बाड़मेर: फायरिंग कर जानलेवा हमले के आरोपी को 1 साल बाद गिरफ्तार, 10 हजार का इनामी फरार था; अवैध पिस्टल की सप्लाई का खुलासा

बाड़मेर में DST और गडरा रोड पुलिस ने 1 साल से फरार 10 हजार के इनामी आरोपी देराजाराम को गिरफ्तार किया; अवैध पिस्टल सप्लाई कर फायरिंग करवाने का था मास्टरमाइंड।

Nov 13, 2025 - 11:35
बाड़मेर: फायरिंग कर जानलेवा हमले के आरोपी को 1 साल बाद गिरफ्तार, 10 हजार का इनामी फरार था; अवैध पिस्टल की सप्लाई का खुलासा

बाड़मेर, 13 नवंबर 2025: जिले की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम (DST) और गडरा रोड थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर एक सनसनीखेज जानलेवा हमले के मामले में फरार चल रहे प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी देराजाराम उर्फ देराराम निवासी रावतसर, जो पिछले एक साल से फरार था, को 10 हजार रुपये के इनामी की सूची में शामिल किया गया था। यह गिरफ्तारी 'धरकर भर' अभियान के तहत की गई है, जिसमें जिले के टॉप 10 मोस्ट वांटेड अपराधियों पर निगरानी बढ़ाई गई थी।

घटना का पूरा विवरण;  यह मामला जून 2024 का है, जब बाड़मेर जिले के गडरा रोड क्षेत्र में एक गंभीर आपराधिक घटना घटी थी। आरोपी बालाराम, करनाराम और देराजाराम ने मिलकर एक अन्य पक्ष के व्यक्ति की गाड़ी को जानबूझकर टक्कर मार दी। टक्कर के बाद, उन्होंने अवैध पिस्टल से फायरिंग की, जो स्पष्ट रूप से जानलेवा हमला था। इस घटना में पीड़ित पक्ष के लोग बाल-बाल बच गए, लेकिन यह हमला स्थानीय स्तर पर दहशत पैदा करने वाला था। फायरिंग की आवाज सुनते ही इलाके में तनाव फैल गया और पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंचना पड़ा।घटना के तुरंत बाद, गडरा रोड थाना पुलिस ने केस दर्ज किया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह हमला पुरानी रंजिश के चलते किया गया था, जिसमें संपत्ति विवाद और व्यक्तिगत दुश्मनी की भूमिका थी। आरोपी पक्ष ने गाड़ी को टारगेट करते हुए हाई स्पीड में टक्कर मारी और फिर पिस्टल से कई राउंड फायर किए, जिससे पीड़ित की जान को खतरा हो गया। सौभाग्य से, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन घटना ने पुलिस को सतर्क कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई और पिछली गिरफ्तारियां;   घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। पहले चरण में, मुख्य आरोपी बालाराम और करनाराम, दोनों रावतसर निवासी, को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन दोनों ने पूछताछ में खुलासा किया कि फायरिंग में इस्तेमाल की गई अवैध पिस्टल उन्हें देराजाराम उर्फ देराराम ने ही उपलब्ध कराई थी। देराजाराम न केवल पिस्टल की सप्लाई का मास्टरमाइंड था, बल्कि इलाके में अवैध हथियारों के कारोबार में भी लिप्त पाया गया।देराराम की फरारी के बाद, पुलिस ने उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। उसे जिले के टॉप 10 मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में शुमार कर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। पिछले एक साल से वह विभिन्न ठिकानों पर छिपा हुआ था, लेकिन DST और स्थानीय पुलिस की लगातार निगरानी में उसके लोकेशन का पता लगाया गया। 'धरकर भर के' अभियान के तहत, जो जिले में अपराधियों को पकड़ने के लिए चलाया जा रहा है, दोनों टीमों ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। सोमवार को देराराम को उसके एक रिश्तेदार के घर से धर दबोचा गया।गिरफ्तारी के समय उसके पास से एक मोबाइल फोन और कुछ नकदी बरामद हुई, लेकिन मुख्य अवैध पिस्टल बरामद नहीं हुई। पूछताछ में देराराम ने पिस्टल की सप्लाई को कबूल किया है। पुलिस को शक है कि वह इलाके में अन्य अपराधियों को भी हथियार मुहैया करा रहा था, जिसकी जांच जारी है।

पुलिस अधिकारियों के बयान;  

गडरा रोड थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया, "यह गिरफ्तारी हमारे अभियान की बड़ी सफलता है। देराराम जैसे अपराधी इलाके में कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे थे। हमने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर कार्रवाई की और उसे पकड़ लिया। मामले में अब सभी आरोपी हिरासत में हैं, और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।" DST इंचार्ज ने भी कहा, "अवैध हथियारों की सप्लाई पर नकेल कसना हमारी प्राथमिकता है। इस गिरफ्तारी से अन्य अपराधियों में खौफ पैदा होगा। हम आगे भी ऐसे अभियान चलाते रहेंगे।"

मामले का महत्व और आगे की कार्रवाई;   यह गिरफ्तारी न केवल इस विशेष मामले को बंद करने में मददगार होगी, बल्कि बाड़मेर जिले में अवैध हथियारों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जिले में हाल के वर्षों में रंजिश के कारण फायरिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके चलते पुलिस ने विशेष टीमें गठित की हैं। देराराम के खिलाफ आर्म्स एक्ट, Attempt to Murder (IPC धारा 307) और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है।