राजस्थान में पशु चिकित्सा को नया आयाम: 16 अस्पताल उन्नत, 167 पदों की मंजूरी
राजस्थान में पशुपालन विभाग ने 12 जिलों के 16 पशु चिकित्सालयों को बहुउद्देशीय में क्रमोन्नत किया। इसके लिए 167 नए पद और प्रत्येक चिकित्सालय को 1 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। यह कदम पशुपालकों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा।

राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2025-26 को मूर्त रूप देते हुए पशुपालन विभाग ने राज्य के पशुपालकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के 12 जिलों में स्थित 16 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों/ब्लॉक वेटरनरी हॉस्पिटल ऑफिस (बीवीएचओ) को बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया गया है। इस क्रमोन्नयन के साथ-साथ इन चिकित्सालयों के लिए 167 नए पदों की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी की गई है।
क्रमोन्नत चिकित्सालयों की सूची
जिन 16 पशु चिकित्सालयों को बहुउद्देशीय चिकित्सालय का दर्जा दिया गया है, उनमें शामिल हैं:
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डीग: नगर
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सीकर: श्रीमाधोपुर, खंडेला, लोसल
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बाड़मेर: चौहटन, गुढामालानी
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पाली: मणिहारी
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नागौर: जायल
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कोटा: सांगोद, रामगंजमंडी
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जोधपुर: तिंवरी
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भीलवाड़ा: हुरड़ा
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चित्तौड़गढ़: निम्बाहेड़ा
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जयपुर: बगरू
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श्रीगंगानगर: सूरतगढ़
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उदयपुर: सराड़ा
नए स्वीकृत पद
इन चिकित्सालयों में सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए निम्नलिखित 167 नए पदों की स्वीकृति दी गई है:
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उपनिदेशक: 8 पद
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वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी: 24 पद
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पशु चिकित्सा अधिकारी: 32 पद
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पशुधन प्रसार अधिकारी: 1 पद
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पशुधन निरीक्षक: 29 पद
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कनिष्ठ सहायक: 16 पद
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी: 16 पद
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पशुधन परिचर: 16 पद
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एक्स-रे टेक्नीशियन: 16 पद
प्रत्येक क्रमोन्नत चिकित्सालय को आवश्यक फर्नीचर और उपकरणों की खरीद के लिए 1 लाख रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई है। इससे चिकित्सालयों में सेवा गुणवत्ता में और सुधार होगा।
पशुपालकों के लिए लाभ
पशुपालन विभाग का यह निर्णय प्रदेश के पशुपालकों को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और बहुविध पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कदम न केवल पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि पशुपालकों की आजीविका को भी मजबूती प्रदान करेगा।
इस पहल से राजस्थान में पशुपालन क्षेत्र को नई दिशा मिलने की उम्मीद है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।