बिजली कटौती के खिलाफ 'चप्पल मार्च': विधायक की अधिकारियों को खुली चेतावनी "बंदे बन जाओ, नहीं तो हमें बंदे बनाने आते हैं।"

बिजली कटौती के खिलाफ 'चप्पल मार्च' निकाला गया, जिसमें विधायक गणेशराज बंसल ने बिजली विभाग को धमकी दी। हजारों लोग शामिल हुए, डिस्कॉम ने समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया।

Aug 14, 2025 - 13:45
Aug 14, 2025 - 13:48
बिजली कटौती के खिलाफ 'चप्पल मार्च': विधायक की अधिकारियों को खुली चेतावनी "बंदे बन जाओ, नहीं तो हमें बंदे बनाने आते हैं।"

राजस्थान के हनुमानगढ़ में बिजली कटौती और डिस्कॉम की कथित लापरवाही के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब निर्दलीय विधायक गणेशराज बंसल के नेतृत्व में हजारों लोगों ने 'चप्पल मार्च' निकाला। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन ने न केवल बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए, बल्कि विधायक के विवादास्पद बयानों ने भी सुर्खियां बटोरीं।

चप्पल मार्च: जनता का गुस्सा, चप्पलों का तंज

बुधवार को हनुमानगढ़ के भारत माता चौक से शुरू हुआ यह मार्च बिजली विभाग के कार्यालय तक पहुंचा। करीब एक हजार लोग रंग-बिरंगी चप्पलें हाथ में लहराते हुए सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने 'बंद करो ये भ्रष्टाचार, जनता की है ललकार' जैसे नारे लगाकर अपनी नाराजगी जाहिर की। आयोजकों ने उन लोगों के लिए चप्पलें भी बांटीं, जो बिना चप्पल के आए थे।

हालांकि, इस प्रदर्शन में एक रोचक मोड़ तब आया, जब कुछ लोग बांटी गई चप्पलें लेकर भीड़ से अलग हो गए। रैली के अंत में प्रदर्शनकारी बिजली विभाग के कार्यालय के गेट तक पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। गुस्साए लोगों ने अपने आक्रोश को व्यक्त करने के लिए चप्पलें जमीन पर और गेट की ओर फेंक दीं। यह घटना शहर में चर्चा का विषय बन गई।

विधायक गणेशराज बंसल का विवादास्पद बयान

मार्च का नेतृत्व कर रहे निर्दलीय विधायक गणेशराज बंसल ने सेंट्रल पार्क के सामने हुई सभा में बिजली विभाग के अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कथित लापरवाही और जनता की परेशानियों का जिक्र करते हुए अधिकारियों को खुली चेतावनी दी। बंसल ने कहा, "बंदे बन जाओ, नहीं तो हमें बंदे बनाने आते हैं।"

उन्होंने इशारों में धौलपुर के बाड़ी में तीन साल पहले हुए एक मामले का जिक्र किया, जहां तत्कालीन विधायक गिर्राज मलिंगा पर सहायक अभियंता (एईएन) हर्षदापति वाल्मीकि के साथ मारपीट का आरोप लगा था। इस घटना में एईएन की 22 हड्डियां फ्रैक्चर हुई थीं। बंसल ने धमकी भरे लहजे में कहा, "पिछली सरकार में एक विधायक ने एईएन की 50-60 हड्डियां तोड़ दी थीं। कहीं ऐसा न हो कि हमें भी फ्रैक्चर करने पड़ें। समय रहते सुधर जाओ, वरना अगली बार ये चप्पलें हाथ में नहीं, सिर पर पड़ेंगी।"

जनता की परेशानी, अधिकारियों का जवाब

हनुमानगढ़ में लंबे समय से बिजली कटौती की समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि 11 केवी लाइन में बार-बार खराबी के कारण बिजली की अनियमित आपूर्ति हो रही है। 8 अगस्त को एक फॉल्ट के चलते कई इलाकों में सुबह से बिजली गुल रही, जिसने जनता के सब्र का बांध तोड़ दिया।

इस दौरान पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष देवेंद्र पारीक और बिजली विभाग के सहायक अभियंता मुकेश शर्मा के बीच फोन पर तीखी बहस भी हुई। शर्मा ने कहा, "हमने खराबी को ठीक करने की पूरी कोशिश की और जल्द ही बिजली बहाल कर दी थी। लेकिन जिस तरह से हमें निशाना बनाया जा रहा है, वह ठीक नहीं। मुझे छुट्टी पर भेज दिया गया, जो राजनीतिक दबाव का नतीजा है।"

वहीं, डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) आरएस चारण ने कहा, "हम जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं। फॉल्ट रिस्पॉन्स टीम (एफआरटी) की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। इस प्रदर्शन की जानकारी उच्च स्तर पर दी गई है।"

बीजेपी की प्रतिक्रिया: संवाद से हल निकालें

इस घटना पर बीजेपी के स्थानीय नेता अमित साही, जो 2023 के विधानसभा चुनाव में गणेशराज बंसल से हार गए थे, ने प्रदर्शन की आलोचना की। उन्होंने कहा, "यह विरोध का सही तरीका नहीं है। अगर कोई समस्या है, तो उसे बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए। चप्पलें लहराना और अधिकारियों को धमकी देना स्वीकार्य नहीं है।"

गणेशराज बंसल: विवादों से पुराना नाता

गणेशराज बंसल, जो 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अमित साहू को 9,441 वोटों से हराकर हनुमानगढ़ से निर्दलीय विधायक बने, विवादित बयानों के लिए पहले भी चर्चा में रहे हैं। इस साल जनवरी में उन्होंने जाट समाज पर ओबीसी आरक्षण को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद भारी विरोध हुआ और उनकी विधायकी रद्द करने की मांग उठी थी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .