राजस्थान में मिलावटी खाद पर प्रहार, मीणा के अभियान को केंद्रीय मंत्री की तारीफ
राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के नकली खाद-बीज के खिलाफ अभियान की केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सराहना की। मीणा के नेतृत्व में किशनगढ़ की 13 कंपनियों के लाइसेंस निलंबित किए गए, और अवैध कारोबार पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के नकली खाद और बीज के खिलाफ अभियान ने दिल्ली तक सुर्खियां बटोरी हैं। उनके इस अभियान की गूंज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंची है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, "राजस्थान में जैसे अभी छापे पड़े, नकली बीज और खाद बनाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने किसानों के साथ चर्चा के बाद नकली खाद-बीज पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने की तैयारी शुरू करने की बात कही। साथ ही, किसानों के लिए ऐसे उपकरण विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो नकली खाद और बीज की पहचान कर सकें।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने उठाया उत्पादकता का मुद्दा
चौहान ने देश में कृषि उत्पादकता की कमी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "मुझे कोई कारण समझ नहीं आता कि हमारी उत्पादकता इतनी कम क्यों है। तकनीक और मैनेजमेंट का फायदा मिलता है, फिर भी उत्पादकता कम क्यों?" उन्होंने आश्वासन दिया कि नकली खाद और बीज के कारोबारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
किरोड़ी लाल मीणा का अभियान
राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा का मिलावटी खाद और नकली बीज के खिलाफ अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है। बीकानेर, उदयपुर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में उन्होंने अवैध कारोबार करने वाली कंपनियों पर छापेमारी की। इस अभियान के तहत किशनगढ़ की 13 फर्टिलाइजर कंपनियों के लाइसेंस को 14 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। इन कंपनियों से इस अवधि में स्पष्टीकरण मांगा गया है, और तय समय में जवाब न देने पर उनके लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द किए जा सकते हैं।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कृषि विभाग के निरीक्षकों को हर क्षेत्र में सतर्क रहने और नियमित जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "अवैध बिक्री या उत्पादन की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई हो। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।" उनके इस सख्त रवैये से नकली खाद और बीज के कारोबार पर लगाम लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।