"विश्व मंच पर भारत का गौरव: पीएम मोदी को घाना का सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 जुलाई 2025 को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। उनकी दो दिवसीय घाना यात्रा के दौरान भारत-घाना संबंधों को 'व्यापक साझेदारी' का दर्जा दिया गया, चार समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया गया। यह सम्मान भारत की वैश्विक साख और पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दर्शाता है।

Jul 3, 2025 - 10:41
Jul 3, 2025 - 10:42
"विश्व मंच पर भारत का गौरव: पीएम मोदी को  घाना का सर्वोच्च सम्मान

अकरा, घाना: भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को 2 जुलाई 2025 को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, 'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने अकरा की राजधानी में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया। यह पुरस्कार पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, वैश्विक कूटनीति में उनके प्रभावशाली योगदान और भारत-घाना के बीच ऐतिहासिक मित्रता को मजबूत करने के प्रयासों का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी 2-3 जुलाई 2025 को दो दिवसीय द्विपक्षीय यात्रा पर घाना पहुंचे, जो पिछले 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस पश्चिम अफ्रीकी देश की पहली यात्रा है। अकरा के कोटोका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया, जहां राष्ट्रपति महामा ने व्यक्तिगत रूप से उनकी अगवानी की। उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सम्मानित किया गया। भारतीय समुदाय और घाना की जनता ने भी सड़कों पर उतरकर "भारत माता की जय" और "हरे रामा हरे कृष्ण" के नारों के साथ उनका उत्साहपूर्ण स्वागत किया। 

सम्मान का महत्व'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' घाना का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो विशिष्ट व्यक्तियों को उनके असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। यह पीएम मोदी का 24वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, जो उनकी वैश्विक साख और भारत की मजबूत विदेश नीति को रेखांकित करता है। इस वर्ष उन्हें साइप्रस, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे देशों से भी सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुए हैं।

पीएम मोदी ने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों की ओर से स्वीकार करते हुए इसे देश की युवा पीढ़ी, उनकी आकांक्षाओं, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और भारत-घाना के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया। उन्होंने कहा, "यह सम्मान मेरे लिए गर्व का विषय है। मैं राष्ट्रपति महामा, घाना सरकार और वहां के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान भारत-घाना मित्रता को और मजबूत करने की जिम्मेदारी भी देता है।"

 भारत-घाना संबंधों में नया अध्याय

इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की व्यापक वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों ने अपनी साझेदारी को 'व्यापक साझेदारी' (Comprehensive Partnership) के स्तर तक ले जाने का निर्णय लिया। दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके अतिरिक्त, चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, मानकीकरण और रेयर अर्थ मिनरल्स की खनन से संबंधित करार शामिल हैं।

आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता

दोनों नेताओं ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताते हुए इसके खिलाफ सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने कहा, "हम 'सिक्योरिटी थ्रू सॉलिडैरिटी' के मंत्र के साथ रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।" इसमें सशस्त्र बलों की ट्रेनिंग, समुद्री सुरक्षा, डिफेंस सप्लाई और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्र शामिल हैं। साथ ही, पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता जताते हुए दोनों देशों ने कूटनीति और संवाद के माध्यम से समाधान की वकालत की। 

विकास और सहयोग के नए आयाम

पीएम मोदी ने घाना के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे, जिनमें शामिल हैं:

जन औषधि केंद्र: घाना की जनता के लिए सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना। 

कौशल विकास केंद्र: घाना में युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना।

कृषि सहयोग: राष्ट्रपति महामा के 'फीड घाना' कार्यक्रम को समर्थन।

शिक्षा: ITEC और ICCR छात्रवृत्तियों की संख्या को दोगुना करने का ऐलान, ताकि अधिक घानाई छात्र भारत में शिक्षा प्राप्त कर सकें।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव

पीएम मोदी ने घाना के स्वतंत्रता संग्राम के नायक क्वामे एनक्रूमा को श्रद्धांजलि दी, जिन्हें 'घाना का महात्मा गांधी' कहा जाता है। एनक्रूमा मेमोरियल पार्क में उनकी यात्रा ने भारत और घाना के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत किया। 1958 में एनक्रूमा की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच एकजुटता की नींव रखी थी, जिसे पीएम मोदी की इस यात्रा ने और सशक्त किया। 

वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता

यह सम्मान और यात्रा न केवल भारत-घाना संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है। पीएम मोदी ने घाना को पश्चिम अफ्रीका का सशक्त लोकतंत्र और "आशा की किरण" बताते हुए कहा कि भारत घाना की विकास यात्रा में सह-यात्री के रूप में हमेशा साथ खड़ा रहेगा। 

  नरेंद्र मोदी का यह सम्मान और उनकी घाना यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति, मित्रता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जो दर्शाता है कि भारत आज विश्व में एक विश्वसनीय और प्रभावशाली शक्ति के रूप में उभर रहा है।