किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी विवादों में केंद्र सरकार की कंपनी ने किया पलटवार

किशनगढ़ में नकली उर्वरक के खिलाफ कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी के बाद IFFCO ने आधिकारिक बयान जारी कर नकली उर्वरक के दावों को भ्रामक बताया। कंपनी ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता का बचाव किया, जबकि मीणा ने किसानों के हित में सख्त कार्रवाई की बात कही। जांच जारी।

Jun 3, 2025 - 22:08
किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी विवादों में केंद्र सरकार की कंपनी ने किया पलटवार

जयपुर, 3 जून 2025: राजस्थान के किशनगढ़ में नकली उर्वरक के खिलाफ कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी के बाद उपजे विवाद पर भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। IFFCO ने एक आधिकारिक बयान जारी कर सोशल मीडिया और कुछ मीडिया चैनलों पर फैलाए जा रहे दावों को "भ्रामक और निराधार" करार दिया है।

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 29 और 30 मई को अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र में कई उर्वरक इकाइयों पर छापेमारी की थी, जिसमें नकली DAP, SSP, और जिप्सम की भारी मात्रा जब्त की गई। इस दौरान कुछ फैक्ट्रियों में IFFCO के ब्रांडेड नामों के खाली कट्टे और लेबल भी मिले, जिसके बाद यह आरोप लगे कि IFFCO के नाम पर नकली उर्वरक बनाए जा रहे थे।

IFFCO ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि छापेमारी में उनके कोई उर्वरक नहीं पाए गए। कंपनी ने कहा कि कुछ स्थानों पर उनकी सहयोगी कंपनी Aquagri द्वारा निर्मित जैवउत्प्रेरक 'सागरिका दानेदार' मिला, जो पूरी तरह वैध और गुणवत्तापूर्ण है। यह उत्पाद केंद्रीय अनुसंधान संस्थान CSIR-CSMCRI की तकनीक पर आधारित है और भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप है। बयान में यह भी बताया गया कि इस उत्पाद में डोलोमाइट, जिप्सम, समुद्री शैवाल पाउडर, और बेंटोनाइट जैसे सामग्रियों का उपयोग होता है, जिनमें कोई अनियमितता नहीं है।

IFFCO ने किसानों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कंपनी के उत्पादों पर भरोसा बनाए रखें। कंपनी ने इसे "दुष्प्रचार" करार देते हुए कहा कि कुछ लोग उनके ब्रांड की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

दूसरी ओर, किरोड़ी लाल मीणा ने इस कार्रवाई को किसानों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि नकली उर्वरक माफिया किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनकी जमीनों को बंजर कर रहे हैं। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कार्रवाई किसी राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह किसानों के भविष्य की रक्षा के लिए है।

इस छापेमारी में किशनगढ़ के उदयपुर कला, डिंडवाड़ा, और बांदरसिंदरी जैसे क्षेत्रों में कई फैक्ट्रियों पर मार्बल पाउडर, मिट्टी, और रंगों का उपयोग कर नकली उर्वरक तैयार किए जाने का खुलासा हुआ। मीणा ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पूरे उर्वरक आपूर्ति नेटवर्क की जांच के आदेश दिए हैं।

यह विवाद अब चर्चा का केंद्र बन गया है, जिसमें IFFCO अपनी साख बचाने की कोशिश कर रहा है, वहीं सरकार नकली उर्वरक के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति को लागू करने में जुटी है। मामले की गहराई से जांच जारी है, और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ