ई-मित्र सेवाओं में गड़बड़ियों पर सख्ती: राजस्थान में 276 से ज्यादा कियोस्क ब्लैक लिस्टेड

राजस्थान में ई-मित्र योजना के तहत 276 से ज्यादा कियोस्क ब्लैक लिस्टेड किए गए हैं, क्योंकि कमजोर निगरानी के कारण संचालक फर्जी दस्तावेज, छेड़छाड़, अधिक शुल्क वसूली, और अभद्र व्यवहार जैसी गड़बड़ियां कर रहे हैं। जयपुर (49), नागौर (26), और दौसा (21) में सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई। सरकार ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए, लेकिन सख्ती और तकनीकी निगरानी की जरूरत है।

Jun 11, 2025 - 14:01
ई-मित्र सेवाओं में गड़बड़ियों पर सख्ती: राजस्थान में 276 से ज्यादा कियोस्क ब्लैक लिस्टेड

राजस्थान सरकार ने आम लोगों को सरकारी सेवाएं घर के नजदीक उपलब्ध कराने के लिए ई-मित्र योजना शुरू की थी, ताकि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। हालांकि, कमजोर निगरानी व्यवस्था का फायदा उठाकर कई ई-मित्र संचालक अनियमितताएं कर रहे हैं। अधिकारियों के निरीक्षण में विभिन्न प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिसके चलते प्रदेश में 276 से ज्यादा ई-मित्र कियोस्क की आईडी ब्लैक लिस्टेड की जा चुकी है। कई मामलों में चेतावनी और जुर्माना वसूलकर भी कार्रवाई की गई है।

सबसे ज्यादा गड़बड़ियां जयपुर में, अन्य जिलों में भी स्थिति गंभीर

सबसे ज्यादा अनियमितताएं जयपुर में सामने आई हैं, जहां 49 ई-मित्र कियोस्क ब्लैक लिस्टेड किए गए। इसके बाद नागौर (26), दौसा (21), झुंझुनूं (19), और श्रीगंगानगर (16) में भी बड़ी संख्या में ई-मित्रों पर कार्रवाई हुई। प्रमुख शिकायतों में शामिल हैं:

  • फर्जी दस्तावेज और छेड़छाड़: करीब 100 ई-मित्र कियोस्क दस्तावेजों में गड़बड़ी के कारण ब्लैक लिस्टेड किए गए। दौसा, चूरू, जयपुर, झालावाड़, नागौर और श्रीगंगानगर में यह समस्या सबसे ज्यादा देखी गई।
  • वित्तीय अनियमितताएं: निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे वसूलने की शिकायत पर लगभग 75 ई-मित्र आईडी ब्लैक लिस्टेड की गईं। यह समस्या आधे से ज्यादा जिलों, खासकर अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, नागौर और श्रीगंगानगर में सामने आई।
  • अभद्र व्यवहार और हिंसा: निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से दुर्व्यवहार, मारपीट और सहयोग न करने के कारण 12 से ज्यादा ई-मित्र ब्लैक लिस्टेड हुए।
  • अन्य गड़बड़ियां: फर्जी सील और साइन, आईडी का दुरुपयोग, पेंशन में धोखाधड़ी, बिजली-पानी के बिलों में हेराफेरी, और आवंटित स्थान से दूसरी जगह कियोस्क संचालन जैसी शिकायतों पर भी कार्रवाई हुई। बिलों में गड़बड़ी के लिए 32, पेंशन धोखाधड़ी के लिए 14, और फर्जी सील-साइन के लिए 12 ई-मित्र ब्लैक लिस्टेड किए गए।

तय शुल्क से ज्यादा वसूली की शिकायतें

सरकार ने ई-मित्र सेवाओं के लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित किया है, लेकिन कई जगह दोगुने या उससे ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायतें मिलीं। इन मामलों में भी ई-मित्र आईडी को ब्लैक लिस्टेड किया गया।

जिलों में ब्लैक लिस्टेड ई-मित्रों की संख्या

  • जयपुर: 49
  • नागौर: 26
  • दौसा: 21
  • झुंझुनूं: 19
  • श्रीगंगानगर: 16
  • जोधपुर: 12
  • कोटा, झालावाड़: 11-11
  • सीकर, टोंक: 10-10
  • चूरू: 9
  • अजमेर: 8
  • अलवर: 7
  • बीकानेर, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, भरतपुर: 6-6
  • भीलवाड़ा: 4
  • हनुमानगढ़, जालोर, पाली, उदयपुर: 3-3
  • सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, बारां, धौलपुर, जैसलमेर: 2-2
  • बूंदी: 1
  • डूंगरपुर, सिरोही: 0 (कोई कार्रवाई नहीं)

सरकार की कार्रवाई और चुनौतियां

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, फर्जी दस्तावेज और छेड़छाड़ की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। कई मामलों में पुलिस मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। सरकार ने निगरानी बढ़ाने और नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए हैं, लेकिन कमजोर मॉनिटरिंग के कारण गड़बड़ियां रुक नहीं रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त कानूनी कार्रवाई और तकनीकी निगरानी बढ़ाकर ही इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .