चोहटन तहसील में शिक्षा के लिए अनूठा योगदान, स्कूलों में बांटीं शिक्षण सामग्रियां

धारासर के भामाशाह मोहनलाल हुड्डा ने स्वतंत्रता दिवस पर चोहटन तहसील के स्कूलों में प्रिंटर, जूते, इनवर्टर, पंखे और डिजिटल कैमरा भेंट कर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत की। उनके इस योगदान से क्षेत्र में शिक्षा का स्तर उन्नत होगा।

Aug 17, 2025 - 17:31
Aug 17, 2025 - 18:50
चोहटन तहसील में शिक्षा के लिए अनूठा योगदान, स्कूलों में बांटीं शिक्षण सामग्रियां

राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई उम्मीद की किरण जागी है। धारासर ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि और श्री राम ग्रुप, बाड़मेर के युवा उद्यमी मोहनलाल हुड्डा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चोहटन तहसील के स्कूलों में शिक्षा के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सामग्रियां भेंट की हैं। उनके इस प्रयास ने स्थानीय समुदाय में शिक्षा के प्रति एक नया उत्साह जगाया है।

स्कूलों में संसाधनों का दान

मोहनलाल हुड्डा ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई स्कूलों में जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए। राजकीय प्राथमिक विद्यालय हुड्डो का तला में उन्होंने 50,000 रुपये की रंगीन प्रिंटर मशीन भेंट की, जो स्कूल के शैक्षिक कार्यों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी। इसके अलावा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आईदान की ढाणी में कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को जूते-मोजे प्रदान किए गए और स्कूल को एक इनवर्टर भेंट किया गया, ताकि बिजली की समस्या से पढ़ाई बाधित न हो।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धारासर में मोहनलाल हुड्डा ने प्रार्थना स्थल के लिए टीन शेड में 10 पंखे लगवाने की घोषणा की, जिससे बच्चों को गर्मी से राहत मिलेगी। साथ ही, स्कूल को एक हाई क्वालिटी डिजिटल कैमरा देने का वादा किया गया, जो शैक्षिक गतिविधियों और कार्यक्रमों को दस्तावेज करने में मददगार होगा। ये संसाधन स्कूलों में शैक्षिक माहौल को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

चोहटन तहसील के सबसे बड़े भामाशाह

मोहनलाल हुड्डा का योगदान केवल इस वर्ष तक सीमित नहीं है। पिछले साल उन्होंने चोहटन तहसील के विभिन्न स्कूलों में 1000 स्कूल बैग, जूते और अन्य शिक्षण सामग्री वितरित की थी। शिक्षा के मंदिर में दान देने वालों में उनका नाम हमेशा सबसे ऊपर रहता है। उनकी इस दरियादिली ने उन्हें तहसील के सबसे बड़े भामाशाह के रूप में स्थापित किया है। स्थानीय लोग उनके इस योगदान को एक सामाजिक बदलाव की शुरुआत के रूप में देखते हैं।

मोहनलाल हुड्डा का मानना है कि शिक्षा समाज का आधार है। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चे ही देश का भविष्य हैं। अगर उन्हें बेहतर संसाधन और शिक्षा मिलेगी, तो वे अपने सपनों को सच कर सकेंगे।" उनके इस दृष्टिकोण ने न केवल बच्चों, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों में भी नई उम्मीद जगाई है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मोहनलाल हुड्डा ने अगले साल के लिए भी बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने वादा किया कि अगले स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों को लैपटॉप और प्रिंटर भेंट किए जाएंगे। इसके अलावा, वे पंचायत स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करेंगे, ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।

क्षेत्रवासियों का स्नेह और सम्मान

मोहनलाल हुड्डा के इस योगदान को धारासर और चोहटन तहसील के लोगों ने दिल से सराहा है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धारासर के प्रिंसिपल मूलाराम ने कहा, "मोहन जी का यह प्रयास हमारे बच्चों के लिए एक वरदान है। उनके जैसे भामाशाहों की वजह से ही शिक्षा का स्तर सुधर रहा है।" अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन समितियों ने भी उनके इस कार्य को एक प्रेरणादायी कदम बताया।

शिक्षा में क्रांति की शुरुआत

मोहनलाल हुड्डा जैसे भामाशाहों के प्रयासों से बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उनके इस योगदान ने न केवल बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करने की राह प्रशस्त की है, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया है। क्षेत्रवासी उनके इस योगदान को हमेशा याद रखेंगे और यह अन्य लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बनकर उभरेगा।

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