सरकारी ऑनलाइन एग्जाम में नकल का खुलासा,जयपुर की लैब से इंजीनियर दोस्तों का हाईटेक फ्रॉड!

राजस्थान में सरकारी भर्ती के ऑनलाइन एग्जाम में चीटिंग कराने वाली गैंग का पर्दाफाश! दो इंजीनियर दोस्त, जोगेंद्र और परमजीत, जयपुर में अपनी कंप्यूटर लैब से रिमोट हैकिंग के जरिए नकल कराते थे। ATS ने 'ऑपरेशन Abs Victor' और 'ऑपरेशन जौली' में दोनों को गर्लफ्रेंड के फ्लैट से धर दबोचा। NSC परीक्षा से शुरू हुआ खुलासा, कई भर्तियों में सेंध का दावा। करोड़ों की कमाई, फर्जी ID, और चाइनीज सर्वर्स का कनेक्शन उजागर।

Oct 5, 2025 - 18:08
सरकारी ऑनलाइन एग्जाम में नकल का खुलासा,जयपुर की लैब से इंजीनियर दोस्तों का हाईटेक फ्रॉड!

जयपुर, 5 अक्टूबर 2025: राजस्थान में सरकारी भर्तियों के ऑनलाइन एग्जाम को निशाना बनाने वाली एक सुलझी हुई चीटिंग मशीनरी का पर्दाफाश हो गया है। पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स के पुराने तरीकों को पीछे छोड़ते हुए, यह गैंग हाईटेक हैकिंग के जरिए परीक्षाओं में सेंध लगाती रही। राजस्थान एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की सतर्क टीम ने दो इंजीनियर दोस्तों को गिरफ्तार कर इस गैंग के मास्टरमाइंड को बेनकाब किया। खुलासा हुआ कि ये दोनों जयपुर में अपनी ही कंप्यूटर लैब चला रहे थे, जहां से रिमोट हैकिंग के जरिए उम्मीदवारों के लिए 'सफलता' की गारंटी देते थे। यह मामला नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NSC) की कृषि प्रशिक्षु भर्ती परीक्षा से जुड़ा है, लेकिन जांच में सामने आया कि यह गिरोह लंबे समय से कई ऑनलाइन एग्जाम्स को अपना शिकार बना रहा था।

गिरफ्तारी का ड्रामा: गर्लफ्रेंड के फ्लैट में छिपे थे फरार इनामी बदमाश

जांच एजेंसियों की नजर में आने के बाद पिछले नौ महीनों से फरार चल रहे इन दोनों मास्टरमाइंड्स को पकड़ना आसान नहीं था। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था, जिसकी वजह से वे लगातार लोकेशन बदल रहे थे। लेकिन ATS की खुफिया टीम ने स्मार्ट ऑपरेशन चलाया। एक तरफ 'ऑपरेशन Abs Victor' और दूसरी तरफ 'ऑपरेशन जौली' के तहत, पुलिस ने प्लंबर बनकर गर्लफ्रेंड के फ्लैट में घुसकर इन्हें दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपी जोगेंद्र सिंह (उम्र 32 वर्ष) और परमजीत सिंह उर्फ परमजीत कादियान (उम्र 35 वर्ष) दोनों ही इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के हैं। जोगेंद्र हरियाणा के मूल निवासी है, जबकि परमजीत पंजाब से ताल्लुक रखता है। दोनों ने जयपुर को अपना ठिकाना बनाया था और यहां की शांतिपूर्ण बस्तियों में छिपकर अपना काला कारोबार चला रहे थे।ATS के एसपी विकास कुमार ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान फ्लैट से कई लैपटॉप, हैकिंग सॉफ्टवेयर, फर्जी आईडी प्रूफ और नकदी बरामद हुई। वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैसे पुलिस टीम ने बिना किसी हंगामे के अपराधियों को काबू किया। यह ऑपरेशन न सिर्फ इनकी गिरफ्तारी का प्रतीक है, बल्कि साइबर क्राइम के खिलाफ राजस्थान पुलिस की नई रणनीति को भी उजागर करता है।

हाईटेक चीटिंग का खतरनाक नेटवर्क: रिमोट कंट्रोल से एग्जाम हल!

इस गैंग का तरीका बेहद चालाकी भरा था। जनवरी 2025 में NSC की ऑनलाइन कृषि प्रशिक्षु भर्ती परीक्षा के दौरान इनकी करतूतें सामने आईं। उम्मीदवारों से 50-50 हजार रुपये पेशगी लेकर, गैंग परीक्षा केंद्रों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर लेता था। विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए स्क्रीन को रिमोट कंट्रोल पर ले लिया जाता, फिर जयपुर स्थित अपनी प्राइवेट कंप्यूटर लैब से एक्सपर्ट्स पेपर हल कर देते। यह लैब जोगेंद्र और परमजीत ने खुद ही सेटअप की थी, जहां 10-12 कंप्यूटरों पर 24x7 मॉनिटरिंग चलती रहती।पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह सिर्फ NSC तक सीमित नहीं था। राजस्थान के कई अन्य सरकारी भर्ती एग्जाम्स, जैसे RSMSSB की विभिन्न ऑनलाइन टेस्ट्स, में भी इनकी संलिप्तता मिली। कुल 14 सहयोगी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें स्कूलों के कंप्यूटर लैब संचालक, ठेकेदार और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स शामिल हैं। उदाहरण के लिए, खातीपुरा स्कूल के संचालक प्रवीण, वैदिक कन्या स्कूल के लैब ऑपरेटर नंदू ठेकेदार, आईटी इंफ्रा के दिलखुश, गणपति ठेकेदार और द लॉरेंस स्कूल मानसरोवर के प्रदीप संदीप उर्फ सैंडी जैसे लोग इस चेन का हिस्सा थे। ये सभी परीक्षा केंद्रों पर घुसपैठ कर सिस्टम को कमजोर बनाते।ATS के अनुसार, गैंग का नेटवर्क हरियाणा, पंजाब और दिल्ली तक फैला हुआ था। फर्जी प्रोफाइल्स और VPN का इस्तेमाल कर वे ट्रेस होने से बचते। एक अनुमान के मुताबिक, इस गैंग ने पिछले दो वर्षों में सैकड़ों उम्मीदवारों को 'पास' कराने का दावा किया, जिससे करोड़ों रुपये की कमाई हुई। लेकिन अब साइबर फॉरेंसिक जांच से उनके सर्वर और बैंक ट्रांजेक्शन्स की परतें खुल रही हैं।

लंबे समय से चल रहा काला धंधा: पेपर लीक से आगे की साजिश

राजस्थान में पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स के मामले तो सुर्खियां बटोरते रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन एग्जाम्स में चीटिंग का यह नया आयाम चौंकाने वाला है। ATS को जनवरी में पहली बार इस गैंग की भनक मिली, जब NSC परीक्षा के दौरान कुछ उम्मीदवारों के असामान्य परफॉर्मेंस पर शक हुआ। जांच में पता चला कि ये गिरोह 2023 से ही सक्रिय था। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल एग्जाम्स के बढ़ने के साथ ऐसे हाईटेक फ्रॉड्स में इजाफा हो रहा है। राजस्थान पुलिस ने अब सॉफ्टवेयर कंपनियों और परीक्षा आयोजकों के साथ मिलकर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स मजबूत करने का फैसला लिया है।

आगे की कार्रवाई: और भी राज खुलने को बेताब

गिरफ्तार दोनों मास्टरमाइंड्स से पूछताछ जारी है। ATS का दावा है कि जल्द ही गैंग के अंतरराष्ट्रीय लिंक्स भी उजागर हो सकते हैं, क्योंकि हैकिंग टूल्स चाइनीज सर्वर्स से जुड़े पाए गए। राजस्थान सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई का ऐलान किया है। परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए नई गाइडलाइंस पर काम शुरू हो गया है, जिसमें AI-बेस्ड मॉनिटरिंग शामिल है।यह घटना न सिर्फ उम्मीदवारों के लिए चेतावनी है, बल्कि सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर करती है। ईमानदार तैयारी ही असली सफलता की कुंजी है—हैकिंग का सहारा लेना आखिरकार जेल की सैर ही करवाता है!