राजस्थान में डॉक्टरों पर "सैलरी कट" की तलवार, 56 हजार से सीधे 28 हजार!

क्या आपने सुना? राजस्थान सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसने डॉक्टरों के होश उड़ा दिए हैं! जो डॉक्टर दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे रहते हैं, उनकी कमाई को अचानक आधा कर दिया गया है। जी हाँ, 56 हजार की मोटी सैलरी अब सिर्फ 28 हजार में सिमट गई है! लेकिन रुकिए, ये तो सिर्फ शुरुआत है—नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत 2855 नई भर्तियों का भी ऐलान हुआ है। तो क्या है इस फैसले के पीछे की असल कहानी? आइए, खबर की तह तक जाते हैं और जानते हैं पूरा माजरा!

Apr 27, 2025 - 14:37
राजस्थान में डॉक्टरों पर "सैलरी कट" की तलवार, 56 हजार से सीधे 28 हजार!

रिपोर्ट/राजेंद्र सिंह: राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक चौंकाने वाला फैसला लिया है, जिसके तहत नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के अंतर्गत कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत डॉक्टरों की सैलरी को आधा कर दिया गया है। पहले इन डॉक्टरों को प्रतिमाह 56,000 रुपये की सैलरी मिलती थी, जो अब घटाकर 28,000 रुपये कर दी गई है। इस कटौती ने चिकित्सा क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, और कई डॉक्टर इस फैसले को अपने सम्मान और मेहनत का अपमान बता रहे हैं। 

इसके साथ ही, सरकार ने NHM के तहत 2855 स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती का भी ऐलान किया है। इन भर्तियों में विभिन्न पद शामिल हैं, जैसे:

ANM: 159 पद

GNM (नर्सिंग ऑफिसर): 1941 पद

मेडिकल ऑफिसर (MO): 162 पद

लैब टेक्नीशियन: 414 पद

फार्मासिस्ट: 151 पद

ये भर्तियाँ कॉन्ट्रैक्ट आधार पर होंगी, और चयन प्लेसमेंट के माध्यम से किया जाएगा। हालांकि, सैलरी में कटौती के बाद नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों के मन में भी आशंकाएँ हैं कि क्या उन्हें भी भविष्य में ऐसी कटौती का सामना करना पड़ेगा।

फैसले के पीछे का कारण:

सरकार का कहना है कि यह कदम बजट प्रबंधन और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए उठाया गया है। लेकिन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का मानना है कि यह फैसला न केवल उनके वित्तीय हालात को प्रभावित करेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी असर डालेगा। कई डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है, और कुछ ने तो इसे "चिकित्सकों के अपमान की पराकाष्ठा" तक करार दिया है।

लोगों की प्रतिक्रिया:

X पर इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। एक यूजर ने लिखा, "क्या ये कदम स्वस्थ राजस्थान की अवधारणा को साकार कर पाएगा? ये तो डॉक्टरों के साथ धोखा है!" वहीं, कुछ लोग सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

क्या होगा असर?

सैलरी में इस भारी कटौती से न केवल कॉन्ट्रैक्ट डॉक्टरों का मनोबल टूट सकता है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं पर भी भारी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम वेतन के कारण योग्य डॉक्टर कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स से दूरी बना सकते हैं, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ