प्यार, धोखा और खून की साजिश का खुलासा
मनोज रैगर की हत्या उसकी पत्नी संतोष, प्रेमी ऋषि और दोस्त मोहित ने क्राइम वेब सीरीज और गूगल सर्च से प्रेरित होकर की, लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी और कॉल डिटेल्स से साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक ऐसी सनसनीखेज खबर सामने आई है, जो किसी क्राइम वेब सीरीज से कम नहीं। यह कहानी है प्यार, धोखे और एक ऐसी खतरनाक साजिश की, जिसने एक बेगुनाह ई-रिक्शा ड्राइवर की जान ले ली। मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी और एक दोस्त ने मिलकर रची इस खौफनाक साजिश ने पुलिस को भी हैरान कर दिया। आइए, जानते हैं इस मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी।
खून से लथपथ लाश और सुमेर नगर की वो काली रात
16 अगस्त 2025 की रात, जयपुर के सुमेर नगर में एक सुनसान सड़क पर खून से लथपथ एक लाश मिली। मृतक का नाम था मनोज रैगर, जो पेशे से एक ई-रिक्शा ड्राइवर था। उसका गला धारदार हथियार से रेता गया था। शुरुआत में यह एक ब्लाइंड मर्डर केस लग रहा था, लेकिन मुहाना थाना पुलिस की तफ्तीश ने इस हत्या के पीछे की सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
साजिश का मास्टरमाइंड: पत्नी संतोष देवी
जांच में सामने आया कि इस हत्या की मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं, बल्कि मनोज की पत्नी संतोष देवी थी। संतोष अपने पति के शराब पीकर मारपीट करने और उस पर शक करने से तंग आ चुकी थी। उसने अपने प्रेमी ऋषि श्रीवास्तव (25) और दोस्त मोहित शर्मा (22) के साथ मिलकर मनोज को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। लेकिन इस साजिश को अंजाम देने के लिए इन्होंने जो तरीका चुना, वो किसी क्राइम थ्रिलर से प्रेरित था।
क्राइम वेब सीरीज और गूगल सर्च से लिया सबक
संतोष, ऋषि और मोहित ने हत्या की योजना बनाने के लिए क्राइम वेब सीरीज और गूगल सर्च का सहारा लिया। इन्होंने गूगल पर सर्च किया - ‘हत्या कैसे करें और सबूत कैसे मिटाएं?’ इसके अलावा, इन्होंने CID जैसी क्राइम सीरीज देखकर पुलिस की कार्यशैली को समझने की कोशिश की। साजिश को और पुख्ता करने के लिए इन्होंने नए सिम कार्ड खरीदे, ताकि कॉल डिटेल्स से कोई सुराग न मिले। हत्या की जगह की रेकी करने से लेकर पूरी योजना को महीने भर पहले तैयार कर लिया गया था।
जन्माष्टमी की रात: खौफनाक मंजर
जन्माष्टमी की रात को साजिश को अंजाम दिया गया। मोहित ने मनोज के ई-रिक्शा को मंदिर जाने के बहाने किराए पर लिया। रास्ते में एक महिला मित्र को बैठाने का झांसा देकर मनोज को सुमेर नगर की सुनसान सड़क पर ले जाया गया। वहां पहले से मौजूद ऋषि ने धारदार ब्लेड से मनोज का गला रेत दिया। हत्या के बाद दोनों हत्यारे पैदल फरार हो गए और बाजार से नए कपड़े खरीदकर सबूत मिटाने की कोशिश की। लेकिन उनकी यह चालाकी पुलिस की नजरों से नहीं बच सकी।
पुलिस की सूझबूझ और सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
मुहाना थानाधिकारी गुरु भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए दिन-रात मेहनत की। घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी नहीं था, लेकिन आसपास के रास्तों की फुटेज में एक संदिग्ध शख्स मनोज के रिक्शे में दिखाई दिया। कॉल डिटेल्स, संदिग्धों की गतिविधियों और फुटेज के आधार पर पुलिस ने संतोष, ऋषि और मोहित को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में संतोष ने कबूल किया कि उसने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए यह सारा खेल रचा।