पूर्व सांसद मानवेंद्र जसोल की पहल से पचपदरा स्टेशन को मिलेगी ऐतिहासिक वापसी.
जोधपुर के पूर्व सांसद मानवेंद्र जसोल की केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात ने पचपदरा रेलवे स्टेशन को फिर से रेल नेटवर्क से जोड़ने की राह खोली। रेल मंत्री ने DPR तैयार करने और स्वीकृति प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए। ऐतिहासिक नमक उत्पादन केंद्र पचपदरा को इससे नई पहचान और आर्थिक मजबूती मिलेगी। जसोल ने इसे क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में बड़ा कदम बताया।

जोधपुर, 19 सितंबर 2025: राजस्थान के पचपदरा रेलवे स्टेशन को फिर से रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह जसोल ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस ऐतिहासिक स्टेशन को पुनर्जनन देने की मांग उठाई, जिसे स्वीकार करते हुए रेल मंत्री ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। यह कदम जोधपुर और बालोतरा क्षेत्र के लिए आर्थिक और सामाजिक विकास का नया द्वार खोलेगा।
मुलाकात और मांग की शुरुआत
पूर्व सांसद और भाजपा नेता मानवेंद्र जसोल ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने पचपदरा रेलवे स्टेशन को फिर से सक्रिय करने की मांग को प्रमुखता से उठाया। पचपदरा, जो राजस्थान में नमक उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र रहा है, वहां का रेलवे स्टेशन ब्रिटिश काल में नमक व्यापार का महत्वपूर्ण हिस्सा था। लेकिन कई दशकों से यह स्टेशन रेल नेटवर्क से कटा हुआ है, जिससे स्थानीय व्यापार और अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। जसोल ने इस मुलाकात में स्टेशन के महत्व और इसके पुनर्जनन से होने वाले फायदों को रेखांकित किया।
रेल मंत्री का त्वरित फैसला
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मांग पर तुरंत संज्ञान लिया और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने स्वीकृति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश भी दिया। यह फैसला पचपदरा और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। रेल मंत्री का यह कदम उनकी रेलवे आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पचपदरा का ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व
पचपदरा राजस्थान के नमक उत्पादन का एक ऐतिहासिक केंद्र है। यह क्षेत्र नमक उद्योग के लिए जाना जाता है, और रेलवे स्टेशन के सक्रिय होने से नमक उत्पादकों और व्यापारियों को माल ढुलाई में आसानी होगी। इससे न केवल परिवहन लागत कम होगी, बल्कि बाजार तक पहुंच भी सुगम होगी। इसके अलावा, रेल संपर्क से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
मानवेंद्र जसोल का बयान
मुलाकात के बाद मानवेंद्र जसोल ने कहा, "हमारा लक्ष्य क्षेत्र का समग्र विकास है। पचपदरा रेलवे स्टेशन को फिर से शुरू करना न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान देगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परियोजना नमक उत्पादकों, किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी।
क्षेत्रवासियों में उत्साह
इस खबर से स्थानीय लोग और व्यापारी उत्साहित हैं। बालोतरा के एक नमक व्यापारी ने बताया, "रेलवे स्टेशन के शुरू होने से हमारा माल सस्ते और तेजी से बड़े बाजारों तक पहुंचेगा। यह हमारे व्यवसाय के लिए बहुत बड़ी राहत है।" स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह कदम पचपदरा को फिर से नक्शे पर लाएगा और क्षेत्र की पुरानी शान बहाल करेगा।
आगे की प्रक्रिया
रेल मंत्रालय द्वारा DPR तैयार करने का काम जल्द शुरू होगा। इसके बाद परियोजना को मंजूरी और निर्माण कार्य की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसमें आधुनिक रेलवे सुविधाएं जैसे बेहतर प्लेटफॉर्म, सिग्नलिंग सिस्टम और यात्री सुविधाएं शामिल होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना कुछ ही समय में धरातल पर दिखाई देगी।
पचपदरा रेलवे स्टेशन का पुनर्जनन जोधपुर और बालोतरा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। मानवेंद्र जसोल की इस पहल और रेल मंत्री के त्वरित फैसले से क्षेत्र में विकास की नई उम्मीद जगी है। यह परियोजना न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगी, बल्कि पचपदरा को उसकी खोई हुई पहचान भी वापस दिलाएगी। स्थानीय लोग अब उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब पचपदरा में फिर से ट्रेनों की सीटी गूंजेगी।