धोरीमना में हनुमान बेनीवाल के बयान के खिलाफ उबाल, सड़कों पर उतरे लोग, पुतला दहन के साथ माफी की मांग

धोरीमना (बाड़मेर) में 7 मई 2025 को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के राजस्थान सरकार के मंत्री केके बिश्नोई के खिलाफ विवादित बयानों के विरोध में भारी जनाक्रोश देखा गया। बेनीवाल ने 2021 की पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए बिश्नोई पर व्यक्तिगत हमले किए थे। इसके जवाब में धोरीमना में बिश्नोई समाज सहित विभिन्न समुदायों ने सड़कों पर उतरकर बेनीवाल का पुतला फूंका और माफी की मांग की। बिश्नोई ने आरोपों को निराधार बताया और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। बेनीवाल अपनी बात पर अडिग हैं, जिससे राजस्थान की सियासत में तनाव बढ़ गया है।

May 7, 2025 - 13:45
धोरीमना में हनुमान बेनीवाल के बयान के खिलाफ उबाल, सड़कों पर उतरे लोग, पुतला दहन के साथ माफी की मांग
धोरीमन्ना में हनुमान बेनीवाल का पुतला फूँका

धोरीमना (बाड़मेर), 7 मई 2025: राजस्थान के जयपुर में बीते दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री केके बिश्नोई के खिलाफ दिए गए विवादित बयान के विरोध में भारी जनाक्रोश देखने को मिला। स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और बेनीवाल का पुतला फूंककर अपना गुस्सा जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों ने बेनीवाल से उनके बयान पर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है। 


हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में जयपुर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान 2021 की पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए राज्य मंत्री केके बिश्नोई पर गंभीर इल्जाम लगाए थे। बेनीवाल ने दावा किया था कि इस भर्ती प्रक्रिया में बिश्नोई और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत थी, और यह लेनदेन जोधपुर स्थित बिश्नोई के 'व्हाइट हाउस' में हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 
इन बयानों ने राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दी। बिश्नोई ने इन आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा कि बेनीवाल उनके नाम का दुरुपयोग कर युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं और 'व्हाइट हाउस' को सफेद धन से बनाया गया है। बिश्नोई ने बेनीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।


केके बिश्नोई के गृह क्षेत्र धोरीमना में बेनीवाल के इन बयानों के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। 7 मई 2025 को धोरीमना कस्बे में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और बेनीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में बिश्नोई समाज के साथ-साथ अन्य समुदायों, जिसमें जैन और मुस्लिम समुदाय शामिल थे, ने भी हिस्सा लिया।

प्रदर्शनकारियों ने बेनीवाल के बयानों को न केवल बिश्नोई समाज बल्कि पूरे क्षेत्र की भावनाओं के खिलाफ बताया। उन्होंने इसे राजनीतिक लाभ के लिए दिया गया गैर-जिम्मेदाराना बयान करार दिया। प्रदर्शन के दौरान पंचायत चौक से लेकर मुख्य बाजार तक रैली निकाली गई, जिसमें लोग बेनीवाल के खिलाफ बैनर और तख्तियां लेकर चल रहे थे। रैली के समापन पर बेनीवाल का पुतला फूंका गया।
महिलाओं और समुदायों की आपत्ति
प्रदर्शन में शामिल कुछ महिलाओं ने बेनीवाल द्वारा कथित तौर पर बिश्नोई के निजी आवास और उनके करीबी लोगों पर की गई टिप्पणियों को आपत्तिजनक बताया। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।"
स्थानीय बीजेपी नेताओं ने भी इस प्रदर्शन में सक्रिय भागीदारी की। एक बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा, "बेनीवाल की यह आदत है कि वे बिना सबूत के नेताओं पर कीचड़ उछालते हैं। धोरीमना की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।"

बिश्नोई समाज ने इस मामले में एकजुट होकर बेनीवाल के बयानों की कड़ी निंदा की। 

नागौर में भी बिश्नोई समाज ने 5 मई को बेनीवाल का पुतला फूंका था, जिससे यह विवाद और गहरा गया। धोरीमना में हुए इस प्रदर्शन ने मामले को और तूल दे दिया है, क्योंकि इसमें विभिन्न समुदायों की भागीदारी ने इस विरोध को व्यापक रूप दे दिया।

हनुमान बेनीवाल ने इस विवाद पर अभी तक कोई माफी नहीं मांगी है। जयपुर में अपने धरने के दौरान उन्होंने कहा कि उनके पास तथ्यों के आधार पर बयान दिए हैं और वे अपनी बात पर कायम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे युवाओं के हितों के लिए लड़ते रहेंगे, भले ही उन्हें गिरफ्तार किया जाए या लाठीचार्ज का सामना करना पड़े।
बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और बीजेपी मिलकर उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुए पेपर लीक घोटालों की सीबीआई जांच की मांग दोहराई और कहा कि बिश्नोई जैसे नेताओं को बचाने की कोशिश की जा रही है।

इस पूरे प्रकरण ने राजस्थान की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बेनीवाल अपने बेबाक बयानों के जरिए युवाओं और किसानों के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस तरह के व्यक्तिगत हमले उनके लिए उल्टा पड़ सकते हैं। दूसरी ओर, बीजेपी इसे बिश्नोई समाज और अन्य समुदायों को एकजुट करने के अवसर के रूप में देख रही है।

धोरीमना के प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक बेनीवाल अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, उनका विरोध जारी रहेगा। कुछ लोगों ने कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठाई है। 

यह विवाद आगामी दिनों में और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि बेनीवाल और बिश्नोई दोनों ही अपने-अपने रुख पर अडिग हैं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ