उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जोधपुर दौरे के दौरान बाबा रामदेव मंदिर के सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज से लिया आशीर्वाद.
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जोधपुर में बाबा रामदेव मंदिर में 'जुगल जोड़ी' के साथ दर्शन किए और सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज से आशीर्वाद लिया। भादवा मेले की तैयारियों के बीच हुए इस दौरे में उन्होंने प्रदेश की समृद्धि की प्रार्थना की। दर्शन के बाद वे सड़क मार्ग से जयपुर रवाना हुईं। यह दौरा धार्मिक आस्था और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

जोधपुर, 1 अक्टूबर 2025: राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आज जोधपुर में लोकदेवता बाबा रामदेव मंदिर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और बाबा रामदेव के दर्शन किए। धार्मिक आस्था के इस दौरा को 'जुगल जोड़ी' के रूप में वर्णित किया गया, जिसमें दिया कुमारी के साथ उनके सहयोगी या परिवार के सदस्य भी शामिल थे। दौरा पूरा होने के बाद वे सड़क मार्ग से जयपुर के लिए रवाना हो गईं। यह घटना भादवा मेले के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जो जोधपुर के धार्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
दौरे का विवरण और पृष्ठभूमि
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी का यह दौरा जोधपुर के मसूरिया पहाड़ी स्थित बाबा रामदेव मंदिर (जिसे आधार शिला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) पर केंद्रित रहा। यह मंदिर बलुआ पत्थर की मसूरिया पहाड़ी पर स्थित है, जो जोधपुर के जालोरी गेट और नागोरी गेट के बीच मार्ग पर पड़ता है। मंदिर की चोटी से शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है, और यह साहसिक भक्तों व श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र है। अब यहां मजबूत सीढ़ियां बनी हुई हैं, जिससे दर्शन आसान हो गए हैं।दिया कुमारी दोपहर में मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। मुख्य पुजारी के मार्गदर्शन में बाबा रामदेव की प्रतिमा के दर्शन किए गए। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि, जनकल्याण और विकास के लिए प्रार्थना की। दौरा भादवा मेले की तैयारियों के बीच हुआ, जो प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से दशमी तक लगता है। इस मेले में हजारों जातरू (पैदल तीर्थयात्री) दर्शन के लिए आते हैं, और आसपास रामलीला मैदान व बॉम्बे मोटर्स चौराहे पर जागरण व भजन संध्या का आयोजन होता है।
सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज का आशीर्वाद
मंदिर पहुंचने पर दिया कुमारी ने विशेष रूप से सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज से मुलाकात की। अचलानंद गिरी महाराज बाबा रामदेव के प्रमुख अनुयायी और धार्मिक आयोजनों के प्रमुख संरक्षक हैं। वे जोधपुर के भादवा मेले और रथयात्राओं में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। महाराज ने दिया कुमारी को शुभकामनाएं दीं और प्रदेश के कल्याण के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। इस मुलाकात को 'जुगल जोड़ी' कहा गया, जो संभवतः दिया कुमारी और उनके सहयोगी की जोड़ी को संदर्भित करता है, जो धार्मिक आयोजन में एक साथ शामिल हुए। अचलानंद गिरी महाराज ने कहा, "उपमुख्यमंत्री का यह दौरा बाबा रामदेव की आस्था को मजबूत करने वाला है। राज्य सरकार के प्रयासों से मंदिर क्षेत्र का विकास होगा।"यह आशीर्वाद विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि अचलानंद गिरी महाराज बाबा रामदेव की परंपराओं के संरक्षक हैं। वे हाल ही में जोधपुर से रामदेवरा की रथयात्रा में भी प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं, जहां 500 किलोग्राम वजनी हाइड्रोलिक रथ पर बाबा की 150 किलोग्राम कांच की प्रतिमा विराजमान की गई थी।
जुगल जोड़ी के बाबा रामदेव दर्शन
दिया कुमारी के साथ 'जुगल जोड़ी' के रूप में वर्णित उनके साथी (संभवतः सहयोगी या परिवारजन) ने भी बाबा रामदेव के दर्शन किए। बाबा रामदेव राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता हैं, जिन्हें 14वीं शताब्दी का राजपूत योद्धा और अवतार माना जाता है। उनकी कथाएं सामाजिक न्याय, दलित उत्थान और चमत्कारों से भरी हैं। मंदिर में दर्शन के दौरान आरती और भजन गाए गए, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। दिया कुमारी ने दर्शन के बाद कहा, "बाबा रामदेव की कृपा से राजस्थान का हर कोना समृद्ध होगा। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस पावन स्थल पर आ सकी।"
जयपुर के लिए रवानगी
दर्शन और आशीर्वाद के बाद दिया कुमारी सड़क मार्ग से जयपुर के लिए रवाना हो गईं। उनका काफिला जोधपुर शहर से गुजरा, जहां सुरक्षाबल की सख्त व्यवस्था थी। यह दौरा लगभग दो घंटे चला। राज्य सरकार ने मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए थे, जैसे पार्किंग, जल व्यवस्था और सुरक्षा।
महत्व और प्रभाव
यह दौरा न केवल धार्मिक है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। दिया कुमारी, जो जयपुर की पूर्व महारानी हैं, जोधपुर जैसे सांस्कृतिक केंद्रों में सक्रिय रहकर भाजपा की छवि को मजबूत कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने रामदेवरा (जैसलमेर) में भी बाबा रामदेव के दर्शन किए थे, जहां नेत्रकुंभ का उद्घाटन किया और स्थायी नेत्र अस्पताल की घोषणा की। इसी प्रकार, जोधपुर दौरे से मंदिर के विकास और मेले की तैयारियों को गति मिलेगी। सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज की उपस्थिति ने आयोजन को और भव्यता प्रदान की। यह घटना राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है, जहां राजनीति और धर्म का संगम आम है।