वैष्णो देवी लैंडस्लाइड हादसे में राजस्थान के चार व्यापारी भाइयों की दुखद मौत...
माता वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थ मार्ग पर 26 अगस्त 2025 को हुए भीषण भूस्खलन में राजस्थान के सुजानगढ़ के चार व्यापारी भाइयों की दुखद मौत हो गई। श्रीनगर घूमने के बाद दर्शन के लिए निकले ये भाई अर्धकुंवारी के पास पत्थरों के नीचे दब गए। भारी बारिश के कारण हुए इस हादसे में 32 लोगों की जान गई, और यात्रा स्थगित कर दी गई। राहत-बचाव कार्य जारी हैं।

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थ मार्ग पर मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को हुए भीषण भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस दुखद हादसे में राजस्थान के चूरू जिले के सुजानगढ़ के चार व्यापारी भाइयों की जान चली गई। ये भाई श्रीनगर में घूमने के बाद माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा पहुंचे थे, लेकिन अर्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के निकट हुए भूस्खलन में बड़े-बड़े पत्थरों के नीचे दबकर उनकी जीवन लीला समाप्त हो गई। इस हादसे ने न केवल उनके परिवारों, बल्कि पूरे सुजानगढ़ में शोक की लहर दौड़ा दी है।
हादसे का विवरण
मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, भारी बारिश के कारण त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर के पुराने तीर्थ मार्ग पर अचानक भूस्खलन हुआ। यह हादसा अर्धकुंवारी गुफा मंदिर के पास हुआ, जहां विशाल पत्थर और मलबा तीर्थयात्रियों पर गिर पड़ा। इस आपदा में कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों में राजस्थान के सुजानगढ़ के चार व्यापारी भाइयों की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में दो सगे भाई और दो रिश्तेदार भाई शामिल हैं, जो एक साथ माता के दर्शन के लिए निकले थे।
मृतकों की पहचान
हालांकि, अभी तक मृतकों के नामों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और समाचार स्रोतों के अनुसार, ये चारों भाई सुजानगढ़ के प्रतिष्ठित व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते थे। ये भाई श्रीनगर की सैर के बाद माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा आए थे। उनके परिवारों में इस हादसे के बाद कोहराम मचा हुआ है, और परिजन शवों को सुजानगढ़ लाने की तैयारी में हैं।
भारी बारिश ने बढ़ाई तबाही
जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग ने 26 और 27 अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, जिसमें भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी दी गई थी। जम्मू में 24 घंटे में 320 मिलीमीटर और उधमपुर में 12 घंटे में 540 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से कहीं अधिक है। इस बारिश के कारण तवी, चिनाब, रावी और बसंतर जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए भारी मशीनरी और जनशक्ति लगाई गई है। भारतीय वायुसेना का सी-130 विमान राहत सामग्री लेकर जम्मू पहुंचा, और हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्यों के लिए तैयार हैं। जम्मू जिले में अब तक 3,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें से ज्यादातर को जम्मू के यूथ हॉस्टल में रखा गया है।
यात्रा स्थगित, प्रशासन सतर्क
भूस्खलन के कारण वैष्णो देवी यात्रा मार्ग को अगले आदेश तक पूरी तरह स्थगित कर दिया गया है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम में सुधार होने तक अपनी यात्रा स्थगित करें। जम्मू-कटरा हाईवे और कई अन्य सड़कों को बंद कर दिया गया है, साथ ही 22 ट्रेनें रद्द और 27 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है।
परिवारों में शोक, प्रशासन का सहयोग
सुजानगढ़ में मृतक भाइयों के परिवारों में मातम का माहौल है। स्थानीय प्रशासन और राजस्थान सरकार ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे में मारे गए अपने राज्य के श्रद्धालुओं के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है, जिससे अन्य राज्यों के लिए भी सहायता की उम्मीद जगी है।
यह हादसा एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के खतरों को उजागर करता है। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए इन चार व्यापारी भाइयों की दुखद मृत्यु ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। प्रशासन और बचाव दल मलबे में फंसे अन्य लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन मौसम की प्रतिकूलता चुनौतियां बढ़ा रही है।