जयपुर: सचिन पायलट का निर्वाचन आयोग पर तीखा प्रहार, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और 'वोट चोरी' के आरोपों पर कांग्रेस का आक्रोश
जयपुर में सचिन पायलट ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, जिंदा को मृत दिखाने और फर्जी वोट जोड़ने के आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का दावा किया; कांग्रेस ने दिल्ली में हस्ताक्षर अभियान का समापन आयोजित करने का ऐलान किया।
जयपुर, 12 नवंबर 2025: राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने आज यहां मीडिया से रूबरू होते हुए निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। वोटर लिस्ट की छंटनी (SIR - Special Intensive Revision) के नाम पर हो रही कथित अनियमितताओं को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता की बजाय राजनीतिक हित साधने का माध्यम बन गई है। पायलट ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन वास्तव में वोटर लिस्ट से गलत नामों को हटाने के पक्ष में है, लेकिन वर्तमान माहौल में जल्दबाजी और संदिग्ध मंशा के कारण इसका विरोध हो रहा है। उन्होंने बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र के उदाहरणों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।
वोटर लिस्ट छंटनी: समर्थन या विरोध? पायलट की सफाई पायलट ने बातचीत की शुरुआत में वोटर लिस्ट की सफाई के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हम सब चाहते हैं कि वोटर लिस्ट की छंटनी हो, गलत नाम उसमें न जोड़े जाएं। यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। लेकिन आज देश का जो माहौल है, वह चिंताजनक है। कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी जी, इंडिया गठबंधन के तमाम नेता—सब लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं? यह पहली बार तो हो नहीं रहा है।" उनका कहना था कि विरोध का कारण बिहार में हाल ही में हुई छंटनी की जल्दबाजी और मंशा है, जिसे सबने देखा है। "हम नहीं चाहते कि निर्वाचन आयोग अपने मनमाने तरीके से किसी भी दल का राजनीतिक हित साधे। दुर्भाग्यवश, बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग धड़ल्ले से कर रही है। निर्वाचन आयोग को आगे रखकर जिंदा लोगों को मरा हुआ दिखाया जा रहा है, मरे हुए लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं, एक मकान में 250 से ज्यादा वोट बना दिए जा रहे हैं। यह मिलीभगत का काम है, जिसके खिलाफ हम सब खड़े हैं।" पायलट ने राजस्थान के संदर्भ में भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में भी वोटर लिस्ट में नाम काटने-जोड़ने की शिकायतें सामने आ रही हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र स्तर पर जाकर फॉर्म और निर्धारित मापदंडों के आधार पर जांच करें, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। "हमारे कार्यकर्ताओं, नेताओं और विधायकों को कहा गया है कि धरातल पर उतरें और पारदर्शिता सुनिश्चित करें।"
'वोट चोरी' का मुद्दा: राहुल गांधी के आरोपों पर ईसीआई की चुप्पी बातचीत का प्रमुख मुद्दा हाल के विधानसभा चुनावों में कथित 'वोट चोरी' रहा। श्री पायलट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन किया। राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में वोटर लिस्ट में फर्जी वोटिंग, एक ही नाम पर कई वोट और विदेशी फोटो के इस्तेमाल जैसे गंभीर दावे किए थे। पायलट ने कहा, "राहुल गांधी जी ने जो वोट चोरी हरियाणा और महाराष्ट्र में हुई, उसके तथ्य और प्रमाण दिए हैं। बावजूद इसके निर्वाचन आयोग कोई जांच नहीं कर रहा। उल्टा राहुल जी से एफिडेविट मांग रहे हैं।"उन्होंने ईसीआई की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, "निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो किसी विचारधारा से बंधी नहीं होनी चाहिए। आपकी जिम्मेदारी बनती है कि जांच करें। दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो रहा। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।" पायलट ने बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि यदि ऐसी अनियमितताएं जारी रहीं, तो आगामी चुनावों में जनता का विश्वास डगमगा सकता है।राहुल गांधी ने 7 अगस्त 2025 को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 22 पेज का प्रेजेंटेशन देकर वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों को उजागर किया था। उन्होंने कर्नाटक, हरियाणा और महाराष्ट्र के उदाहरण दिए, जहां एक मकान में 200-200 वोट दर्ज होने का दावा किया। ईसीआई ने इन आरोपों का 15 बिंदुओं में खंडन किया, लेकिन कांग्रेस इसे 'टालमटोल' बता रही है। पायलट ने कहा कि ईसीआई की चुप्पी से साफ है कि वह जांच से बच रही है।
कांग्रेस का एक्शन प्लान: हस्ताक्षर अभियान और दिल्ली में बड़ा आयोजन इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के लिए कांग्रेस ने ठोस कदम उठाए हैं। सचीन पायलट ने बताया, "कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि इस महीने के आखिर में दिल्ली में बड़ा आयोजन होगा। हमने 'वोट चोर गद्दी छोड़' हस्ताक्षर अभियान चलाया है, जो पूरे देश में चल रहा है। इसका समापन दिल्ली में होगा।" यह अभियान 'वोटर अधिकार यात्रा' का हिस्सा है, जो बिहार से शुरू होकर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों तक फैला है। पायलट ने कहा कि यह अभियान जनता को जागरूक करने और ईसीआई पर दबाव बनाने के लिए है। राजस्थान में जयपुर सहित कई जिलों में पैदल मार्च और विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य नेता शामिल हुए। पायलट ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बूथ स्तर पर सक्रिय रहें और हर संदिग्ध गड़बड़ी की रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में एक व्यक्ति-एक वोट का अधिकार संवैधानिक है। इसे छीनने की कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी।"
राजनीतिक पृष्ठभूमि: बढ़ते आरोपों का सिलसिला यह बयान वोट चोरी के आरोपों के बीच आया है, जो अगस्त 2025 से सुर्खियां बटोर रहे हैं। राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव में 'ब्राजीलियन मॉडल' की फोटो वाले वोटर आईडी कार्ड का उदाहरण दिया, जबकि ईसीआई ने इसे निराधार बताया। महाराष्ट्र में कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकल ने भी समान आरोप लगाए। बिहार में पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले राहुल का 'ऑपरेशन सरकार चोरी' बयान आया, जिसमें 5 वोटरों को मंच पर बुलाकर नाम कटने की शिकायत दर्ज की गई। कांग्रेस का दावा है कि ईसीआई बीजेपी की 'कठपुतली' बन गई है, जबकि बीजेपी इन आरोपों को 'विपक्ष का हताशा का नतीजा' बता रही है। पायलट ने कहा, "समय बदलेगा, सबकी जवाबदेही तय होगी। ईसीआई के चयन में भी बदलाव क्यों आया? यह सवाल उठना स्वाभाविक है।"