राजस्थान: बाड़मेर बस स्टैंड निरीक्षण के दौरान भड़कीं कलेक्टर टीना डाबी, सीसीटीवी स्क्रीन खराब होने पर लगाई क्लास
राजस्थान मुख्य सचिव के निर्देश पर बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने पहली बार रोडवेज बस स्टैंड का निरीक्षण किया। सीसीटीवी मॉनिटरिंग स्क्रीन खराब मिलने पर उन्होंने प्रबंधक व अधिकारियों की कड़ी क्लास लगाई और कहा - "रिपेयर कराने में कितना टाइम लगता है, ये तो बेसिक चीज है।" ड्यूटी रजिस्टर भी चेक किया और तुरंत सुधार के सख्त निर्देश दिए।
बाड़मेर, 4 दिसंबर 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में सड़क परिवहन विभाग के कार्यों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देशों के बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी पहली बार रोडवेज बस स्टैंड का निरीक्षण करने पहुंचीं। इस दौरान बस स्टैंड के प्रबंधन की लापरवाही सामने आने पर कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई। खासतौर पर सीसीटीवी कैमरा की स्क्रीन के खराब होने पर उनकी नाराजगी चरम पर पहुंच गई, और उन्होंने सवाल उठाया कि "रिपेयर कराने में कितना समय लगता है, यह तो बेसिक चीज है।"
मुख्य सचिव के निर्देशों का पालन राजस्थान सरकार द्वारा सड़क परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए हाल ही में जारी मुख्य सचिव के निर्देशों के तहत सभी जिला कलेक्टरों को रोडवेज बस स्टैंड्स का नियमित निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है। इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुविधा बढ़ाना, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और विभागीय लापरवाहियों को दूर करना है। बाड़मेर जिले में यह पहला अवसर था जब कलेक्टर टीना डाबी ने खुद बस स्टैंड का दौरा किया। टीना डाबी, जो आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सख्ती और कार्यक्षमता के लिए जानी जाती हैं, ने इस निरीक्षण को एक मिसाल कायम करने का मौका बनाया।
निरीक्षण के दौरान सामने आई खामियां कलेक्टर टीना डाबी सुबह के समय बस स्टैंड पहुंचीं और सबसे पहले प्रबंधक तथा अन्य अधिकारियों से व्यवस्था की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बस स्टैंड के विभिन्न हिस्सों का जायजा लिया, जिसमें टिकट काउंटर, प्रतीक्षा कक्ष, पार्किंग क्षेत्र और सुरक्षा व्यवस्था शामिल थी। इस दौरान सबसे बड़ी खामी सीसीटीवी कैमरा सिस्टम में नजर आई। कंट्रोल रूम में लगी मॉनिटरिंग स्क्रीन पूरी तरह बंद पड़ी थी, जिससे स्टैंड पर हो रही गतिविधियों की निगरानी संभव नहीं हो पा रही थी।इस लापरवाही को देखते हुए कलेक्टर ने तुरंत प्रबंधक और संबंधित अधिकारियों को बुलाया। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, "सीसीटीवी की स्क्रीन खराब हो गई है तो उसे रिपेयर करवाने में कितना समय लगता है? यह तो बेसिक चीज है। आप लोग कैसे चीजों की मॉनिटरिंग करेंगे? अगर बेसिक सुविधाएं ही ठीक नहीं रखी जाएंगी तो यात्री सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?" उनकी यह फटकार इतनी कड़ी थी कि मौके पर मौजूद सभी अधिकारी असहज नजर आए। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि ऐसी छोटी-मोटी खामियों को नजरअंदाज करना विभाग की बड़ी नाकामी है और इसे तत्काल सुधारना होगा।
ड्यूटी रजिस्टर की जांच और अन्य निर्देश निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने केवल सीसीटीवी सिस्टम तक सीमित नहीं रुकीं। उन्होंने स्टाफ के ड्यूटी रजिस्टर की भी बारीकी से जांच की। रजिस्टर में दर्ज एंट्रीज को स्कैन करते हुए उन्होंने पाया कि कुछ मामलों में ड्यूटी टाइमिंग में अनियमितताएं हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी कर्मचारियों की उपस्थिति और ड्यूटी का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने बस स्टैंड की स्वच्छता, यात्री सुविधाओं जैसे वेटिंग एरिया, शौचालय और पेयजल व्यवस्था पर भी नजर डाली।कलेक्टर ने प्रबंधन से कहा कि यात्रियों की शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जाए और कोई भी खराबी 24 घंटे के अंदर ठीक की जाए। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के अंत में, कलेक्टर ने एक रिपोर्ट तैयार करने और मुख्य सचिव को अवगत कराने के निर्देश दिए, ताकि पूरे जिले में इसी तरह के अभियान को गति मिल सके।
टीना डाबी की कार्यशैली: सख्ती के साथ सुधार टीना डाबी राजस्थान कैडर की एक प्रमुख आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान कई बार अपनी सख्ती से सुर्खियां बटोरी हैं। पहले भी पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और प्रशासनिक सुधारों के क्षेत्र में उनकी पहल चर्चा का विषय रही है। इस घटना ने एक बार फिर उनकी 'जीरो टॉलरेंस' वाली नीति को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे निरीक्षण न केवल स्थानीय स्तर पर सुधार लाएंगे, बल्कि पूरे राज्य में रोडवेज सेवाओं की दक्षता बढ़ाने में मदद करेंगे।
यात्रियों की प्रतिक्रिया और भविष्य की उम्मीदें बस स्टैंड पर मौजूद यात्रियों ने कलेक्टर के इस कदम की सराहना की। एक यात्री ने बताया, "स्क्रीन खराब होने से सुरक्षा का डर लगा रहता था, लेकिन अब लगता है कि चीजें सुधरेंगी।" विभागीय सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बस स्टैंड पर कई सुधार कार्य शुरू हो जाएंगे, जिसमें नई स्क्रीन लगाना और स्टाफ ट्रेनिंग शामिल है।