धोखाधड़ी-किडनैपिंग के दो मामलों में दो वांटेड आरोपी गिरफ्तार: ज्वेलर को सोना दिखाने के बहाने ले गया, अपहरण कर जोधपुर में फेंका
बालोतरा की मंडली पुलिस ने ऑपरेशन अश्ववेग के तहत दो वांटेड आरोपियों को पकड़ा। डूंगरसिंह ने ज्वेलर से सोना धोखे से लिया, जबकि दिनेश पटेल ने युवक का अपहरण कर मारपीट की और जोधपुर सीमा पर फेंका।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा थाना क्षेत्र की मंडली पुलिस ने 'ऑपरेशन अश्ववेग' के तहत दो अलग-अलग मामलों में फरार चल रहे दो वांटेड आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारियां धोखाधड़ी और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ी हैं, जो स्थानीय स्तर पर कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं। पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपी युवकों को हिरासत में लेने के बाद गहन पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि अपराध की पूरी साजिश और संभावित अन्य सहयोगियों का पता लगाया जा सके।
पहला मामला: ज्वेलर के साथ धोखाधड़ी, सोना लेकर फरार पहले मामले में गिरफ्तार आरोपी का नाम डूंगरसिंह बताया गया है, जो बालोतरा के एक प्रमुख ज्वेलर के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद कई महीनों से फरार चल रहा था। पुलिस के अनुसार, डूंगरसिंह ने खुद को एक विश्वसनीय ग्राहक बताते हुए ज्वेलर से संपर्क किया था। उसने दावा किया कि वह सोने के आभूषण खरीदने के लिए रुचि रखता है और इसके लिए बड़े पैमाने पर सोना उपलब्ध कराना चाहता है। ज्वेलर को भरोसा दिलाने के लिए डूंगरसिंह ने कई बार दुकान पर आकर बातचीत की और नकली सौदे की रूपरेखा तैयार की।घटना की तारीख के बारे में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, लगभग तीन महीने पूर्व (24 मई 2025 के आसपास) डूंगरसिंह ने ज्वेलर को फोन किया और कहा कि उसके पास एक बड़ा सौदा है। वह ज्वेलर को सोना दिखाने के बहाने दुकान पर बुलाया। ज्वेलर ने भरोसा करते हुए मूल्यवान सोना (लगभग 46.05 ग्राम से अधिक, जिसकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है) डूंगरसिंह को सौंप दिया, ताकि वह उसकी शुद्धता और गुणवत्ता की जांच कर सके। लेकिन जांच के नाम पर डूंगरसिंह ने सोना लूट लिया और मौके से फरार हो गया। ज्वेलर ने तुरंत मंडली थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (धोखाधड़ी) के तहत कार्रवाई शुरू की गई।मंडली पुलिस की विशेष टीम ने डूंगरसिंह की तलाश में कई जिलों में छापेमारी की। ऑपरेशन अश्ववेग के तहत इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से उसका सुराग लगा। कल रात (4 नवंबर 2025) को बालोतरा के बाहरी इलाके में एक छिपे हुए ठिकाने से डूंगरसिंह को धर दबोचा गया। उसके कब्जे से लूटी हुई कुछ वस्तुएं बरामद होने की भी संभावना है, हालांकि पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की। डूंगरसिंह के खिलाफ पहले भी छोटे-मोटे धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, और पूछताछ में अन्य अपराधों का खुलासा हो सकता है।
दूसरा मामला: युवक का अपहरण, मारपीट कर जोधपुर सीमा पर फेंका दूसरे मामले में गिरफ्तार आरोपी दिनेश पटेल (उम्र लगभग 28 वर्ष) पर एक युवक के अपहरण और उसके साथ मारपीट का गंभीर आरोप है। यह घटना बालोतरा के मंडली क्षेत्र में ही हुई थी, जहां दिनेश पटेल ने युवक को निशाना बनाया। पीड़ित युवक, जो एक छोटे व्यवसाय से जुड़ा था, को दिनेश ने पहले दोस्ती का झांसा देकर एक सुनसान जगह पर बुलाया। वहां पहुंचते ही दिनेश ने उसे जबरन एक कार में बिठा लिया और अपहरण कर लिया।पुलिस जांच के अनुसार, अपहरण का मकसद पीड़ित से पैसे ऐंठना या पुरानी रंजिश सुलझाना प्रतीत होता है। अपहरण के बाद दिनेश ने युवक के साथ क्रूरता दिखाई—उसे लात-घूंसे मारे, गाली-गलौज की और धमकी दी कि अगर परिवार ने फिरौती नहीं दी तो जान से मार देगा। लगभग 6 घंटे तक चली इस विभीषिका के दौरान दिनेश ने कार चलाते हुए बाड़मेर से जोधपुर की ओर प्रगति की। अंततः जोधपुर जिले की सीमा पर एक सुनसान सड़क किनारे पहुंचकर उसने घायल युवक को बाहर फेंक दिया और खुद फरार हो गया। पीड़ित युवक ने किसी तरह जान बचाई और जोधपुर पुलिस की मदद से बाड़मेर लौटा, जहां मंडली थाने में अपहरण, मारपीट और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज हुआ (BNS धारा 137: अपहरण, धारा 115: स्वेच्छा से चोट पहुंचाना)।मंडली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और गवाहों के बयानों के आधार पर दिनेश पटेल की पहचान की। ऑपरेशन अश्ववेग के दौरान ही, 4 नवंबर की शाम को बालोतरा के एक बाजार क्षेत्र में दिनेश को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। उसके पास से अपहरण में इस्तेमाल की गई कार और कुछ हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि दिनेश गुजरात के पटेल समुदाय से संबंध रखता है और बाड़मेर-जोधपुर इलाके में कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है। पूछताछ जारी है, जिसमें अपहरण के पीछे किसी गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस की सतर्कता और भविष्य की रणनीति; मंडली थाना प्रभारी ने बताया कि 'ऑपरेशन अश्ववेग' जिले में फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए चलाया जा रहा विशेष अभियान है, जिसमें डिजिटल ट्रैकिंग और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय का उपयोग किया जा रहा है। इन गिरफ्तारियों से स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में विश्वास बढ़ा है। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत सूचना दें। दोनों आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां रिमांड की मांग की जाएगी।