रामदेवरा मिनी कुंभ: राजस्थान का अनूठा मेला, जहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ डूबते हैं आस्था के रंग में

बाबा रामदेव की जन्मस्थली रामदेरिया, बाड़मेर में बाबा दूज पर ध्वजारोहण के साथ भव्य मेले का शुभारंभ हुआ, जहां लाखों श्रद्धालु दर्शन और भजन-कीर्तन के लिए पहुंचे। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

Aug 25, 2025 - 14:25
Aug 25, 2025 - 16:13
रामदेवरा मिनी कुंभ: राजस्थान का अनूठा मेला, जहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ डूबते हैं आस्था के रंग में

लोक देवता बाबा रामदेव की जन्मस्थली रामदेरिया, शिव (बाड़मेर) में सोमवार को बाबा दूज के अवसर पर भव्य मेले का शुभारंभ हुआ। साधु-संतों के सानिध्य में ध्वजारोहण के साथ मेले की शुरुआत हुई, जिसके बाद श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। सुबह से ही बाबा के दर्शन के लिए हजारों भक्तों का आना-जाना जारी है, जो बाबा के जयकारों और भक्ति भजनों के साथ अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं।

मंदिर की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा रामदेव का जन्म विक्रम संवत 1402 में बाड़मेर जिले के रामदेरिया गांव में हुआ था। सामाजिक समरसता और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध बाबा रामदेव की जन्मस्थली को दर्शन के बिना उनकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। पहले यहां श्रद्धालु खेजड़ी के पेड़ के नीचे बने छोटे से मंदिर में दर्शन करते थे, लेकिन बढ़ती भक्तों की संख्या को देखते हुए 30 करोड़ रुपये की लागत से जैसलमेर के पत्थरों से बारीक नक्काशी वाला एक भव्य मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है, जो हर साल भादवा बीज पर आयोजित होने वाले इस विशाल मेले का मुख्य आकर्षण है।

मेले में उमड़ा भक्तों का सैलाब

सोमवार सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का सिलसिला शुरू हो गया। बाबा रामदेव के जयकारे लगाते हुए भक्त दर्शन कर रहे हैं और अपनी मन्नतें मांग रहे हैं। मेले में बुजुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चे सभी उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं। भजन-कीर्तन की स्वरलहरियों ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया है। बुजुर्ग भक्त बाबा के भजनों पर नृत्य करते नजर आए, जबकि महिलाएं और युवा भक्ति भजनों का आनंद लेते दिखे। यह भजन-कीर्तन पूरे दिन चलते रहेंगे, जो मेले की रौनक को और बढ़ा रहे हैं।

दिग्गजों की उपस्थिति

मेले के शुभारंभ के अवसर पर बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, बाड़मेर एडीएम राजेंद्र सिंह चांदावत, शिव एसडीएम यक्ष चौधरी, तहसीलदार विकास सारण, रामसर डीएसपी मानाराम गर्ग, शिव थानाधिकारी सत्यप्रकाश सहित कई गणमान्य लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे। बाबा रामदेव अवतार धाम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नवल किशोर गोदारा और सचिव ओम प्रकाश चांडक ने मेले की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

व्यापक व्यवस्थाएं और सुरक्षा इंतजाम

मेले में राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से भी लाखों श्रद्धालु पैदल, वाहनों और ट्रेनों के माध्यम से पहुंच रहे हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। शिव उपखंड अधिकारी यक्ष चौधरी ने बताया कि मेले के दौरान मेला मजिस्ट्रेट की नियुक्ति, यातायात प्रबंधन, दर्शन व्यवस्था, पानी, बिजली और चिकित्सा सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। मेला स्थल के आसपास अस्थाई पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां हजारों वाहनों को व्यवस्थित रूप से खड़ा किया जा सकता है।

प्रशासन और ट्रस्ट का सहयोग

रविवार को उपखंड अधिकारी यक्ष चौधरी, तहसीलदार विकास सारण, पुलिस उप अधीक्षक मानाराम, शिव थानाधिकारी सत्यप्रकाश और अन्य अधिकारियों ने मेला व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान ट्रस्ट के पदाधिकारी ओमप्रकाश चांडक और नंद कुमार चौधरी ने व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी दी। जिला प्रशासन, पुलिस और विभिन्न विभागों ने मेले को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

आस्था का केंद्र बना रामदेरिया

बाबा रामदेव का यह मेला न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह मेला विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं को एक मंच पर लाता है, जहां वे अपनी आस्था और भक्ति के साथ सामाजिक समरसता का संदेश भी फैलाते हैं। बाबा रामदेव की जन्मस्थली पर हर साल आयोजित होने वाला यह मेला श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव का एक अनूठा अवसर है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .