अहमदाबाद विमान हादसा: एयर इंडिया पर मुआवजे की प्रक्रिया में अनुचित दबाव के आरोप, कंपनी ने किया खंडन
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे (12 जून 2025) के बाद मुआवजे की प्रक्रिया को लेकर विवाद। यूके की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स ने एयर इंडिया पर आरोप लगाया कि पीड़ित परिवारों को अनुचित प्रश्नावलियां भेजकर आर्थिक जानकारी के लिए दबाव डाला जा रहा है। एयर इंडिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रश्नावली केवल संबंधों की पुष्टि के लिए है और 47 परिवारों को अग्रिम मुआवजा दिया जा चुका है। जांच में डबल इंजन फेलियर संभावित कारण।

12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भयानक हादसे में 241 यात्रियों और 29 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद मुआवजे की प्रक्रिया को लेकर एयर इंडिया पर गंभीर आरोप लगे हैं। यूके की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स, जो 40 से अधिक पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, ने दावा किया है कि एयर इंडिया ने मुआवजे के लिए ऐसी प्रश्नावलियां भेजी हैं, जो परिवारों पर संवेदनशील आर्थिक जानकारी देने के लिए दबाव डाल रही हैं। फर्म के वकील पीटर नीनन ने कहा कि इन प्रश्नावलियों में कानूनी शब्दावली जैसे "आर्थिक निर्भरता" और "उत्तरजीवी लाभार्थी" का इस्तेमाल किया गया है, बिना यह स्पष्ट किए कि इनका क्या मतलब है।
उनका आरोप है कि इस जानकारी का इस्तेमाल बाद में परिवारों के खिलाफ किया जा सकता है, जिसे उन्होंने "अमानवीय और अपमानजनक" करार दिया। स्टीवर्ट्स ने पीड़ित परिवारों को सलाह दी है कि वे कोई फॉर्म न भरें और मुआवजे के लिए कानूनी रास्ता अपनाएं।
दूसरी ओर, एयर इंडिया ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। कंपनी का कहना है कि प्रश्नावली का उद्देश्य केवल पारिवारिक संबंधों की पुष्टि करना है, ताकि मुआवजा सही लाभार्थियों तक पहुंचे। एयर इंडिया ने स्पष्ट किया कि यह एक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसका पालन अनिवार्य है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें अंतिम संस्कार, आवास, और अन्य व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं।
एयर इंडिया के अनुसार, अब तक 47 परिवारों को अग्रिम मुआवजा दिया जा चुका है, और 55 अन्य परिवारों के लिए भुगतान प्रक्रिया चल रही है। कंपनी ने यह भी जोर दिया कि प्रश्नावली को ई-मेल या व्यक्तिगत रूप से जमा किया जा सकता है, और बिना बुलाए किसी के घर पर कोई दौरा नहीं किया जाएगा।इसके अलावा, मुआवजे की राशि को लेकर भी विवाद है। एयर इंडिया ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा और टाटा संस द्वारा घोषित 1 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता देने की बात कही है। हालांकि, यूके में रहने वाले कुछ पीड़ित परिवार लंदन की कानूनी फर्म कीस्टोन लॉ के साथ मिलकर एयर इंडिया और बोइंग के खिलाफ मुकदमा दायर करने की योजना बना रहे हैं, ताकि मुआवजे की राशि को बढ़ाया जा सके।
कीस्टोन लॉ ने बताया कि वे टाटा AIG (एयर इंडिया की बीमा कंपनी) द्वारा की गई शुरुआती वित्तीय सेटलमेंट की समीक्षा कर रहे हैं।हादसे की जांच भी तेजी से चल रही है। विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, और प्रारंभिक जांच में डबल इंजन फेलियर को हादसे का संभावित कारण बताया गया है। इस बीच, डीजीसीए ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की हर उड़ान से पहले जांच के आदेश दिए हैं। यह हादसा भारत में पिछले एक दशक में सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक है, जिसने सुरक्षा और मुआवजे की प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।