वन्य जीवों के लिए समर्पित चार पर्यावरण रक्षकों की शहादत: सड़क हादसे में वीरगति, राजकीय सम्मान और शहीद दर्जे की मांग तेज
शिकार की सूचना पर रैकी करने निकले थे पर्यावरण प्रेमी, बिश्नोई समाज ने की शहीद स्मारक निर्माण व सरकारी सम्मान की मांग, अमृतादेवी पुरस्कार से सम्मानित करने की अपील

राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोकरण तहसील के धोलिया गांव के चार पर्यावरण रक्षक — श्री राधेश्याम विश्नोई, श्री श्यामलाल विश्नोई, श्री कंवरराज भाटी और श्री सुरेन्द्र चौधरी — की 23 मई 2025 को एक दर्दनाक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। ये सभी वन्य जीव प्रेमी शिकारी गतिविधियों की सूचना पर क्षेत्र में रैकी करने निकले थे, इसी दौरान यह हादसा हुआ।
श्री राधेश्याम विश्नोई अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा जैसलमेर के कार्यकारिणी सदस्य थे और वन्य जीवों के उपचार के क्षेत्र में विशेषज्ञ माने जाते थे। श्री श्यामलाल विश्नोई गौरव सैनिक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। श्री कंवरराज भाटी भादरिया गौशाला में स्वयंसेवक थे, वहीं श्री सुरेन्द्र चौधरी एक समर्पित वन रक्षक थे। इन सभी ने पर्यावरण और जीव रक्षा के लिए लगातार निस्वार्थ कार्य किया।
अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने राजस्थान सरकार से इन सभी दिवंगतों को शहीद का दर्जा देने, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाने, परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की गई है कि भारत सरकार द्वारा प्रदत्त श्रीमती अमृतादेवी विश्नोई पर्यावरण पुरस्कार से इन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया जाए। राजस्थान सरकार से भी अनुरोध किया गया है कि इन शहीदों को राज्य शौर्य पुरस्कार हेतु भारत सरकार को अनुशंसा भेजी जाए।
सभा के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य डॉ. गोवर्धनरामजी शिक्षा शास्त्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री इन्द्रपालजी विश्नोई के आदेशानुसार, इन शहीदों की स्मृति में 'शहीद स्मारक' निर्माण करवाने और वार्षिक पुरस्कार प्रदान करने की भी घोषणा की गई है।
इनकी शहादत वन्य जीवों और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अमूल्य बलिदान है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।