राजस्थान के इन कस्बों का होगा कायाकल्प, देंगे बड़े शहरों को टक्कर; जानिए सरकार का प्लान

राजस्थान सरकार जयपुर के आसपास सैटेलाइट टाउन विकसित कर रही है ताकि शहर का दबाव कम हो, फिजिबिलिटी स्टडी शुरू हो चुकी है और मेट्रो कनेक्टिविटी प्रस्तावित है। इन टाउन में 24x7 पानी, सीवरेज और जीरो वेस्ट सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी।

Jul 18, 2025 - 18:48
राजस्थान के इन कस्बों का होगा कायाकल्प, देंगे बड़े शहरों को टक्कर; जानिए सरकार का प्लान

राजस्थान की राजधानी जयपुर पर बढ़ते जनसंख्या के दबाव को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इसके तहत जयपुर के आसपास के कस्बों को सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि इस योजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी शुरू हो चुकी है और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ बातचीत चल रही है। अगले कुछ महीनों में इसकी संभावना रिपोर्ट तैयार होने की उम्मीद है।

गुजरात और हैदराबाद की तर्ज पर विकास

यूडीएच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, गुजरात की गिफ्ट सिटी और हैदराबाद की हाईटेक सिटी की तर्ज पर सैटेलाइट टाउन विकसित करने की योजना है। बस्सी, बगरू, चौमूं, चाकसू, जोबनेर और कोटपूतली जैसे कस्बों को इस योजना के तहत चुना गया है। इन कस्बों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करते हुए जयपुर से मेट्रो के माध्यम से जोड़ा जाएगा। खर्रा ने कहा कि सैटेलाइट टाउनशिप के लिए स्थान और योजना तय होने के बाद परिवहन संपर्क के लिए एक नई फिजिबिलिटी स्टडी भी की जाएगी।

स्थानीय लोगों को मिलेंगी सभी सुविधाएं

सैटेलाइट टाउन के विकास से स्थानीय लोगों को नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, बड़े पार्क, शॉपिंग सेंटर और मॉल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे जयपुर की ओर पलायन कम होगा। साथ ही, इन कस्बों में प्रॉपर्टी की कीमतें जयपुर की तुलना में कम होने से लोग इन्हें रहने और आर्थिक गतिविधियों के लिए प्राथमिकता देंगे। भजनलाल सरकार ने अपने पहले बजट (2024-25) में इस योजना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य जयपुर जैसे बड़े शहरों पर आबादी का बोझ कम करना और सुव्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना है।

भविष्य में और कस्बों को शामिल करने की योजना

सरकार की योजना में भविष्य में दूदू, फुलेरा, रींगस, श्रीमाधोपुर, खाटूश्यामजी, पीपाड़ शहर, बिलाड़ा, सोजत, बालेसर साटन, पुष्कर, किशनगढ़, कैथून, केशोरायपाटन, कुम्हेर, नगर, शाहपुरा, सांचौर, निवाई, नवलगढ़, नदबई और बांदीकुई जैसे कस्बों को भी सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित करने की संभावना है। हालांकि, इसमें बदलाव भी हो सकता है।

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे सैटेलाइट टाउन

  • 24x7 पेयजल आपूर्ति: सभी घरों में शुद्ध पेयजल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

  • ड्रेनेज और सीवरेज: हर घर तक सीवरेज सुविधा के साथ औद्योगिक और कृषि उपयोग के लिए ट्रीटेड पानी उपलब्ध होगा।

  • जीरो वेस्ट मॉडल: ठोस कचरा प्रबंधन को प्रभावी बनाकर शहरों को जीरो वेस्ट की ओर ले जाया जाएगा।

  • मनोरंजन और पर्यटन: शहर की सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए मनोरंजन, पर्यटन, शॉपिंग सेंटर, मॉल और चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा।

  • सौर ऊर्जा और ई-व्हीकल्स: स्ट्रीट लाइट्स में सौर ऊर्जा का उपयोग और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे।

  • बेहतर यातायात व्यवस्था: ट्रैफिक जाम से निजात और पर्याप्त पार्किंग स्थलों के लिए सड़कों की री-मॉडलिंग की जाएगी।

जयपुर से कनेक्टिविटी होगी मजबूत

इन सैटेलाइट टाउन को मेट्रो और बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़ने की योजना है, जिससे लोगों को जयपुर आने-जाने में सुविधा होगी। यह योजना न केवल जयपुर के दबाव को कम करेगी, बल्कि आसपास के कस्बों में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .