पुलिस के हत्थे चढ़ा साइबर ठगी का मास्टरमाइंड ,1 साल से फरार था अरोपी.
जोधपुर पुलिस ने साइबर ठगी के मास्टरमाइंड कुशाल चौधरी को एक साल की फरारी के बाद इंदौर से धर दबोचा! यह शातिर अपराधी फर्जी बैंक खातों और एटीएम कार्ड्स के जरिए लाखों की ठगी करने वाले संगठित गिरोह का हिस्सा था। बाइनेंस ऐप के जरिए क्रिप्टोकरेंसी की अवैध खरीद-फरोख्त और मजदूरों के खातों का दुरुपयोग कर साइबर फ्रॉड को अंजाम देने वाला कुशाल अब पुलिस रिमांड में है। पूछताछ से ठगी के पूरे नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है। जोधपुर पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए करारा जवाब है!

27 जुलाई 2024:जोधपुर पुलिस ने साइबर अपराध की दुनिया में तहलका मचाने वाले एक शातिर अपराधी कुशाल चौधरी को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार कर लिया है। करीब एक साल तक पुलिस को चकमा देने वाला यह अपराधी आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही गया। यह कार्रवाई जोधपुर पुलिस आयुक्त श्री ओमप्रकाश और पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) श्री विनीत कुमार बंसल के कुशल निर्देशन में हुई। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्री निशांत भारद्वाज और सहायक पुलिस आयुक्त श्रीमती छवि शर्मा की देखरेख में बासनी थाने के थानाधिकारी श्री नितिन दवे ने एक विशेष टीम का नेतृत्व किया, जिसने इस साइबर ठग को पकड़ने में सफलता हासिल की।
घटना की पृष्ठभूमि:
जोधपुर के बासनी थाने में अभिमन्यु गुप्ता नामक व्यक्ति ने एक चौंकाने वाली शिकायत दर्ज की। उसने दावा किया कि सांगरिया क्षेत्र में एसबीआई के एक एटीएम के बाहर साइबर पुलिस के नाम पर कुछ लोगों ने उससे 2 लाख 60 हजार रुपये छीन लिए। लेकिन जब पुलिस ने इस मामले की तह तक जाकर जांच की, तो एक सनसनीखेज साइबर ठगी का खेल सामने आया। अभिमन्यु गुप्ता और कुशाल चौधरी एक संगठित साइबर अपराध गिरोह के अहम सदस्य थे। ये लोग बाइनेंस ऐप के जरिए क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) की खरीद-फरोख्त करते थे और मजदूर वर्ग के लोगों को लालच देकर उनके नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलते थे। इन खातों के एटीएम कार्ड और पासवर्ड का दुरुपयोग कर ये साइबर ठगी से प्राप्त अवैध धनराशि को इकट्ठा करते थे।जांच में यह भी सामने आया कि अभिमन्यु ने अपने सहयोगी कुशाल चौधरी को ठगी की रकम का हिस्सा न देने के लिए लूट की झूठी कहानी गढ़ी थी। इस आधार पर बासनी थाने में प्रकरण संख्या 217/2024 दर्ज किया गया, अभिमन्यु गुप्ता को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, और उसके कब्जे से विभिन्न बैंकों के 11 एटीएम कार्ड और 2 लाख 48 हजार रुपये की ठगी की रकम बरामद की गई। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, लेकिन कुशाल चौधरी इस दौरान फरार हो गया।
पुलिस की शानदार रणनीति:
कुशाल चौधरी की तलाश में जोधपुर पुलिस ने दिन-रात एक कर दिया। वह अपने मोबाइल नंबर बंद करके सांगरिया के प्रेमनगर स्थित अपने स्थायी पते को छोड़कर फरार हो गया था। तकनीकी और खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने पता लगाया कि वह सोशल मीडिया के जरिए अपने परिचितों और दोस्तों के संपर्क में था। पुलिस ने उसके नए मोबाइल नंबर ट्रेस किए और जानकारी मिली कि वह इंदौर, मध्य प्रदेश में छिपा हुआ है। इसके बाद बासनी थाने से हैड कांस्टेबल कमलेश कुमार और कांस्टेबल डूंगरराम की एक विशेष टीम को इंदौर भेजा गया। वहां पता चला कि कुशाल डिलीवरी बॉय का काम कर रहा था, ताकि अपनी पहचान छिपा सके। पुलिस ने बारीकी से रणनीति बनाई और उसे राजीव आवास विहार योजना, इंदौर से धर दबोचा। जोधपुर लाए जाने के बाद गहन पूछताछ के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायालय से पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया।
अपराध का तरीका
कुशाल चौधरी, अभिमन्यु गुप्ता और उनके अन्य अज्ञात सहयोगियों ने एक सुनियोजित साइबर ठगी का जाल बिछाया था। ये लोग मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बनाते थे और उनके नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलते थे। इन खातों के एटीएम कार्ड और पासवर्ड का इस्तेमाल कर साइबर फ्रॉड से प्राप्त धन को इकट्ठा करते थे। बाइनेंस ऐप के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन कर ये लोग ठगी की रकम को आसानी से छिपाते थे। कुशाल चौधरी द्वारा इस अवैध धन से खरीदी गई चल और अचल संपत्ति को जब्त करने के लिए बीएनएसएस की धारा 107 के तहत अलग से कार्रवाई शुरू की गई है।
आगे की जांच और संभावनाएं
पुलिस रिमांड के दौरान कुशाल चौधरी से गहन पूछताछ जारी है। जोधपुर पुलिस को उम्मीद है कि इस पूछताछ से साइबर ठगी के इस विशाल नेटवर्क का पर्दाफाश होगा और अन्य शामिल अपराधियों की पहचान हो सकेगी। यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के खिलाफ जोधपुर पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबियों में से एक मानी जा रही है।
साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूकता
जोधपुर पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे साइबर ठगी से सावधान रहें। अनजान लोगों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अपनी बैंकिंग जानकारी साझा न करें। अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार होता है, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
कुशाल चौधरी की गिरफ्तारी न केवल साइबर अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जोधपुर पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कितनी सतर्क और समर्पित है। यह कार्रवाई निश्चित रूप से साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगी।