13 साल की नाबालिग मेरठ में तस्करों के चंगुल में, 40 साल के व्यक्ति से कराई गई जबरन शादी, पुलिस ने किया रेस्क्यू.
दिल्ली की 13 साल की नाबालिग लड़की घर से भागने के बाद मेरठ में मानव तस्करों के चंगुल में फंस गई। तस्करों ने उसे 15,000-20,000 रुपये में बेचकर 40 साल के व्यक्ति से जबरन शादी कराई। फर्जी आधार कार्ड बनाकर उसकी उम्र 19 साल दिखाई गई। एक मिस्ड कॉल की मदद से दिल्ली पुलिस ने लड़की को शामली से बरामद किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामले में मानव तस्करी, दुष्कर्म, और फर्जी दस्तावेजों के आरोप में कार्रवाई चल रही है।

दिल्ली के भारत नगर इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां 13 साल की एक नाबालिग लड़की अपने पिता से झगड़े के बाद घर से भाग गई और मानव तस्करों के जाल में फंस गई। तस्करों ने न केवल उसे मेरठ ले जाकर 15,000-20,000 रुपये में बेच दिया, बल्कि उसकी जबरन शादी 40 साल के एक व्यक्ति से करा दी। इस शादी के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाया गया, जिसमें लड़की की उम्र 19 साल दिखाई गई। शादी के चार दिन बाद लड़की के साथ दुष्कर्म का भी आरोप है। लेकिन एक मिस्ड कॉल ने पुलिस को उस तक पहुंचाने में मदद की, और अब पुलिस ने लड़की को सुरक्षित बचा लिया है, साथ ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
घटना का विवरण:
22 जुलाई 2025 को दिल्ली के भारत नगर में रहने वाली 13 साल की नाबालिग का अपने पिता से विवाद हो गया। गुस्से में उसने घर छोड़ दिया और बस से रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां से वह मेरठ जाने वाली ट्रेन में सवार हो गई। मेरठ रेलवे स्टेशन पर भटकते समय उसकी मुलाकात हापुड़ के रहने वाले 20 साल के एक युवक से हुई। इस युवक ने उसे बहला-फुसलाकर मदद का वादा किया और अपने साथ ले गया।युवक और उसका मेरठ का 55 साल का एक साथी लड़की को शामली ले गए। वहां उन्होंने 24 जुलाई को 40 साल के एक व्यक्ति से लड़की की शादी करा दी, जिसके लिए 15,000-20,000 रुपये लिए गए। शादी को वैध दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया, जिसमें लड़की की उम्र को गलत तरीके से 19 साल दर्शाया गया। शादी के चार दिन बाद 40 साल के उस व्यक्ति ने कथित तौर पर लड़की के साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस तक कैसे पहुंची खबर:
लड़की के घर से गायब होने के बाद उसके परिजनों ने भारत नगर थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137 (अपहरण) के तहत मामला दर्ज कर तलाश शुरू की। शुरुआत में कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन एक मिस्ड कॉल ने इस केस में ट्विस्ट ला दिया। लड़की की दादी को एक अनजान नंबर से मिस्ड कॉल आई थी। जब परिवार ने उस नंबर पर वापस कॉल किया, तो एक महिला ने जवाब दिया कि शायद उनकी "बहू" ने कॉल किया होगा, और फिर फोन काट दिया। पुलिस को परिवार ने यह नंबर दिया, लेकिन गलती से एक डिजिट गलत बता दी गई, जिसके कारण पुलिस पहले मथुरा पहुंची, जहां कोई सुराग नहीं मिला। बाद में सही नंबर ट्रेस करने पर पुलिस को शामली की लोकेशन मिली। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और लड़की को एक घर से सुरक्षित बरामद कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई:
दिल्ली पुलिस की भारत नगर थाना टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें हापुड़ का 20 साल का युवक, उसका 55 साल का मेरठ का साथी, और वह 40 साल का व्यक्ति शामिल है, जिससे लड़की की जबरन शादी कराई गई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, और नाबालिग के शोषण से संबंधित भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, पॉक्सो एक्ट की धारा 6 (नाबालिग के साथ यौन अपराध) और धारा 21, साथ ही बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 की धारा 9 और 10 के तहत भी कार्रवाई की गई है।
डीसीपी का बयान:
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि लड़की को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है और मामले की गहन जांच चल रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस तस्करी गिरोह ने अन्य नाबालिग लड़कियों को भी इसी तरह निशाना बनाया है। डीसीपी ने कहा कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला नाबालिग लड़कियों के खिलाफ मानव तस्करी और जबरन शादी जैसे गंभीर अपराधों की भयावह स्थिति को उजागर करता है। दिल्ली पुलिस की त्वरित कार्रवाई और एक छोटे से सुराग (मिस्ड कॉल) की मदद से लड़की को बचा लिया गया, लेकिन यह घटना समाज में ऐसी बुराइयों के खिलाफ और सख्त कदम उठाने की जरूरत को दर्शाती है।