सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील मैन्यू दीवार पर पेंट करना अनिवार्य
झुंझुनूं में सरकारी स्कूलों को मिड-डे मील का साप्ताहिक मैन्यू दीवार पर पेंट करना अनिवार्य किया गया है, ताकि बच्चों और अभिभावकों को भोजन की जानकारी मिल सके। “अतिथि माता” योजना के तहत माताएं भोजन की गुणवत्ता जांचेंगी, जिससे पारदर्शिता और स्वच्छता सुनिश्चित होगी।

सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना को और प्रभावी बनाने के लिए मिड-डे मील आयुक्त ने सभी जिला कलक्टर्स को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अब सभी सरकारी स्कूलों को प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड-डे मील) का साप्ताहिक भोजन मैन्यू स्कूल की मुख्य दीवार पर आकर्षक और पढ़ने योग्य तरीके से पेंट करना अनिवार्य होगा। झुंझुनूं जिले में इस निर्देश का पालन शुरू हो चुका है, जिससे बच्चों और अभिभावकों को भोजन व्यवस्था की स्पष्ट जानकारी मिल सके।
मिड-डे मील योजना का लाभ 81,622 विद्यार्थियों को
झुंझुनूं जिले में पहली से 8वीं कक्षा तक के 81,622 विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। योजना के तहत पहली से 5वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन युक्त भोजन प्रदान किया जाता है, जबकि 6वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन वाला भोजन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, सप्ताह में एक दिन फलों का वितरण भी सुनिश्चित किया गया है।
साप्ताहिक मैन्यू: पौष्टिक और संतुलित भोजन
निर्देशों के अनुसार, स्कूलों में साप्ताहिक भोजन मैन्यू निम्नलिखित है:
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सोमवार: रोटी, दाल, सब्जी
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मंगलवार: चावल, दाल, सब्जी
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बुधवार: रोटी, दाल, सब्जी
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गुरुवार: खिचड़ी (दाल, चावल, सब्जी सहित)
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शुक्रवार: रोटी, दाल, सब्जी
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शनिवार: रोटी, दाल, सब्जी
यह मैन्यू रंगीन और साफ अक्षरों में स्कूल की मुख्य दीवार पर प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि यह सभी के लिए आसानी से पढ़ा जा सके।
“अतिथि माता” की भूमिका से बढ़ेगी गुणवत्ता
आयुक्त के निर्देशों में “अतिथि माता” की अवधारणा को विशेष महत्व दिया गया है। इसके तहत समय-समय पर विद्यार्थियों की माताओं या महिला अभिभावकों को स्कूल बुलाया जाएगा। भोजन वितरण से पहले अतिथि माता भोजन का स्वाद लेंगी और अपनी राय व सुझाव स्कूल के रजिस्टर में दर्ज करेंगी। यह व्यवस्था भोजन की गुणवत्ता पर सामुदायिक निगरानी को मजबूत करेगी।
स्वच्छता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
भोजन तैयार करने के दौरान स्वच्छता, स्वच्छ पानी, और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री के उपयोग पर सख्त निर्देश दिए गए हैं। शिक्षकों और रसोइयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भोजन न केवल पौष्टिक हो, बल्कि पूरी तरह स्वच्छ भी हो। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) ने बताया कि भोजन व्यवस्था को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सभी संस्था प्रधानों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
यह नई व्यवस्था न केवल बच्चों और अभिभावकों के बीच पारदर्शिता को बढ़ाएगी, बल्कि भोजन की गुणवत्ता की निगरानी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। झुंझुनूं जिले में इस पहल को लागू करने के लिए स्कूलों ने तत्परता दिखाई है, और उम्मीद है कि यह अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बनेगी।