मानसून ब्रेक के बाद रणथंभौर और सरिस्का के कोर जोन खुलेंगे, पर्यटन सीजन की धूमधाम से शुरुआत

मानसून ब्रेक के बाद रणथंभौर और सरिस्का के क्रिटिकल कोर जोन 1 अक्टूबर 2025 से पर्यटकों के लिए खुलेंगे। हर साल जुलाई से सितंबर तक बंद रहने वाले ये जोन अब श्रद्धालुओं के लिए तैयार हैं। रणथंभौर के जोन 1 से 5 1 अक्टूबर को बंद रहेंगे, लेकिन 2 अक्टूबर से सभी जोन खुले होंगे। विभाग ने गाइड प्रशिक्षण, रास्तों की मरम्मत, गांव विस्थापन और शिकार प्रजातियों के लिए वाटर होल्स विकास पर जोर दिया है। डिजिटल टिकटिंग और इको-फ्रेंडली सुविधाओं से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

Sep 30, 2025 - 13:19
मानसून ब्रेक के बाद रणथंभौर और सरिस्का के कोर जोन खुलेंगे, पर्यटन सीजन की धूमधाम से शुरुआत

मानसून ब्रेक के बाद वन्यजीव पर्यटन की नई शुरुआत

रणथंभौर और सरिस्का के कोर जोन 1 अक्टूबर से खुले

राजस्थान के प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्यों रणथंभौर नेशनल पार्क और सरिस्का टाइगर रिजर्व में मानसून ब्रेक के बाद पर्यटन सीजन की शुरुआत हो रही है। हर साल 1 जुलाई से 30 सितंबर तक मानसून के कारण क्रिटिकल कोर जोन पर्यटकों के लिए बंद रहते हैं, ताकि जंगल अपनी प्राकृतिक सुंदरता को पुनः प्राप्त कर सकें और वन्यजीवों को शांति मिले। इस वर्ष 1 अक्टूबर 2025 से ये जोन दोबारा पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हैं।
सरिस्का और रणथंभौर, जहां 100 से अधिक बाघ निवास करते हैं, वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग हैं।

रणथंभौर में जोन 1 से 5 की विशेष व्यवस्था

1 अक्टूबर 2025 बुधवार होने के कारण रणथंभौर के जोन 1 से 5 बंद रहेंगे। हालांकि, 2 अक्टूबर गुरुवार से पार्क के सभी 10 जोन पर्यटकों के लिए पूरी तरह खुल जाएंगे। यह व्यवस्था पार्क के संरक्षण नियमों के अनुरूप है, जहां साप्ताहिक बंदी का पालन किया जाता है। जोन 1-5 कोर क्षेत्रों में आते हैं, जहां बाघों की दर्शन की संभावना सबसे अधिक होती है। पर्यटक अब जीप और कैंटर सफारी के माध्यम से इन जोनों का आनंद ले सकेंगे। 

विभाग की तैयारियां: सुरक्षा और सुविधाओं पर जोर

वन विभाग ने मानसून के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। गाइडों का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया, ताकि वे पर्यटकों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें। सफारी रास्तों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य पूरे किए गए हैं। गांव विस्थापन और बुनियादी ढांचे के सुधार पर तेजी से काम हुआ, जिससे पार्क का क्षेत्र विस्तृत और सुरक्षित हो गया। इसके अलावा, शिकार प्रजातियों की वृद्धि के लिए वाटर होल्स और ग्रासलैंड विकास पर विशेष ध्यान दिया गया, जो वन्यजीवों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इको-फ्रेंडली टूरिज्म और डिजिटल सुविधाएं

पर्यटन को पर्यावरण अनुकूल बनाने के उद्देश्य से डिजिटल टिकटिंग सिस्टम लागू किया गया है। पर्यटक अब ऑनलाइन आसानी से सफारी बुकिंग कर सकेंगे, जिससे कागजी कार्रवाई कम होगी और भीड़ प्रबंधन बेहतर होगा। इको-फ्रेंडली टूरिज्म सुविधाओं में सौर ऊर्जा आधारित लाइटिंग, कचरा प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण पर जोर दिया गया है। ये कदम न केवल पर्यटकों के अनुभव को समृद्ध करेंगे, बल्कि पार्क की पारिस्थितिकी को भी सुरक्षित रखेंगे। सरिस्का में भी समान सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली-एनसीआर के पर्यटकों के लिए आदर्श गंतव्य साबित होगा।

वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुनहरा अवसर

मानसून के बाद हरी-भरी वादियां, सक्रिय वन्यजीव और सुखद मौसम रणथंभौर और सरिस्का को टाइगर सफारी के लिए सर्वोत्तम बनाते हैं। यहां न केवल बाघों, बल्कि तेंदुओं, स्लॉथ बियर, हाइना और सैकड़ों पक्षियों के दर्शन हो सकते हैं। रणथंभौर का प्राचीन किला और सरिस्का की अरावली पहाड़ियां सफारी को रोमांचक बनाती हैं। पर्यटक अग्रिम बुकिंग कर इस सीजन का लाभ उठा सकते हैं।
Yashaswani Journalist at The Khatak .