अंता में अशोक गहलोत और हनुमान बेनीवाल दोनों करेंगे सभा , बदलेंगे समीकरण,टूटेगा रिकॉर्ड
राजस्थान की अंता विधानसभा उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल आज नरेश मीणा की सभा में संजय सिंह के साथ पहुंचेंगे, जिससे जाट-मेना वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है। बीजेपी के मोरपाल सुमन और कांग्रेस के प्रमोद भाया के बीच कड़ा मुकाबला, लेकिन तीसरा मोर्चा समीकरण बिगाड़ सकता है।
जयपुर, 8 नवंबर 2025:
राजस्थान की राजनीति में अंता विधानसभा उपचुनाव एक बार फिर सुर्खियों में छाया हुआ है। बारां जिले की इस सीट पर 25 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के पक्ष में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की आज अंता में एंट्री ने पूरे समीकरणों को हिला दिया है। बेनीवाल नरेश मीणा की विशाल आम सभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह और पूर्व मंत्री राजेंद्र गूढ़ा भी मंच साझा करेंगे। यह गठजोड़ न केवल जाट-मेना वोटों के ध्रुवीकरण का संकेत दे रहा है, बल्कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है।
उपचुनाव का पृष्ठभूमि: कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द से शुरू हुई जंग अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की नौबत तब आई जब पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया। कंवरलाल पर 2005 के उपसरपंच चुनाव के दौरान एसडीएम पर पिस्तौल तानने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का पुराना केस चल रहा था। राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई, जिसके बाद मई 2025 में विधानसभा ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। सुप्रीम कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद यह सीट खाली हो गई। इस सीट पर कुल 2 लाख 27 हजार 563 मतदाता हैं, और 268 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को 5,861 वोटों से हराया था। लेकिन अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है: बीजेपी से मोरपाल सुमन, कांग्रेस से प्रमोद जैन भाया, और निर्दलीय नरेश मीणा। कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन असली टक्कर इन्हीं तीन के बीच है। मतगणना 28 नवंबर को होगी।
हनुमान बेनीवाल का अंता दौरा: तीसरे विकल्प की मजबूत अपील आज दोपहर 11 बजे मांगरोल की कृषि उपज मंडी प्रांगण में होने वाली नरेश मीणा की आम सभा में हनुमान बेनीवाल हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे। RLP ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी से कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा, लेकिन बेनीवाल नरेश मीणा के समर्थन में वोट अपील करेंगे। बेनीवाल ने X पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, "मैं चाहता हूं कि हर समाज में तीसरे विकल्प के रूप में नए नेता उभरें। मेरी पार्टी से कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा, लेकिन बुलावा आया है तो जाना ही पड़ेगा।" यह बयान तेजी से वायरल हो गया है, जहां RLP समर्थकों ने इसे 'नए दौर की शुरुआत' करार दिया।बेनीवाल का जाट समुदाय में गहरा प्रभाव है, जो अंता-बारां क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। नरेश मीणा, जो राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व महासचिव रह चुके हैं, पहले भी विवादों से घिरे रहे हैं। 2024 के देवली-उनियारा उपचुनाव में उन्होंने निर्दलीय लड़ते हुए 60,000 वोट हासिल किए थे, जो कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने का सबूत था। इसी साल समरावता थप्पड़ कांड में SDM को थप्पड़ मारने के आरोप में जेल गए नरेश को बाद में जमानत मिली। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया, जिसके बाद वे निर्दलीय मैदान में उतरे।संगठन ने चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी के समर्थन की भी घोषणा की है। पूर्व मंत्री राजेंद्र गूढ़ा, जो बीजेपी से निष्कासित हो चुके हैं, भी सभा में बोलेंगे। X पर #अंता_उपचुनाव ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स लिख रहे हैं: "हनुमान का साथ, नरेश की जीत तय।
कांग्रेस की रणनीति: गहलोत का फोकस स्थानीय मुद्दों पर कांग्रेस ने उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रमोद जैन भाया के प्रचार में जुटे हैं, जिन्हें उन्होंने 'कांग्रेस का मजबूत चेहरा' बताया। भाया 2023 में हार चुके हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें ही दोबारा मैदान में उतारा। गहलोत का फोकस किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी और स्थानीय विकास पर है। पार्टी ने 56 नेताओं को गांव-गांव प्रभारी बनाया है, जहां प्रत्येक को तीन-तीन गांवों की जिम्मेदारी सौंपी गई। सचिन पायलट 5 नवंबर को रोड शो करेंगे, जिसमें प्रहलाद गुंजल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। X पर @kcmeenainc ने सीसवाली में जनसम्पर्क कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर कीं, लिखा: "जनता के बीच, जनता के लिए!" लेकिन नरेश मीणा का निर्दलीय उतरना कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा रहा है। मीणा के 60,000 वोट कांग्रेस के हिस्से कम कर सकते हैं।
बीजेपी का किला: वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा की जोड़ी बीजेपी के लिए अंता हमेशा से गढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस क्षेत्र में मजबूत प्रभाव है। उनके करीबी मोरपाल सुमन उम्मीदवार हैं, जिन्होंने हाल ही में कहा, "जनता ही मेरी ताकत है, इन्हीं के दम पर मैं चुनाव लड़ रहा हूं।" राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संयुक्त सभाएं कीं, जहां राजे ने कहा, "अंता हमारा गढ़ है, यहां बीजेपी की जीत सुनिश्चित है।" X पर वायरल वीडियो में राजे-शर्मा की जोड़ी पार्टी की एकजुटता का संदेश दे रही है। @NewsRajasthani ने पोस्ट किया: "वसुंधरा राजे - हमारा उम्मीदवार गरीब है, लेकिन उसका चरित्र अमीर है।" लेकिन बेनीवाल के समर्थन से जाट वोटों का ध्रुवीकरण बीजेपी के लिए चुनौती है। एक पोस्ट में लाइब्रेरियन पद वृद्धि की मांग उठी, जहां अभ्यर्थी राजे के सामने अपनी बात रख रहे हैं।
X पर हलचल: ट्रेंडिंग है #अंता_उपचुनावX पर बहस तेज है। @98_basram ने वीडियो शेयर कर पूछा: "नरेश मीणा को अंता की जनता पर पूरा विश्वास लग रहा है..!! क्या अंता की जनता नरेश मीणा को सेवा करने का मौका देगी?" @Rajputchtrsingh ने राजेंद्र गूढ़ा की तारीफ की: "एक क्षत्रिय है जो नरेश मीणा भाई के लिए अड़ींग हिमालय की तरह खड़ा है।" वहीं, बीजेपी समर्थक मोरपाल सुमन को 'अजेय' बता रहे हैं। @sinwarPS ने लाइब्रेरियन मुद्दे पर पोस्ट किया, जो स्थानीय असंतोष दिखाता है।@DikshaOffcial ने यूट्यूब लिंक शेयर कर कहा: "अंता में आज क्या नया होने वाला है...." यूजर @mdkmeena04 ने वोट गणित पर सवाल उठाया: "क्या ये गणित सटीक बैठ रही है? क्या नरेश की विजय श्री इसी समीकरण के तहत होने वाली है?"
विश्लेषकों की राय: तीसरा मोर्चा बिगाड़ सकता है खेल राजनीतिक में नरेश मीणा की निर्दलीय उम्मीदवारी ने मुकाबले को त्रिकोणीय और रोमांचक बना दिया है। जाट-मेना वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है, जो बीजेपी के लिए ज्यादा खतरा है। बेनीवाल का सपोर्ट नरेश को अप्रत्याशित बूस्ट दे सकता है। एक ओर वसुंधरा का 'गढ़' मजबूत, दूसरी ओर गहलोत का कांग्रेस फोकस, लेकिन तीसरा मोर्चा समीकरण बिगाड़ सकता है।