"अग्निवीर से छात्र नेता: अजयपाल सिंह ने JNU में SFI के बैनर तले काउंसलर पद पर लहराया जीत का परचम"

Apr 26, 2025 - 20:55
"अग्निवीर से छात्र नेता: अजयपाल सिंह ने JNU में SFI के बैनर तले काउंसलर पद पर लहराया जीत का परचम"

नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रसंघ चुनाव 2025 में राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव तानु से निकले अजयपाल सिंह ने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के बैनर तले काउंसलर पद पर शानदार जीत हासिल की है। भारतीय वायुसेना में अग्निवीर के रूप में सेवा दे चुके अजयपाल का यह सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि सामाजिक बदलाव और छात्र अधिकारों के लिए उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। उनकी जीत ने JNU कैंपस में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है, और सोशल मीडिया पर उनकी उपलब्धि की खूब चर्चा हो रही है।

अजयपाल सिंह का प्रेरणादायक सफर

अजयपाल सिंह का जन्म एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। उन्होंने भारतीय वायुसेना में अग्निवीर के रूप में देश की सेवा की, लेकिन उनकी चाहत उन्हें JNU के शैक्षणिक परिसर तक ले आई। JNU में दाखिला लेने के बाद उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा और SFI के साथ जुड़कर छात्रों के हितों के लिए संघर्ष शुरू किया।

अजयपाल ने अपने चुनावी अभियान में सस्ती शिक्षा, JNU के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, और फीस वृद्धि जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा, "JNU में एक सेमेस्टर की फीस मात्र 268 रुपये है, जिसके कारण गरीब परिवारों के बच्चे भी यहां पढ़ सकते हैं। लेकिन सरकार इसे खत्म करने पर तुली है।" उनकी यह बात कैंपस के छात्रों के बीच गहरी पैठ बना गई।

चुनावी जंग और जीत

JNU छात्रसंघ चुनाव 2025 के लिए 25 अप्रैल को मतदान हुआ, जिसमें 7,906 छात्रों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस बार चुनाव में ध्रुवीकरण और नए गठबंधनों ने माहौल को और रोचक बना दिया। SFI ने बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (BAPSA), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF), और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PSA) के साथ गठबंधन किया।

 अजयपाल ने अपने अभियान में न केवल JNU के मुद्दों को उठाया, बल्कि राजस्थान के स्थानीय मुद्दों, जैसे ओरण भूमि के लिए चल रहे संघर्ष और हीटवेव से होने वाली मौतों पर सरकार की निष्क्रियता की भी आलोचना की। उनके समर्थन में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आईसी घोष, गोपिका बाबू, सागर सिंघल, अंजली, कमल सिंह दुधोड़ा, और छगनलाल रामसर जैसे प्रमुख छात्र नेता मौजूद रहे।

अजयपाल का विजन

नामांकन के बाद अजयपाल ने कहा था, "मैंने वायुसेना में अग्निवीर के रूप में देश की सेवा की, और अब SFI के माध्यम से छात्रों की आवाज बनकर JNU के लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं।" उन्होंने केंद्र सरकार और RSS पर JNU की शैक्षणिक गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि वे JNU की सस्ती शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए लड़ते रहेंगे। 

JNU चुनाव का व्यापक परिदृश्य

इस बार JNU चुनाव में वामपंथी संगठनों के बीच गठबंधन और विभाजन दोनों देखने को मिले। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) के साथ गठबंधन बनाया, जबकि SFI ने BAPSA, AISF, और PSA के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। दूसरी ओर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी केंद्रीय पैनल और काउंसलर पदों पर मजबूत दावेदारी पेश की। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ