गर्भवती दिल्ली महिला पुलिस कांस्टेबल का जज्बा 7 महीने की प्रेग्नेंसी में 145 किलो उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता, दुनिया भर में मचाया तूफान.
दिल्ली पुलिस की कांस्टेबल सोनिका यादव ने 7 महीने की प्रेग्नेंसी में आंध्र प्रदेश के अमरावती में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर 2025-26 में हिस्सा लिया। उन्होंने 145 किलो डेडलिफ्ट कर कुल 350 किलो का कम्बाइंड टोटल हासिल किया और ब्रॉन्ज मेडल जीता। उनकी हिम्मत ने सबको हैरान कर दिया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। सोनिका ने डॉक्टरी सलाह व विशेष ट्रेनिंग से यह कारनामा किया, जो महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गया।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2025: जज्बा हो तो हिम्मत कभी हार नहीं मानती—यह पुरानी कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है दिल्ली पुलिस की कांस्टेबल सोनिका यादव ने। महज 7 महीने की प्रेग्नेंसी के दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश के अमरावती में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर 2025-26 चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और 145 किलोग्राम का डेडलिफ्ट कर हर किसी की सांसें रोक दीं। यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं थी; सोनिका ने न सिर्फ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया, बल्कि महिलाओं के लिए एक नया इतिहास रच दिया। उनकी यह हिम्मत सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जहां लोग उन्हें 'सुपर वुमन' कहकर सलाम ठोक रहे हैं।
चैंपियनशिप का वह रोमांचक पल जो सबको चौंका गया
17 अक्टूबर को अमरावती के खेल स्टेडियम में जब सोनिका 84+ किलोग्राम कैटेगरी में प्लेटफॉर्म पर उतरीं, तो दर्शकों को लगा कि शायद उन्होंने अपनी पुरानी 65 किलोग्राम कैटेगरी से ऊपर शिफ्ट कर लिया है। ढीले कपड़ों में छिपी उनकी प्रेग्नेंसी किसी की नजर में न आई। पहले राउंड में उन्होंने स्क्वॉट में जबरदस्त 125 किलोग्राम उठाए, फिर बेंच प्रेस में 80 किलोग्राम का वजन हिलाए बिना संभाला। लेकिन असली धमाका तीसरे राउंड में हुआ—डेडलिफ्ट में उन्होंने 135 किलोग्राम का लक्ष्य रखा था, लेकिन मेडल की दौड़ में बने रहने के लिए आखिरी पल में 145 किलोग्राम उठा लिया! कुल मिलाकर तीनों लिफ्ट्स में 350 किलोग्राम का कम्बाइंड टोटल हासिल कर उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल कब्जा लिया।डेडलिफ्ट के बाद जब प्रेग्नेंसी का खुलासा हुआ, तो स्टेडियम में सन्नाटा छा गया। फिर तालियां, चीयर्स और 'कम ऑन सोनी' के नारे गूंजने लगे। अन्य पुलिस फोर्सेस की महिला एथलीट्स ने उन्हें गले लगाया, फोटो खिंचवाईं और कहा, "तुमने साबित कर दिया कि प्रेग्नेंसी कोई बीमारी नहीं, बल्कि ताकत का नया रूप है।" सोनिका के पति अंकुर बाना ने भी बेंच प्रेस के बाद उनका सहारा दिया, लेकिन तब किसी ने शक नहीं किया।
सोनिका की प्रेरणादायक जर्नी: कबड्डी से पावरलिफ्टिंग तक
31 वर्षीय सोनिका यादव 2014 बैच की दिल्ली पुलिस कांस्टेबल हैं और वर्तमान में नॉर्थ दिल्ली के कम्युनिटी पुलिसिंग सेल में तैनात हैं। पहले वे मजनू का टीला इलाके में बीट ऑफिसर रहीं, जहां उन्होंने एंटी-ड्रग अवेयरनेस कैंपेन में अहम भूमिका निभाई। खेलों से उनका पुराना नाता है—शुरुआत कबड्डी से हुई, जहां उन्होंने दिल्ली पुलिस की ओर से प्रतिनिधित्व किया। 2023 में जिम जॉइन करने के बाद पावरलिफ्टिंग ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया। उसी साल उन्होंने दिल्ली स्टेट पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।मई 2025 में जब प्रेग्नेंसी की खबर आई, तो कईयों ने ट्रेनिंग रोकने की सलाह दी। पति अंकुर को लगा कि अब जिम की रस्सियां ढीली पड़ जाएंगी, लेकिन सोनिका ने हार नहीं मानी। उन्होंने इंटरनेट पर सर्च किया और अमेरिकी पावरलिफ्टर लूसी मार्टिंस से इंस्टाग्राम पर संपर्क किया, जो खुद प्रेग्नेंसी के दौरान लिफ्टिंग कर चुकी थीं। लूसी के टिप्स—'पेट को सिकोड़कर नॉर्मल लिफ्ट करें'—पर अमल करते हुए सोनिका ने डॉक्टरी सुपरविजन में ट्रेनिंग जारी रखी। बेल्ट न बांध पाने की वजह से तकनीक में बदलाव किया, लेकिन जज्बा कभी कम नहीं हुआ। "मैं नहीं चाहती कि प्रेग्नेंसी को कोई सेटबैक या बीमारी समझा जाए। यह मेरी और मेरे बच्चे की जीत है," सोनिका ने कहा।
सम्मान और बहस: प्रेरणा के साथ सावधानी की सीख
सोनिका की यह उपलब्धि दिल्ली पुलिस के लिए गर्व का विषय है। दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर लिखा, "सीमाओं को तोड़ते हुए ताकत को नया आकार देना—7 महीने की प्रेग्नेंसी में 350 किलोग्राम लिफ्ट कर ब्रॉन्ज जीता!" 2022 में दिल्ली पुलिस कमिश्नर से सम्मानित हो चुकीं सोनिका को महिला दिवस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी सराहा था। अब यह वीडियो करोड़ों व्यूज बटोर रहा है, और लोग कह रहे हैं, "सोनिका ने दिखा दिया कि असली स्ट्रेंथ क्या होती है।"हालांकि, उनकी फिटनेस ने एक बहस भी छेड़ दी—क्या प्रेग्नेंसी में हेवी वेटलिफ्टिंग सेफ है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि सुपरवाइज्ड रेसिस्टेंस ट्रेनिंग फायदेमंद हो सकती है, लेकिन रिस्क जैसे प्रीटर्म लेबर या ब्लीडिंग से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी। डॉ. सोनाली गुप्ता जैसी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि 5-10 किलोग्राम से ज्यादा लिफ्टिंग जोखिम भरी हो सकती है। सोनिका खुद कहती हैं, "मेरा उद्देश्य दूसरी महिलाओं को प्रेरित करना है, लेकिन हर कोई अपनी कंडीशन के हिसाब से फैसला ले।"सोनिका यादव की कहानी सिर्फ एक मेडल की नहीं, बल्कि हिम्मत, लगन और बदलते दौर की है। एक मां, पुलिसकर्मी और एथलीट के रूप में वे साबित कर रही हैं कि अगर जज्बा हो, तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं।