरह गैरकानूनी हैं। भारत में लॉटरी (विनियमन) अधिनियम, 1998 के तहत निजी व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा पैसे लेकर लॉटरी चलाना अवैध है। केवल राज्य सरकारें ही इस अधिनियम की शर्तों के तहत लॉटरी आयोजित कर सकती हैं। इसके अलावा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 304A के तहत अवैध लॉटरी चलाने या टिकट बेचने की सजा 6 महीने की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकती है। ऑनलाइन ठगी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम भी लागू होता है।