वैन को तीन साल से बंद पुलिया पर ले गया गूगल मैप: पांच लोग सुरक्षित, चार की तलाश जारी

गूगल मैप की गलत दिशा के कारण वैन बनास नदी में बही, चार लोग लापता, पांच को बचाया गया। एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की तलाश जारी।

Aug 27, 2025 - 14:37
Aug 27, 2025 - 14:40
वैन को तीन साल से बंद पुलिया पर ले गया गूगल मैप: पांच लोग सुरक्षित, चार की तलाश जारी

मंगलवार देर रात चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। गूगल मैप की गलत दिशा दिखाने के कारण एक परिवार की वैन बनास नदी में बह गई। इस दर्दनाक हादसे में दो महिलाओं और दो मासूम बच्चों सहित चार लोग लापता हो गए, जबकि पांच लोगों को बचा लिया गया। लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। यह हादसा मातृकुंडिया डैम से पानी छोड़े जाने के कारण बनास नदी में आए उफान के बीच हुआ।

सवाई भोज दर्शन से लौट रहा था परिवार

चित्तौड़गढ़ जिले के भूपालसागर थाना क्षेत्र के कानाखेड़ा गांव का गाडरी समाज का एक परिवार मंगलवार को भीलवाड़ा जिले में सवाई भोज मंदिर दर्शन के लिए गया था। परिवार के नौ सदस्य एक वैन में सवार होकर घर लौट रहे थे। रास्ता ढूंढने के लिए चालक ने गूगल मैप का सहारा लिया। देर रात करीब एक बजे गूगल मैप ने उन्हें राशमी थाना क्षेत्र में सोमी और उपरेड़ा गांव को जोड़ने वाली एक पुरानी पुलिया का रास्ता दिखाया, जो पिछले तीन साल से बंद थी। इस पुलिया पर बनास नदी का तेज बहाव चल रहा था।

चालक ने अनजाने में वैन को पुलिया पर उतार दिया, लेकिन पुलिया पर एक गड्ढा था, जिसमें वैन फंस गई। तेज बहाव के कारण वैन पलट गई और नदी में बह गई। वैन में सवार लोगों ने मदद के लिए चीख-पुकार मचाई, जिसके बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और राशमी थानाधिकारी देवेंद्र देवल, गंगरार डिप्टी प्रभु लाल, और राशमी एसडीएम मौके पर पहुंचे।

पांच लोग सुरक्षित, चार की तलाश जारी

ग्रामीणों और पुलिस की मदद से वैन में सवार नौ में से पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। बचाए गए लोगों में मदनलाल (25) पुत्र देवीलाल, हितेश (16) पुत्र सोहन, लीला (18) पत्नी देवीलाल, काव्यांश (9 माह) पुत्र मदन, और आयांश (9 माह) पुत्र देवीलाल शामिल हैं। लेकिन चार लोग—चंदा (21) पत्नी हेमराज, ममता (25) पत्नी मदन, खुशी (4) पुत्री मदन, और रूत्वी (6) पुत्री हेमराज—तेज बहाव में बह गए।

हादसे की सूचना मिलते ही रात में सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन अंधेरे के कारण बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका। बुधवार सुबह जिला कलेक्टर के नेतृत्व में एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें तलाशी अभियान में जुट गईं। सुबह करीब दो घंटे की मेहनत के बाद चार साल की बच्ची खुशी का शव बरामद हुआ, लेकिन चंदा, ममता, और रूत्वी का अभी तक कोई पता नहीं चला है। बचाव दल दिन-रात लापता लोगों की तलाश में जुटा है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .